जयपुर। कांग्रेस में संगठन चुनाव संपन्न होने के साथ राजस्थान कांग्रेस में अब जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों का भी काउंटडाउन शुरू हो चुका है। कांग्रेस जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की सूची पीसीसी मुख्यालय की ओर से कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण को भेजे जाने के बाद अब इस सूची को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मंजूरी का इंतजार है। मल्लिकार्जुन खरगे की मंजूरी के बाद ही कांग्रेस का चुनाव प्राधिकरण कांग्रेस के जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा करेगा।
पीसीसी नेताओं का दावा, सर्वसम्मति से भेजे सिंगल नाम
वहीं पीसीसी नेताओं का दावा है कि जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों के नामों पर सर्वसम्मति से सिंगल नाम तय करके बंद लिफाफे कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण को भेज दिए गए हैं।
वहीं कांग्रेस के जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति में उदयपुर नव संकल्प शिविर में लिए गए फैसलों का भी असर दिखाई देगा। इसके तहत 50 फ़ीसदी पदों पर 50 साल से कम उम्र के युवाओं को दिए जाएंगे, साथ ही जिसमें महिला-एससी- एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
दिलचस्प बात तो यह है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से बीते साल दिसंबर माह में 13 जिलाध्यक्षों की घोषणा की गई थी लेकिन अब उदयपुर नव संकल्प शिविर में लिए गए फैसले के मुताबिक 13 में से 5 जिलों के जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे क्योंकि नव संकल्प शिविर में फैसला लिया गया था कि एक पद पर लगातार दो बार नहीं रह पाएंगे, इसी के मद्देनजर बाड़मेर, जोधपुर ग्रामीण, नागौर, बीकानेर शहर और दौसा के जिलाध्यक्षों ने अपने इस्तीफे पीसीसी को भेज दिए थे और पीसीसी ने उन इस्तीफों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को भेज दिया था। अब इन जिलाध्यक्षों के स्थान पर भी नए जिलाध्यक्षों के नाम घोषित होंगे।
दूसरी बार भेजी संशोधित सूची
दरअसल प्रदेश कांग्रेस की ओर से जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की संशोधित सूची दूसरी बार भेजी गई है। इससे पहले भी प्रदेश कांग्रेस की ओर से जिला और ब्लॉक अध्यक्ष की सूची तैयार की भेजी गई थी लेकिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से उदयपुर नव संकल्प शिविर में लिए गए फैसले के मद्देनजर पीसीसी मुख्यालय से संशोधित सूची मांगी थी जिसके बाद प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की संशोधित सूची कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण को भेज दी थी।
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस की ओर से भले ही 34 जिलाध्यक्षों और चार सौ ब्लॉक अध्यक्षों के नाम तय करके चुनाव प्राधिकरण को ही भेज दिए गए हों लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जब तक सूची को मंजूरी नहीं देंगे तब तक सूची जारी नहीं होगी।
चर्चा यह भी है कि मल्लिकार्जुन खरगे अगर चाहे तो सूची को कभी भी मंजूरी दे सकते हैं लेकिन पार्टी में एक चर्चा यह भी है कि जब तक राजस्थान के नए प्रभारी की नियुक्ति नहीं हो जाती है तब तक मल्लिकार्जुन खरगे शायद ही नियुक्ति को मंजूरी दें। पार्टी गलियारों में एक चर्चा यह भी है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद ही मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस जिलाध्यक्षों और ब्लॉक ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति को हरी झंडी कर सकते हैं
वही संगठन चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले जिन 13 जिलों में बीते साल दिसंबर माह में 13 जिलाध्यक्ष घोषित किए गए थे जिनमें अलवर-योगेश मिश्रा, बारां- रामचरण मीणा, बाड़मेर- फतेह खान, बीकानेर शहर- यशपाल गहलोत, दौसा- रामजी लाल, जैसलमेर- उम्मेद सिंह तंवर, झालावाड़- वीरेंद्र सिंह गुर्जर, जोधपुर ग्रामीण- हीराराम मेघवाल, जोधपुर शहर उत्तर- सलीम खान, जोधपुर शहर दक्षिण- नरेश जोशी, नागौर- जाकिर हुसैन गेसावत, राजसमंद- हरीसिंह राठौड़ और सीकर- सुनीता गिठाला के नाम घोषित किए थे।
कामकाम हो रहा है प्रभावित
प्रदेश कांग्रेस में जिलाध्यक्षों और ब्लाक अध्यक्षों के अभाव में जिला स्तर पर संगठन का कामकाज प्रभावित हो रहा है। प्रदेश कांग्रेस को निवर्तमान जिलाध्यक्षों और निवर्तमान ब्लॉक अध्यक्षों के भरोसे ही काम चलाना पड़ रहा है। दऱअसल प्रदेश कांग्रेस में जिलाध्यक्षों- ब्लॉक अध्यक्ष करीब 2 साल से ज्यादा समय से भंग हैं। सचिन पायलट कैंप की ओर से जुलाई 2020 में बगावत करने के बाद पार्टी आलाकमान ने जिला- ब्लॉक और प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया था।
हमने सर्वसम्मति से जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों के लिए सिंगल नाम तय करके कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण को भेज दिए हैं। अब पार्टी आलाकमान जल्द ही इस पर फैसला ले सकते हैं।
गोविंद सिंह डोटासरा, अध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस