Congress : राजस्थान के सियासी घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस आलाकमान फंसता नजर आ रहा है। इसके कई कारण भी सामने आ रहे हैं। पहला- गहलोत गुट के बगावती तेवर दिखाने के बाद भी अब तक नोटिस दिए गए तीन नेताओं पर कार्रवाई नहीं की है। इससे नाराज होकर राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने भी कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया।
वहीं, दूसरी तरफ सचिन पायलट के मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से कांग्रेस गुर्जर समाज के निशाने पर है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा तक को रोकने की धमकी दे चुके हैं। मंगलवार को उन्होंने साफ कर दिया कि अगर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता तो गुर्जर समाज भारत जोड़ो यात्रा का विरोध करेगा।
दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही उठापटक मची हुई है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की अदावत इसका सबसे बड़ा कारण है। वैसे तो दोनों नेताओं के बीच का टकराव विधानसभा चुनाव से पहले का है, लेकिन इसने बड़ा रूप 2020 में लिया जब पायलट ने खिलाफत कर दी। हालांकि, तब गहलोत सरकार बचाने में कामयाब हो गए। इसके बाद से दोनों नेताओं के रिश्ते खराब होते चले गए और राजस्थान कांग्रेस दो गुटों में बंट गईं।
सबसे पहले जानिए 25 सितंबर को क्या हुआ था?
इन नेताओं पर कार्रवाई नहीं करने का सबसे बड़ा डर सरकार पर आने वाले संकट को लेकर माना जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्यों विरोध के समय में गहलोत गुट के करीब 92 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपने इस्तीफे सौंप दिए थे। उन पर आज तक कोई फैसला नहीं हुआ। हांलाकि, बाद में कई विधायक आलाकमान के साथ होने की बात कह चुके हैं। इसके बाद भी गहलोत गुट के विधायकों की संख्या अधिक बताई जा रही है। ऐसे में हो सकता है कि कांग्रेस आलाकमान सरकार को खतरे से बचाने के लिए तीनों विधायकों और पायलट को सीएम बनाने को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रहा है।
राजस्थान में गुर्जर वोटर करीब छह फीसदी है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट गुर्जर समाज से ही आते हैं। ऐसे में उनका इस समाज पर काफी प्रभाव भी है। करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, भरतपुर, दौसा, कोटा, धौलपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, झुंझनू और अजमेर की करीब 35 से 40 सीटों पर गुर्जर वोटरों का प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस अगर गुर्जर समाज की मांग को दरकिनार करती है तो इसका भुगतान उसे आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में करना पड़ सकता है।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट दिए थे, हमने एमएलए नहीं, मुख्यमंत्री चाहिए। 3 दिसंबर को राहुल गांधी पायलट को मुख्यमंत्री बनाकर उनके साथ राजस्थान आएं। ऐसा हुआ तो पूरा समाज उनका स्वागत करेगा, नहीं तो वे हमारे सवालों का जवाब देने के लिए तैयार रहें। अगर, हमें जवाब नहीं मिले तो विरोध निश्चित है। बैंसला ने कहा कि अब समय आ चुका है। बनाना है तो बनाएं नहीं तो सीधे तौर पर माना कर दें। हम चार साल से इंतजार कर रहे हैं और कब तक करेंगे।