झुंझुनूं : जंतर-मंतर पर न्याय मांग रही महिला पहलवान बेटियों को घसीटकर गिरफ्तार करने, बर्बर दमन कर शान्ति पूर्वक चल रहे आंदोलन को असंवैधानिक तरीके से कुचलने के विरोध में जिला कलेक्टर झुंझुनूं के सामने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया

झुंझुनूं : जंतर-मंतर पर न्याय मांग रही महिला पहलवान बेटियों को घसीटकर गिरफ्तार करने, बर्बर दमन कर शान्ति पूर्वक चल रहे आंदोलन को असंवैधानिक तरीके से कुचलने के विरोध में जिला कलेक्टर झुंझुनूं के सामने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया। किसान नेता चौधरी चरणसिंह को माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। किसान नेता चौधरी चरणसिंह अमर रहे,के नारे लगाए। जंतर मंतर पर पहलवान बेटियों द्वारा किए जा रहे, शान्ति पूर्ण आन्दोलन को जिस बर्बर तरीके से कुचलने की चेष्टा की गई,उसको लेकर आक्रोश व्यक्त किया गया। धरना स्थल पर उपस्थित लोगों ने इंकलाब जिंदाबाद, पहलवान बेटियों के साथ न्याय करो, जन आंदोलन पर दमन नहीं सहेंगे, बृजभूषण को गिरफ्तार करो, संविधान और लोकतंत्र को कुचलना बंद करो, जब जब जुल्मी जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों में, पता पता गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद, भाजपा सरकार मुर्दाबाद, मोदी सरकार तेरी तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए गए। विरोध सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि कल का दिन इतिहास में काले दिवस के रूप में याद किया जाएगा।

एक तरफ नये संसद भवन का उद्घाटन करते हुए लोकतंत्र की दुहाई दी जा रही थी तो दूसरी ओर जंतर-मंतर पर न्याय मांग रही पहलवान बेटियों को बर्बर तरीके से घसीटकर जबरदस्ती गिरफ्तार कर शान्ति पूर्वक चल रहे आंदोलन को कुचलने की चेष्टा की जा रही थी। ये देश का दुर्भाग्य है कि न्याय मांग रही महिला पहलवानों को पैरों तले रौंदा गया। बलात्कार के आरोपी को गिरफ्तार करने की बजाय महिला खिलाडियों को एवं उनके समर्थन में आये नागरिकों को गिरफ्तार किया गया व अपमानित कर गिरफ्तार कर थानों में बैठा दिया गया। भाजपा सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की असलियत सामने आ गई। ये सिर्फ झुठा नारा है। ये भारत के पूंजीवादी लोकतंत्र की असलियत और निर्मम फासीवादी निरंकुशता की ओर बढ़ते भारत की मिशाल है। अगर महिला बेटियों को न्याय नहीं मिला तो भाजपा सरकार के प्रतिनिधियों को किसान मजदूर छात्र नौजवान गांवों में नहीं चूसने नहीं दिया जाएगा, भाजपा को इसकी कीमत चुकानी ही पड़ेगी। विरोध सभा को जनता के जनवादी मोर्चा झुंझुनूं के संयोजक बजरंग लाल एडवोकेट, सहीराम बलौदा, रामस्वरूप गजराज, सहदेव कस्वा, फूलचंद बुडानिया, अशोक मांजू, लीलाधर डिगरवाल, कै मोहनलाल, रामलाल डुडी, ने सम्बोधित किया व जगमालसिंह ने मोदी शिखंडी है, कविता प्रस्तुत की।

इसके अलावा विरोध प्रकट करने वालों में रणजीत सिंह एडवोकेट, धर्मपाल बंशीवाल, युनूस अली भाटी, घासीराम सोऊ, धर्मपाल डारा, बूटी राम मोटसरा, सुभाष चन्द्र, बीरबल स्वामी, ओंकार मल कुलहरी, बनवारीलाल जाट, राजेन्द्र बेनीवाल, नरोत्तम शर्मा एडवोकेट, महेन्द्र बाबल, महावीर सिंह, कुलदीप बुगालिया, ओमप्रकाश तेतरवाल, रोहिताश एडवोकेट, लीलाधर पारिडिया, कैप्टन जयसिंह, रणधीर सिंह झाझडिया, लेखराम कालेर, अजीज अहमद, उदय नायक आदि मौजूद रहे।

संचालन बजरंग लाल एडवोकेट संयोजक जनता का जनवादी मोर्चा झुंझुनूं,

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