झुंझुनूं-सिंघाना : माफियाओं ने विरोध के बीच माइंस में उतारी पोकलैंड मशीनें:पुलिस पहुंची तो भाग छूटे, धरने पर बैठे लोगों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

झुंझुनूं-सिंघाना : सिंघाना के डूमोली कलां पंचायत के सिहोडिया की ढाणी में लीज धारकों व ग्रामीणों के बीच विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। खनन माफियाओं ने शनिवार को खदानों में खनन के लिए पोकलैंड मशीनें उतारने का प्रयास किया, लेकिन 20 दिन से धरने पर बैठे लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची लोग मशीनों को लेकर चले गए।

ग्रामीणों ने कहा कि बिना मर्जी के पहाड़ से एक भी पत्थर उठाया तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए लीजों का आवंटन पूरी तरह गलत बताया है। माफियाओं द्वारा खनन कर सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर खनन किया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

गलत रिपोर्ट बनाने का आरोप

सामाजिक कार्यकर्ता नौरंग डांगी भी धरने पर पहुंचकर लोगों को समर्थन किया। उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से वे अपने गांव को बचाने के लिए ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि उनकी सुध तक लेने नहीं आ रहे हैं। डांगी ने कहा कि ग्रामीणों को सुकून भरा जीवन जीने के लिए उनके जल, जंगल और जमीन के अधिकारों को कुछ रसूखदारों को सौंप देने से आम व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन होता है। उन्होंने कहा कि लीज आवंटन के समय की जो मौके की रिपोर्ट बनाई गई वह गलत थी।

ग्रामीणों ने बताया कि सघन आबादी खनन क्षेत्र के बाद मुख्य सड़क एवं गोचर भूमि में आवंटन की गई ली थी, जो निरस्त योग्य है। इस मौके पर भीमसिंह, रामेश्वर, बुधराम, रामनिवास, रामसिंह, लक्ष्मीनारायण, पप्पू, दलीप सिंह, बिल्लू, सुभाषचंद्र, होशियार सिंह, बाबूलाल, रामपत, हरिसिंह, दुर्गाप्रसाद, शिवकुमार, करणसिंह, सुबेसिंह, हवा सिंह सहित अनेक लोग मौजूद थे।

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