जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
चूरू : सर्दी से बचने के लिए चूरू जिले के गौरीसर गांव में कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे एक ही परिवार के तीन लोगों की दम घुटने से मौत हो गई. वहीं एक 3 महीने के मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। मरने वालों में मां-बेटी शामिल है।
CI सुभाष बिजारणिया ने बताया कि रविवार रात को गौरीसर गांव निवासी अमरचंद प्रजापत (60) की पत्नी सोना देवी, बहू गायत्री देवी (36) पत्नी राजकुमार, पोती तेजस्वनी (3) और 3 महीने का पोता खुशीलाल एक कमरे में सो रहे थे।
रात को सर्दी से बचने के लिए सास-बहू ने कमरे में सिगड़ी जला रखी थी। सुबह करीब 8 बजे तक उनके कमरे का गेट नहीं खुला तो अमरचंद ने कमरे का गेट खटखटाया, लेकिन कोई आवाज नहीं आई। इस पर अमरचंद ने खिड़की तोड़कर देखा तो सभी लोग चारपाई पर सोते नजर आए और कोई हलचल नहीं थी। 3 महीने का पोता खुशीलाल रो रहा था।
उन्होंने बताया कि अमरचंद खिड़की से कमरे में घुसा तो पत्नी, बहू और पोती मृत मिले। दादा ने 3 महीने के पोते खुशीलाल को बाहर निकाला और पड़ोस के लोगों के साथ अस्पताल पहुंचाया। बच्चे की हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने उसको चूरू के डीबी अस्पताल रेफर कर दिया। यहां पीकू वार्ड में एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम बच्चे के इलाज में लगी हुई है। बच्चे की हालत बहुत सीरियस होने के कारण उसको वेंटिलेटर पर रखा गया है।
सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच में सामने आया कि रात को कमरे में सिगड़ी जली हुई थी और खिड़की-दरवाजे बंद थे। सिगड़ी से निकले धुएं से कमरे में कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बढ़ गई और दम घुटने से सास-बहू और पोती की मौत हो गई, जबकि 3 महीने के पोते की हालत गंभीर बनी हुई है।
दादा के पास सोने से बचा 6 साल का पोता
परिवार के लोगों ने बताया कि दादा अमरचंद और 6 साल का पोता कमल अलग कमरे में सो रहे थे, जबकि सास-बहू और पोता-पोती अलग कमरे में थे। दादा के पास सोने से कमल की जान बच गई। अमरचंद का बेटा राजकुमार गुजरात में कंस्ट्रक्शन के ठेके लेता है। वह करीब एक सप्ताह पहले ही गांव आकर गया था। अमरचंद के दो बेटे हैं, जिनमें राजकुमार बड़ा और केदारमल छोटा है।
बीकानेर में पति-पत्नी की मौत
उधर, बीकानेर के बीछवाल थाना क्षेत्र में भी दम घुटने से पति-पत्नी की मौत हो गई। दोनों कूच बिहार के रहने वाले थे और यहां करणी इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। बताया जा रहा है कि अनिल (40) और पूर्णिमा (36) रात को कमरे में सिगड़ी जलाकर सो गए थे। सुबह घर में कोई हलचल नहीं हुई तो आसपास के लोगों ने संभाला। दोनों के शरीर में किसी तरह की हरकत नहीं होने पर पुलिस को सूचना दी गई। जिसके बाद दोनों को पीबीएम अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।