आज इतिहास में पहली बार कोई मरीज अस्पताल की डायरेक्टर और डॉक्टर के खिलाफ तहरीर लेकर थाने पहुंचा। ये हैरान कर देने वाला मामला नोएडा के थाना सेक्टर 24 से सामने आया है। जहां ईएसआईसी अस्पताल की डायरेक्टर और डॉक्टर के खिलाफ जान से मारने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए लीवर ट्रांसप्लांट के लिए प्राइवेट अस्पताल में ना रेफर करने का आरोप पीड़ित सीबी थापा और उनके परिजन ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया है।
मामले का संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी सेक्टर 24 ने मरीज की गंभीर अवस्था देख अस्पताल पहुंचकर द्वारा स्थित वेंकटेश्वर अस्पताल रेफर करा दिया।
जानकारी देते हुए उनके साथ थाने पहुंचे युवा क्रांति सेना के अध्यक्ष अविनाश सिंह ने बताया की सीबी थापा अपने लीवर ट्रांसप्लांट के लिए 6 माह से निरंतर ईएसआईसी अस्पताल के चक्कर काट रहे थे। अब उनकी हालत गंभीर होने पर ईएसआईसी अस्पताल ने उन्हें यथार्थ अस्पताल भेजा था जहां अस्पताल ने पिछले एक हफ्ते में दो बार टिप्स डालने के लिए ईएसआईसी अस्पताल से परमिशन मांगी मगर दोनों बारे अस्पताल की डायरेक्टर ने मना कर दिया और गंभीर अवस्था में यथार्थ से डिस्चार्ज करवा दिया। अस्पताल डायरेक्टर की मंशा ठीक नही थी और उनके द्वारा निरंतर किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ थाने में तहरीर दी।
पीड़ित के साथ पहुंचे अर्जुन प्रजापति और अंकुर शर्मा ने बताया की पूर्व में भी ईएसआईसी की डायरेक्टर ने गुमराह करते हुए ऐसे अस्पताल में रेफर कर दिया था जो ईएसआई पैनल में ही नही था। ऐसे में अगर मरीज को कुछ भी हुआ तो डायरेक्टर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कराई जाएगी।