प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों से मुलाकात की बात की। PM मोदी ने कहा कि ‘जब मैं छोटा था, तो मेरे स्कूल के शिक्षक मुझसे आग्रह करते थे कि मैं राजाजी द्वारा लिखी गई रामायण को धीरे-धीरे पढ़ना शुरू करूं’ साथ ही उन्होंने शिक्षकों को स्थानीय लोककथाओं को अपने पाठों में शामिल करने और छात्रों को विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों से परिचित कराने के लिए उन्हें विभिन्न भाषाओं में पढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
PM मोदी ने सलाह देते हुए ये भी कहा कि ‘स्थानीय लोककथाओं को विभिन्न भाषाओं में पढ़ाएं, ताकि छात्र अनेक भाषाएं सीख सकें और हमारी जीवंत संस्कृति का अनुभव कर सकें। आज के युवाओं को विकसित भारत के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी शिक्षकों के हाथों में है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और शिक्षा पर इसके प्रभाव पर चर्चा की और अपनी मातृभाषा में सीखने के महत्व के बारे में बात की।
यहीं नहीं PM मोदी ने ये भी कहा कि शिक्षक छात्रों को भारत की विविधता का पता लगाने में मदद करने के लिए शैक्षिक भ्रमण का आयोजन कर सकते हैं। ऐसी गतिविधियों से न केवल सीखने की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उन्होंने प्रस्ताव दिया कि पुरस्कार विजेता शिक्षकों को सामूहिक शिक्षा और सुधार को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे से जुड़ना चाहिए।
आपको बता दें कि इस साल ‘नेशनल टीचर्स अवॉर्ड’ के लिए देशभर से 82 शिक्षकों का चयन किया गया था, जिनमें स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा चुने गए 50 शिक्षक, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चुने गए 16 शिक्षक और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा चुने गए 16 शिक्षक शामिल हैं।