नवलगढ़ : आगामी बजट के लिए राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण जनप्रतिनिधियों के साथ भी जयपुर में चर्चा की है। इस चर्चा में प्रधानों ने अपना मानदेय 8400 रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने की मांग कर डाली है। प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष व नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुंडा ने प्रधानों की तरफ से बात रखी।
प्रधान सुंडा ने कहा कि कहने को पांच विभाग शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और महिला-बाल विकास विभाग पंचायतराज को दिए हुए है, लेकिन इनके फंड, फंक्शन और फंक्शनरी, कुछ भी पंचायतराज के पास नहीं है। इन्हें पूर्णरूप से पंचायतराज को सौंपे जाए।
उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि बड़े प्रोजेक्ट्स के समय पेड़ों को काट दिया जाता है। काटे गए पेड़ों के बराबर पेड़ ना लगाने से पहले ही इन प्रोजेक्ट्स को सरकार हरी झंडी दे देती है। जबकि नियम यह बनाना चाहिए कि जब तक काटे गए पेड़ों के बराबर पेड़ नहीं लगते। तब तक इन प्रोजेक्ट्स को चलाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। जिससे ना केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। बल्कि प्रोजेक्ट्स संचालक भी गंभीरता के साथ पौधे लगाएंगे। इसके अलावा पौधारोपण, खेल ग्राउंड डवलप और वायर फेंसिंग का बजट विधायक कोष से आवंटन को मंजूरी दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानों को अलग से वाहन, चालक, कार्यालय सहायक और पीएसओ उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। वहीं पंचायत समिति सदस्यों का मानदेय भी 2000 रुपए करने तथा बैठक भत्ता प्रति बैठक के हिसाब से देने की बात रखी।