चूरू-सादुलपुर : राजस्थान के कर्नल रमेश सिंह राठौड़ शिलांग (मेघालय) में शहीद हो गए। वो चूरू के रहने वाले थे। राठौड़ सेना के शिलांग हेड क्वार्टर 101 एरिया में कर्नल-ए (12 आर्म्ड रेजिमेंट) के पद पर तैनात थे। शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम को सिद्धमुख मोड़ पहुंचा। यहां से 20 KM की तिरंगा यात्रा के साथ उनके पैतृक गांव घणाऊ (सादुलपुर) ले जाया गया। यहां सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, कर्नल रमेश सिंह राठौड़ (49) मंगलवार देर शाम को ड्यूटी के बाद पैदल अपने घर लौट रहे थे। इस दौरान रास्ते में स्कॉर्पियो ने उनको टक्कर मार दी। कर्नल राठौड़ की मौके पर ही मौत हो गई। गांव में जैसे ही उनकी शहादत की खबर आई तो शोक छा गया। कर्नल का परिवार उनके साथ शिलांग में ही था, जो उनके पार्थिव शरीर के साथ ही गांव आया हैं। गांव में उनके रिश्तेदार रहते हैं। शहीद के गांव में सुबह से ही भीड़ जुटी हुई है।
सिद्धमुख मोड़ से निकाली जाएगी तिरंगा यात्रा
कर्नल रमेश सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह शिलांग से दिल्ली पहुंचा। इस दौरान उनके पिता कल्याण सिंह (80), पत्नी प्रियंका राठौड़ (45), बड़ा बेटा सूर्यवंश सिंह राठौड़ (18) और कीर्ति वर्धन राठौड़ साथ थे। उधर, गांव से शहीद के दोनों बड़े भाई दिल्ली पहुंचे और पार्थिव शरीर को लेकर गांव रवाना हुए थे।
पिता की रेजिमेंट में ही हुए थे भर्ती
शहीद के पिता कल्याण सिंह सेना में कैप्टन थे। वो 12 आर्म्ड रेजिमेंट से रिटायर्ड हुए थे। रमेश सिंह साल 1998 में सेना में भर्ती हुए थे। वो तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई रणजीत सिंह (58) भी आर्म्ड रेजिमेंट से रिटायर हैं। त्रिभवन सिंह (55) रावतसर (हनुमानढ़) में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। दो बहनें पुष्पा (52) और अनिता (45) हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। माता उम्मेद कंवर का 2017 निधन हो गया था।
नौकरी के बाद परिवार को ले गए थे साथ
रमेश साल 2000 में अपने माता-पिता को शिलांग ले गए थे। साल 2001 में जयपुर की प्रियंका के साथ उनकी शादी हुई थी। उनके 2 बेटे हैं। बड़ा बेटा सूर्यवंश सिंह राठौड़ 6 महीने पहले पुणे के नेशनल डिफेंस एकेडमी जॉइन की थी। छोटा बेटा कीर्ति वर्धन राठौड़ 10वीं क्लास में पढ़ता है। रमेश 24 अगस्त 2022 को ससुर नंदकिशोर की बरसी पर जयपुर आए थे। इस दौरान अपने पैतृक गांव में रुके थे। उनके ससुर नंदकिशोर भी आर्मी में थे।