जयपुर : राजधानी के शास्त्री नगर में एक व्यापारी ने बुधवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले मृतक ने एक वीडियो बनाकर सुसाइड का कारण बताया है। उधर, गोली चलने की आवाज सुनकर परिवार के लोग कमरे में पहुंचे तो सामने कारोबारी लहूलुहान पड़े थे। परिवार वाले फौरन उन्हें कांवटिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
शास्त्री नगर थाना के एएसआई लक्ष्मण सिंह ने बताया कि मनमोहन सोनी (41) आरपीए के सामने स्वर्णकार कॉलोनी में रहते थे। इनका पानीपेच तिराहे के पास डिपार्टमेंटल स्टोर है। बुधवार दोपहर करीब 10.30 बजे मनमोहन ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से सीने में गोली मार ली। उस समय घर में मनमोहन, पत्नी नीतू सोनी (40), बेटा यश (20), मां और छोटे भाई रोहित सोनी की पत्नी मौजूद थी।
बेटा यश हादसे के वक्त शॉप पर जाने की तैयारी कर रहा था। अचानक फायर की आवाज सुनकर कमरे में गए तो सबके होश उड़ गए। उसके बाद तुरंत ही छोटे भाई रोहित को बुलाया। मनमोहन को गाड़ी से हॉस्पिटल लेकर गए। लेकिन तब उनकी मौत हो गई।
बिजनेसमैन ने सुसाइड से पहले वीडियो में क्या बोला…
सुसाइड से पहले मनमोहन सोनी ने वीडियो भी बनाया। इसमें उन्होंने कहा है- मैं सुसाइड करने का कई बार मन बना चुका हूं। इसे लेकर वह कई बार वीडियो भी बना चुका हूं। लेकिन हिम्मत नहीं हुई। मेरी आत्महत्या का जिम्मेदार सत्यार्थ तिवाड़ी, यर्थात तिवाड़ी, रमेश चंद तिवाड़ी, एनी भारद्धाज और लोकराज पारीक हैं। इनको सजा दें।
मेरे परिवार को इनसे पैसा दिलवाएं। बहुत परेशान हो गया हूं। बहुत दुखी हो गया हूं। बैंकों के फोन आ रहे हैं। इन लोगों ने मुझे बैंकों के कर्जे में डुबा दिया है। कर्ज मैं चुका नहीं पा रहा हूं। ये मेरा लेटेस्ट वीडियो है।
इससे पहले के दो और वीडियो भी हैं। हिम्मत नहीं जुटा पाया था आत्महत्या करने की। मेरी एलआईसी में एक पॉलिसी है। उसका क्लेम भी दिलवा दिया जाए। जिससे मेरे घरवालों को सहायता मिल सके। प्लीज रिक्वेस्ट है। समाज के लोगों से मेरे घरवालों से रिक्वेट है कि परेशान मत होना। दुखी मत होना। समाज में बड़े-बडे लोगों से भी अपील है कि वह मेरे परिवार को न्याय दिलवा देना प्लीज।
7 करोड़ रुपए डूब गए थे
मनमोहन सोनी के चचेरे भाई समर सोनी ने बताया- मनमोहन का 20 साल पुराना बिजनेस पार्टनर सत्यार्थ तिवाड़ी है। सत्यार्थ तिवाड़ी के पिता रमेश चंद तिवाड़ी राजस्थान पुलिस में डिप्टी थे। सत्यार्थ फाइनेंस का काम करता था। मनमोहन सोनी का पैसा फाइनेंस पर लगा दिया। फिर कोरोना के समय पर सत्यार्थ ने हाथ खड़े कर दिए। घर बुलाकर मनमोहन सोनी को डराया-धमकाया करते थे। बोलते थे- तेरा पैसा गया, तू कुछ नहीं कर सकता है। 7 करोड़ रुपए मानमोहन सोनी ने सत्यार्थ को दिए थे।
काफी दिनों से परेशान चल रहे थे सोनी
परिजनों ने पुलिस को बताया कि पार्टनर के धोखा देने के कारण वो परेशान चल रहे थे। उन्हें काफी समझाया गया था। सभी का कहना था कि कुछ दिनों में परेशानी ठीक हो जाएगी। पुलिस ने मनमोहन का मोबाइल जब्त कर लिया है। पुलिस जांच में जुट गई है।
पहले भी कर चुके हैं आत्महत्या का प्रयास
मनमोहन सोनी ने दो साल पहले भी आत्महत्या का प्रयास किया था। उस दौरान सोनी ने बहुत सारी गोलियां एक साथ खा ली थीं। तब भी शास्त्री नगर थाना पुलिस ने एफआईआर करने से मना कर दिया था। जैसे-तैसे एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में सत्यार्थ तिवाड़ी ने एफआर लगवा दी थी। पीड़ित परिवार ने बाद में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद पुलिस बोली थी कि यह सिविल का केस है। ज्यादा कुछ नहीं हो सकेगा।
तारीख पर तारीख मिली तो हुए परेशान
तारीख पर तारीख मिलने के कारण मनमोहन सोनी काफी टूट चुके थे। सत्यार्थ तिवाड़ी के पिता रमेशचंद तिवाड़ी बेटे का केस लड़ रहे थे। कोर्ट में तारीख पर तारीख ले रहे थे। अब तक वह 8 से अधिक तारीख ले चुके हैं। इससे परेशान होकर सोनी ने बुधवार को सुसाइड कर लिया।
घर में मनमोहन और उसके छोटे भाई रोहित का परिवार रहता है। मनमोहन के 20 साल का बेटा यश व 16 साल की बेटी इशिता है। घटना के वक्त इशिता और छोटे भाई के दो बेटे स्कूल गए हुए थे। भाई किसी काम से बाहर था। जिसे परिवार ने फोन कर घर बुलाया।
डीसीपी नॉर्थ परीश देशमुख ने बताया कि हमारी टीम मौके पर है। परिवार जो रिपोर्ट देगा, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।