Bharat Jodo Yatra : राजस्थान कब पहुंचेगी यात्रा, किन जिलों में गुजरेंगे राहुल, सियासत के बीच क्या तैयारी? जानें

Bharat Jodo Yatra : कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा दिसंबर को पहले सप्ताह में राजस्थान में प्रवेश करेगी। अनुमान के मुताबिक यह यात्रा 3 दिसंबर को सबसे पहले झालावाड़ जिले से राज्य में प्रवेश करेगी। यात्रा के रूट को लेकर हो चल रही असमंजस शुक्रवार को खत्म होग। अब साफ हो गया गया है कि भारत जोड़ो यात्रा के रूट में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा। केंद्रीय कमेटी ने जो रूट तय किया है यात्रा उसी रूट से गुजरेगी, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसमें कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को साफ किया कि भारत जोड़ो यात्रा के रूट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। बहुत जरूरी होने पर, कुछ बदलाव संभव हो सकते हैं, लेकिन इसमें कोई बड़ा फेरबदल नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा प्रदेश के सात जिलों से गुजरेगी। राहुल गांधी दिसंबर के पहले सप्ताह में यात्रा के साथ झालावाड़ की झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से राज्य में प्रवेश करेंगे। इसके बाद कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर के मालाखेड़ा से होते हुए यात्रा राज्य के बाहर निकल जाएगी। उन्होंने यह भी किया कि 25 नवंबर वे खुद इस रूट पर जाएंगे और यात्रा को लेकर की जा रहीं तैयारियों का जायजा भी लेंगे।

सात जिलों की इन 8 विधानसभा सीटों से गुजरेगी यात्रा 
भारत जोड़ो यात्रा प्रदेश के सात जिलों की 18 विधानसभा सीटों को कवर करेगी। इसमें झालावाड़ की झालरापाटन, कोटा की रामगंज मंडी, लाडपुरा, कोटा उत्तर और दक्षिण विधानसभा सीट शामिल हैं। इसके बाद यह यात्रा बूंदी जिले की केशवरायपाटन विधानसभा सीट से होते हुए टोंक जिले में प्रवेश करेगी। इस दौरान यात्रा देवली और उनियारा विधानसभा क्षेत्र से गुजरेगी।

इसी तरह भारत जोड़ो यात्रा सवाई माधोपुर विधानसभा इलाके से बामनवास और लालसोट पहुंचेगी और दौसा में प्रवेश करेगी। जिले की दौसा, लालसोट, सिकराय और बांदीकूई विधानसभा क्षेत्र से होते हुए अलवर पहुंचेगी। जिले की अलवर ग्रामीण, अलवर रामगढ़, राजगढ़ और लक्ष्मणगढ़ विधानसभा होते हुए राज्य से बाहर निकल जाएगी, यानी हरियाणा राज्य में प्रवेश करेगी।

यात्रा में शामिल हो चुके हैं सीएम गहलोत।
यात्रा में शामिल हो चुके हैं सीएम गहलोत
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर क्या तैयारी? 
  • भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राजस्थान कांग्रेस खास तैयारी कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में भारत जोड़ो यात्रा का सीधा प्रसारण किया जाएगा। हर जिले के मुख्यालय पर एलईडी स्क्रीन लगाईं जाएंगे। जहां बड़ी संख्या में लोगों के बैठने की व्यवस्था भी की जाएगी।
  • भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने वाले 500 स्टेट यात्रियों का भी चयन कर लिया गया है। जो करीब 500 किलोमीटर की यात्रा में राहुल गांधी के साथ चलेंगे। इसके अलावा यात्रा के साथ हर जिले से डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, मजदूर और अन्य सभी समाज के लोगों को भी शामिल होंगे।
  • अनुमान के मुताबिक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 3 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करेगी। करीब 17 दिन यात्रा राज्य में रह सकती है। माना जा रहा है कि 20 दिसंबर तक भारत जोड़ो यात्रा के प्रदेश से बाहर निकल जाएगी।
  • भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की कई छोटी-बड़ी सभाएं भी होंगी। कोटा, दौसा और अलवर जिले में राहुल गांधी की बड़ी सभा कर सकते हैं। इसके अलावा जिन अन्य जिलों से भारत जोड़ो यात्रा गुजरेगी, वहां राहुल गांधी की छोटी-छोटी कई सभाएं भी हो सकती हैं।

गहलोत और पायलट की अदावत पुरानी

राजस्थान कांग्रेस में 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अदावत चल रही है। समय के साथ-साथ यह बढ़ती गई। 2020 में सचिन पायलट की खिलाफ के बाद राजस्थान कांग्रेस दो गुटों में बंट गईं। एक गहलोत और दूसरा पायलट गुट। इधर, सचिन पायलट के सीएम बनने की संभावना के बीच 25 सितंबर को गहलोत गुट ने पर्यवेक्षकों के सामने बगावत कर दी। इसके बाद से दोनों गुटों के बीच तनातनी बढ़ी हुई है। इसका असर भारत जोड़ो यात्रा पर भी देखने को मिला।

सचिन पायलट भी हुए थे यात्रा में शामिल।
सचिन पायलट भी हुए थे यात्रा में शामिल।
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर गुटबाजी क्यों? 
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जिस रूट से गुजर रही है वहां की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर गुर्जर और मीणा समाज की संख्या ज्यादा है। ऐसे में यह दोनों समाज इन सीटों पर निर्णायक भूमिका में रहते हैं। वहीं, कांग्रेस नेताओं की बात करें तो भारत जोड़ो यात्रा में आने वाले पांच जिलों में सचिन पायलट का दबदबा है। अलवर, बूंदी, सवाईमाधोपुर, टोंक और दौसा जिले में पायलट की पकड़ काफी मजबूत है। ऐसे में गहलोत गुट के नेता नहीं चाहते थे कि राहुल गांधी की यात्रा इन जिलों से गुजरे। इसलिए उसमें बदलााव कराने के प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
Web sitesi için Hava Tahmini widget