जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर
झुंझुनूं : सेना के जवान इन दिनों झुंझुनूं जिले में हर तहसील और गांव में घर-घर जाकर पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं की समस्याएं जान रहे हैं। इनमें कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। इनमें मुख्य रूप से पेंशन, जमीन बंटवारा, राशन कार्ड नहीं बनने, सर्विस रेकॉर्ड दुरुस्तीकरण, मेडिकल सुविधाएं नहीं मिलने आदि समस्याएं सामने आ रही हैं। इन समस्याओं के समाधान जिला स्वर्ण जयंती स्टेडियम पर 14 जनवरी को होने वाली सेना रैली के दौरान किया जाएगा।
सैनिकों की चार टीमें काम पर:भारतीय सेना के अधिकारी गांव-गांव में घूमकर पूर्व सैनिकों व उनके परिवार के सदस्यों की समस्याओं को सुन रहे हैं। जिले में सैनिकों की चार टीम सुबह सात बजे गांवों के लिए निकल जाती है और देर शाम को वापस लौटकर आती हैं। यह कार्य 14 दिसम्बर से शुरू किया गया है और 14 जनवरी तक चलेगा। समस्याओं के समाधान के लिए 14 जनवरी को होने वाली रैली में अलग-अलग विभागों की स्टाल भी लगाई जाएगी।
यह हैं मुख्य समस्याएं:
- पेंशन प्रकरण : पूर्व सैनिकों व वीरांगनाओं को पेंशन नहीं मिलने के प्रकरण सामने आ रहे हैं। कई वीरांगनाएं ऐसी हैं जिन्हें नए कानूनों की जानकारी नहीं है। इस कारण उनकी पेंशन तो ज्यादा लेकिन कम मिल रही है।उन्हें वन रेंक वन पेंशन का फायदा नहीं मिल पा रहा।स्पर्श एप की अधूरी जानकारी के चलते भी कम-पढ़े लिखे पूर्व सैनिकों के सामने पेंशन की दिक्कत आ रही हैं।
- जमीन बंटवारा : पूर्व सैनिकों व वीरांगनाओं के परिवारों के कई जगह जमीन के बंटवारे को लेकर झगड़े सामने आए हैं। वहीं, वीरांगनाओं को पड़ौसियों द्वारा तंग करने के मामले मसाने आए हैं। कई परिवारों को आने-जाने के लिए रास्ते नहीं मिले।
- राशन कार्ड : कई वीरांगनाओं के राशन कार्ड नहीं बने तो कइयों के राशन कार्ड का नवीनीकरण नहीं हुआ।
- सर्विस रेकॉर्ड : करगिल युद्ध सहित अन्य लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों के सर्विस रेकॉर्ड दुरुस्त नहीं होने से उनकी पत्नियों व परिजन को लाभ नहीं मिल पा रहा।
- नौकरी नहीं लगने के प्रकरण : कई शहीदों के परिवार के सदस्यों को नौकरी और पैकेज नहीं मिलने की शिकायतें सामने आई हैं।
कराया जाएगा निराकरण:
गांव-गांव जा रही सेना की टीमें समस्याओं को नोट कर रही हैं। 14 जनवरी को इनका निराकरण कराया जाएगा। पेंशन की दिक्कतें उनको आ रही है जो कम पढ़े-लिखे हैं। इसके लिए डीपीडीओ में एजेंसी बनाई है। वहां जाकर लोग अपना काम करवा रहे हैं।
कमांडर परवेज अहमद खान, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी (झुंझुनूं)