झुंझुनूं-खेतड़ी : अब तक दोनों ही झुंझुनूं जिले की खास पहचान रहे हैं:तांबे का खजाना व विवेकानंद स्मारक जा सकते हैं नए जिले नीमकाथाना में

झुंझुनूं-खेतड़ी : भारत के सबसे बड़े तांबे के खजाने में शामिल खेतड़ी क्षेत्र भी झुंझुनूं के लिए गर्व का विषय नहीं रहेगा। लेकिन अब नए बने नीमकाथाना जिले के क्षेत्र में खेतड़ी के तांबे के भंडार चले जाएंगे। इसके अलावा यहां के तांबे के कारखाने भी अब नीमकाथाना जिले में जाने की संभावना है। अभी तक जीके में सवाल आता है कि तांबे के सर्वाधिक भंडार राजस्थान के किस जिले में है, इसका सही जवाब होता था झुंझुनूं, लेकिन अब यदि खेतड़ी क्षेत्र दूसरे जिले में चला गया तो इसका जवाब बदलकर नीमकाथाना जिला हो जाएगा। वहीं युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद के बारे में कहते रहे हैं वे अपने जीवनकाल में तीन बार झुंझुनूं जिले के खेतड़ी कस्बे में आए थे। वहां उनकी अनेक यादें हैं। अजीत-विवेक संग्रहालय भी बना हुआ है। अब यह संग्रहालय भी नीमकाथाना जिले में चला जाएगा।

झुंझुनूं की आय घटेगी

किसी भी जमीन का पट्टा बनता है तो उसकी रजिस्ट्री से जिले को आय होती है। वह आय अब कम हो जाएगी। इसके अलावा खनिज पदार्थ सबसे ज्यादा नीमकाथाना व उदयपुरवाटी में है उससे मिलनी वाली रॉयल्टी अब इस जिले को नहीं मिलेगी।

मनीष अग्रवाल, सीए

राजस्व में कमी आएगी

उदयपुरवाटी व खेतड़ी क्षेत्र से बजरी व चेजा पत्थर से जिले को काफी राजस्व की प्राप्ति होती है। यह राजस्व अब नीमकाथाना में चला जाएगा। वन क्षेत्र सबसे ज्यादा खेतड़ी व उदयपुरवाटी में है, वह घट जाएगा। प्राकृतिक संसाधन कम हो जाएंगे। झुंझुनूं के नजदीक बड़ागांव, हांसलसर व अन्य गांवों के लोगों को असुविधा होगी।

मनु धनखड़, सीए

 

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