Shootout In Train: फायरिंग में मारे गए असगर का मासूम बेटा मां से पूछ रहा अब्बू कहां गए…? बेटी का छलका दर्द

जयपुर : एक हादसा…एक घटना पूरे परिवार को बिखेर देता है। बीते रविवार को  जयपुर मुंबई एक्सप्रेस में एक कांस्टेबल ने गोली मारकर चार लोगों की हत्या कर दी। इनमें जयपुर के रहने वाले असगर भी शामिल थे। वो असगर जो ट्रेन में सवार होकर कमाने के लिए मुबंई जा रहा था। उसे उम्मीद थी कि अगर उसका काम सही चल निकला तो जल्द ही अपने परिवार को मुबंई बुला लेगा। रविवार सुबह बेटी से कॉल पर हुई बातचीत में भी असगर ने यही कहा था। लेकिन, सोमवार को असगर की पत्नी के फोन की घंटी बजी तब तक पूरी कहानी बदल गई थी।

इस घटना को लेकर मृतक असगर अली की बेटी ने अपना दर्द बयां किया है। जानिए बेटी ने क्या कहा…  
भट्टा बस्ती में रहने वाले असगर अली मूल रूप से बिहार के मधुबनी का रहने वाला था। जयपुर में वह अपनी पत्नी और 5 नाबालिक बच्चों के साथ किराए के मकान में रहता था। उसके 4 बेटियां और 1 बेटा है। उसकी सबसे बड़ी बेटी ने बताया कि

अब्बू से रविवार सुबह फोन पर बात हुई थी। उन्होंने कहा था- जैसे ही मेरा काम मुंबई में ठीक से चलने लगेगा तो तुम सब को अपने पास बुला लूंगा। हम फिर एक साथ रहेंगे। फोन खराब होने की वजह से अब्बू ने ज्यादा बात नहीं की थी। उन्होंने कहा था कल मुंबई पहुंचकर कॉल करूंगा। सुबह से हम अब्बू के फोन का इंतजार कर रहे थे, अचानक फोन की घंटी बजी।

अब्बू की जगह कॉल पर कोई अंजान व्यक्ति बात कर रहा था, उसने अपने आप को रेलवे का कर्मचारी बताया और अब्बू के बारे में जानकारी मांगी। इसके बाद बताया कि ट्रेन में आपके पिता की मौत हो गई है, उन्हें गोली लगी है। अब्बू के इंतकाल की खबर सुनते ही हमारे पैरों तले जमीन खसक गई। हमें विश्वास ही नहीं हुआ कि अब्बू इस तरह से हमें छोड़ के चले जाएंगे। यह सुनते ही अम्मी रोने लगीं और जमीन पर गिर गईं। छोटे भाई बार-बार पूछ रहा था अब्बू कहां है, कब आएंगे।

एक साल से जयपुर में रह रहा परिवार
जानकारी के अनुसार जयपुर की भट्टा बस्ती में किराए के मकान में रह रहे  असगर अली का परिवार बिहार के मधुबनी का रहने वाला है। कोरोना काल में मुंबई की मस्जिद में सफाई कर्मचारी की नौकरी छोड़कर असगर जयपुर आए थे। 1 साल से वह यहां रह रहे थे। घर खर्च चलाने के लिए असगर मजदूरी का काम करता था। स्थाई काम ना होने के कारण उस पर कर्ज बढ़ता जा रहा था। इस कारण उसने मुंबई लौटने का फैसला किया था। सोमवार को ट्रेन में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

परिवार का इकलौता कमाने वाला था असगर
असगर जयपुर में अपनी पत्नी और 5 नाबालिक बच्चों के साथ रहता था। वह परिवार में अकेला कमाने वाला था। उसकी मौत के बाद नाबालिग बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। रेलवे ने असगर के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही है। 15 हजार रुपये नकद दे दिए गए हैं। बची हुई राशि असगर की पत्नी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

क्या है मामला? 
महाराष्ट्र के पालघर में जयपुर-मुम्बई एक्सप्रेस ट्रेन में सोमवार सुबह आपसी कहासुनी में आरपीएफ कांस्टेबल चेतन ने अपने सीनियर एएसआई समेत चार लोगों को गोली मार दी थी। घटना में मारे गए  सीनियर एएसआई टीकाराम मीणा मूल रूप से राजस्थान के सवाई माधोपुर के श्यामपुरा गांव के रहने वाले थे। वहीं, अगसर अली अपने परिवार के साथ जयपुर में रह रहा था।

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