झुंझुनूं-चिड़ावा : शुक्रवार देर रात जारी हुए 12वीं साइंस (दिव्यांग श्रेणी) के परिणाम में कुचामन के छात्र अंशुमन ने सबको चौंका दिया। परीक्षा से पहले डेंगू की चपेट आए छात्र ने जहां पहले डेंगू को हराया और कड़ी मेहनत की, जिसका परिणाम ये रहा कि छात्र अंशुमन पुत्र लीलाराम राजोरिया ने 99 प्रतिशत अंक हासिल कर टॉप किया।
लोहिया संस्था के निदेशक जगपाल सिंह यादव और चेयरमैन रामसिंह नेहरा ने बताया कि विद्यार्थी अंशुमन ने 500 में से 495 अंक प्राप्त किए, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, रसायन विज्ञान और गणित में तो 100 में से 100 अंक हासिल किए। वहीं फिजिक्स में 95 अंक प्राप्त किए।
आपको बता दें कि दिव्यांग श्रेणी के विद्यार्थी को परीक्षा में अतिरिक्त समय दिया जाता है। वहीं पेपर भी सामान्य विद्यार्थियों की तुलना में अलग ही होता है, जिसका परिणाम भी अलग ही जारी होता है।
खेतड़ी पंचायत समिति के बेसरड़ा निवासी अंशुमन के पिता लीलाराम कैमेस्ट्री के लेक्चरर हैं और माता प्रेमदेवी गृहणी हैं। अंशुमन को अच्छे अंक आने की पूरी उम्मीद थीं। मगर अंशुमन की माता प्रेमदेवी और वो खुद डेंगू की चपेट में आ गए। लेकिन ठीक होने के बाद पिता-पिता और विद्यालय स्टाफ ने उसकी हिम्मत बढ़ाई और अंशुमन ने प्रतिदिन छह-सात घंटे नियमित रूप से अध्ययन कर माता पिता के सपने को साकार किया।
इधर अंशुमन के टॉप करने पर लोहिया स्कूल में जश्न मनाया गया। इस मौके पर पालिका उपाध्यक्ष अभयसिंह बड़ेसरा, सचिव प्रदीप नेहरा, प्रिंसीपल प्रमोदिनी दुबे, प्रधानाचार्या प्रमिला झाझडिय़ा, ममता नेहरा आदि मौजूद थे।
आपको बता दें कि अंशुमन के पिता लीलाराम और उनकी माता प्रेम देवी पहले लोहिया सीसै स्कूल में ही अध्यापन करवाते थे। मगर बेटे की पढ़ाई के लिए प्रेम देवी ने पढ़ाना छोड़ दिया। अंशुमन ने बताया कि भविष्य में वह आईआईटी में जाना चाहता है। जिसके लिए नियमित रूप से तैयारी भी कर रहा है।