झुंझुनूं-खेतड़ी : राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में नए जिले बनाने की घोषणाओं के साथ ही अब खेतड़ी को जिला बनाने की मांग उठने लगी है। क्षेत्र के लोगों ने खेतड़ी को राजनीतिक शिकार बनाने का आरोप लगाते हुए सरकार से खेतड़ी को जिला बनाने की मांग की है। इस संबंध में क्षेत्र के लोगों ने शनिवार को खेतड़ी नगर में बैठक कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी भेजा है।
बैठक को संबोधित करते हुए नेशनल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस के राष्ट्रीय सचिव राजकुमार बाडेटीया ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट भाषण में 19 नए जिले बनाने की घोषणा की है। कोटपुतली, नीमकाथाना को जिला घोषित किया गया। वहीं खैरथल जैसे छोटे से कस्बे व दूदू जैसी छोटी सी ग्राम पंचायत को जिला बनाया गया, जिससे खेतड़ी की जनता को बहुत बड़ी ठेस पहुंची है। खेतड़ी प्रदेश की राजधानी जयपुर के बाद कभी दुसरी सबसे बड़ी रियासत हुआ करती थी। सरकार की ओर से जिला बनाई गई कोटपुतली तक का क्षेत्र खेतड़ी रियासत के अधीन आता था। वर्तमान में खेतड़ी मे 135 राजस्व गांव है।
राजकुमार बाडेटीया ने कहा कि भारत सरकार का सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड खेतड़ी तहसील में कार्यशील है, जो कि तांबे की सबसे बड़ी खदान है। इसके अलावा भारतीय सेना का आयुध डिपो खेतड़ी में स्थापित है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत गोठड़ा ग्राम पंचायत खेतड़ी में है। विश्व में देश का नाम करने वाले स्वामी विवेकानंद की याद में बना स्वामी विवेकानंद अजीत संग्रहालय खेतड़ी में ही बना हुआ है जो आज पर्यटन के रूप में अपनी अलग पहचान बना रहा है। ऐसे में खेतड़ी को जिला नहीं बनाने से खेतड़ी की जनता बहुत हताश हुई है। इस मौके पर प्रदेश सचिव बबलू अवाना, प्रदेशाध्यक्ष हरसत हुसैन, सतनारायण सोनी, समाज सेवी रमेश पांडे, जितेंद्र सोनी, विजेश शर्मा, मुकेश राजपूत, राजू जांगिड़, रियाज सहित अनेक लोग मौजूद थे।