झुंझुनू : राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 से गांवों में पर्यटन के नए द्वार खुलेंगे। इस योजना का वैसे तो पूरे राज्य को लाभ होगा मगर सबसे ज्यादा फायदा शेखावाटी को होने वाला है। दिल के झरोखे सी हवेलियां और दूर तक फैले रेत के धोरों को देखने के साथ ही पर्यटक अब खेतों और बाग-बगीचों में भी रुक सकेंगे। जिले के कई गांवों के खेतों और बगीचों में इस तरह का ग्रामीण पर्यटन लोगों को लुभा रहा है। इस योजना से उनको और बढ़ावा मिलेगा। किसान अब खेत में भी देसी-विदेशी पर्यटकों की आव भगत कर सकेंगे। खास बात यह है कि इसके लिए सरकारी अफसरों के ज्यादा चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेगे। बजट घोषणा वर्ष 2022-23 की पालना में तैयार योजना से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली पर्यटन इकाइयों की स्थापना से गांवों में रोजगार सृजित होंगे। साथ ही ग्रामीण हस्तशिल्प को संरक्षण मिलेगा। वहीं, देसी-विदेशी पर्यटक राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे।
ग्रामीण गेस्ट हाउस
कृषि पर्यटन
कैम्पिंग साइट
कैरावेन पार्क
स्टाम्प ड्यूटी में 100 फीसदी छूट
योजना के तहत 15 फीट चौड़ी सड़क पर न्यूनतम 1000 वर्गमीटर एवं अधिकतम 2 हैक्टेयर कृषि भूमि पर ऐसी चार प्रकार की इकाइयां अनुमत होंगी। इन इकाइयों को भू-संपरिवर्तन एवं बिल्डिंग प्लान अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। इनमें स्टाम्प ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट सहित कई प्रावधान किए गए हैं।
बुडाना गांव में रिटायर्ड फौजी जमील पठान ने एग्रो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इकाई स्थापित की है। नई नीति से वह अपने खेत में विदेशी पर्यटक रुकवा सकेंगे। अब पठान को बिल्डिंग प्लान के अनुमोदन की जरूरत नहीं पड़ेगी। रास्ता भी 15 फीट पर्याप्त रहेगा।
मंडावा से मुकुंदगढ़ व अन्य मार्गों पर ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे होटलों का ट्रेंड चल रहा है। पहले होटल के लिए सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाने पड़ते थे। अब एग्रो पर्यटन इकाई व कैरावेन पार्क खोलना बेहद आसान हो गया है।
उदयपुरवाटी क्षेत्र के पापड़ा गांव की उदयसिंह की ढाणी में युवा राजेश मिठारवाल ने अपने खेत में पर्यटकों को रुकवाने की व्यवस्था कर रखी है। यहां हर साल दिल्ली से पर्यटकों का दल आता है। बाइकर्स भी यहां आते रहते हैं। नई पर्यटन योजना से और फायदा मिलेगा।
-देवेन्द्र चौधरी, सहायक निदेशक, पर्यटन