जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनू-चिड़ावा : कस्बे में पहली बार चेयरमैन सुमित्रा सैनी के प्रयासों से नगरपालिका की ओर से 10 दिवसीय चिड़ावा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 23 दिसंबर से शुरू होने वाले इस महोत्सव का समापन एक जनवरी को होगा। इस दरमियान हर दिन दोपहर और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा प्रतियोगिताएं होगी। वहीं करीब 200 से अधिक देश के कोने-कोने में प्रसिद्ध उत्पादों की स्टॉलें लगाई जाएगी। बावलिया बाबा के निर्वाणोत्सव पर होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रमों को भी इसमें ही शामिल किया गया है। 10 दिनों तक पूरा चिड़ावा कस्बा महोत्सव के रंग में रंगा नजर आएगा।
आयोजन की तैयारियों को लेकर मंगलवार को नगरपालिका परिसर में चेयरमैन सुमित्रा सैनी की अध्यक्षता में अलग-अलग वर्गों की बैठक हुई। जिसमें ना केवल अब तक की तैयारियों की समीक्षा की गई। बल्कि चर्चा के बाद आए सुझावों को भी अमलीजामा पहनाने का निर्णय लिया गया। चेयरमैन सुमित्रा सैनी व आयोजन में सक्रिय सहयोगी के रूप में भूमिका अदा कर रहे समाजसेवी शीशराम सैनी बिल्लू ने बताया कि 23 दिसंबर को चिड़ावा महोत्सव का आगाज मैराथन से होगा। पांच किलोमीटर की मैराथन 23 दिसंबर को सुबह सवा छह बजे चिड़ावा नगरपालिका से शुरू होगी। जो नया बस स्टैंड, स्टेशन रोड, कबूतरखाना बस स्टैंड, पुरानी तहसील रोड, विवेकानंद चौक, मुख्य बाजार, पंडित गणेशनारायण मार्ग, पुरानी बस्ती, श्रीश्याम मंदिर होते हुए बावलिया बाबा के मंदिर के पीछे स्थित मालियों की बगीची आयोजन स्थल तक पहुंचेगी। इसके लिए पंजीयन शुरू हो चुका है।
जिसमें युवाओं का खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इसके बाद दोपहर में शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कस्बे के लोगों के अलावा खासकर महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी होगी। बावलिया बाबा से लेकर, सामाजिक सरोकार बेटी बचाओ बेटी पढाओ, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता के अलावा राजस्थान की संस्कृति, देशभक्ति और धार्मिक प्रसंगों पर सजीव झांकियां मुख्य आकर्षण का केंद्र होगी। यह शोभायात्रा 23 दिसंबर को दोपहर दो बजे डालमिया खेलकूद मैदान से शुरू होगी और शाम पांच बजे तक मालियों की बगीची पहुंचेगी। जहां पर फीता काटकर और दीप प्रज्ज्वलित कर इस महोत्सव की औपचारिक शुरूआत की जाएगी। वहीं इसमें महिलाएं और पुरूष राजस्थानी वेशभूषा में नजर आएंगे।
तैयारियों की समीक्षा, चर्चा और सुझावों को लेकर हुई मंगलवार की बैठक में बैठक में नगरपालिका उपाध्यक्ष अभय सिंह बड़ेसरा, व्यापार मंडल अध्यक्ष महेश मालानी, पूर्व पालिका उपाध्यक्ष महेश हिम्मतरामका, सतीश शर्मा ओजटूवाला, अग्रवाल महासभा के अध्यक्ष देवानंद चौधरी, आॅटो यूनियन के अध्यक्ष रामनिवास सैनी, सामाजिक कार्यकर्ता संदीप हिम्मतरामका, कांग्रेस के नगर अध्यक्ष सूर्यकांत शर्मा, भाजपा नेता महेंद्र मोदी, विक्की सोलंकी, अजीत सिंह मुरादपुरीया, मनीष धाभाई, आमोद शर्मा, सतपाल जांगिड़, मनोज फतेहपुरिया सहित अन्य व्यापारी शामिल हुए।
नगरपालिका के पांच नंबर कमरे में होंगे रजिस्ट्रेशन
समाजसेवी शीशराम सैनी बिल्लू ने बताया कि आयोजन में हर दिन दोपहर को होने वाली प्रतियोगिताओं के अलावा शाम को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रतियोगिताओं के अलावा स्टॉल लेने वाले और मैराथन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया गया है। नगरपालिका कार्यालय के कमरा नंबर पांच में इसके लिए कार्यालय समय में रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। मुख्य रूप से जो प्रतियोगिताएं होंगी। उनमें नृत्य प्रतियोगिता, महिला मटका, पुरूष रस्सा खींचो, मिस्टर चिड़ावा, मिसेज चिडावा, मिस चिड़ावा आदि प्रतियांगिताएं होगी। वहीं सांस्कृतिक संध्या में एकल नृत्य व सामूहिक नृत्य जैसी प्रतियोगिताएं होगी। इसके अलावा सांस्कृतिक संध्या में बाहर से आने वाले कलाकार भी शाम को सात से रात नौ बजे तक प्रस्तुतियां देंगे। सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा और पुरस्कार वितरण एक जनवरी को महोत्सव के समापन के दिन की जाएगी।
10 दिनों तक करो शॉपिंग, देशभर से आएंगे उत्पाद बेचने
समाजसेवी शीशराम सैनी बिल्लू ने बताया कि 10 दिनों तक शॉपिंग का मजा भी कस्बे के लोग ले सकेंगे। इसके लिए करीब सवा सौ दुकानों को एक डोम बनाकर स्थापित करवाया जा रहा है। जहां पर देश के हर कोने से प्रसिद्ध उत्पाद उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा 85 के करीब स्टॉल स्थानीय लोगों को लॉटरी के द्वारा दी जाएगी। वहीं झूलों का आनंद भी 10 दिनों तक लगातार ले सकेंगे। महोत्सव में खरीदारी का समय सुबह आठ से रात 10 बजे तक रखा गया है।
मेले की दुकानें भी महोत्सव में लगेंगी
कार्यक्रम से जुड़े दीपक कुमार ने बताया कि इस बार बावलिया बाबा के मेले में लगनी वाली दुकानें और झूले भी मंदिर के पीछे आयोजन स्थल में ही लगाए जाएंगे। इससे बाबा के दर्शन आने वाले लोगों को भीड़ में धक्का मुक्की का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं मेले का वे अच्छे से आनंद ले सकेंगे। मंदिर परिसर के अलावा कस्बे के प्रमुख स्थानों पर 10 दिनों तक लाइटिंग कर दिवाली जैसा माहौल देखने को मिलेगा। हर मुख्य चौराहा और जगह दिवाली की तरह जगमग नजर आएगी।