जयपुर : केंद्र की मोदी सरकार को लगातार अपने निशाने पर लेने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार केंद्र सरकार पर हमला बोला है। सीएम गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी और केंद्र सरकार की ओर दानदाताओं को डराया और धमकाया जाता है कि कांग्रेस पार्टी को चंदा नहीं दिया जाए। सीएम गहलोत ने बुधवार को दिल्ली पहुंचने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि दानदाताओं को कांग्रेस पार्टी को चंदा नहीं देने के लिए डराया जा रहा है, इसलिए कांग्रेस पार्टी बिना साधनों के ही बीजेपी और आरएसएस का मुकाबला कर रही है।
गहलोत ने कहा कि देश में आज फासिस्ट ताकतों का राज है, इन लोगों का न तो संविधान में विश्वास है और न ही लोकतंत्र में विश्वास है। देश में आज लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, देश में नफरत और हिंसा का माहौल है। हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट को भी टिप्पणी करनी पड़ी है कि जो भी हेट स्पीच दे रहे हैं उनके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए।
केंद्र के दबाव में मीडिया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मीडिया भी आज केंद्र के दबाव में हैं और केंद्र के दबाव में ही एक तरफा चल रहा है। सीएम गहलोत ने कहा कि मीडिया केवल बीजेपी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ही ज्यादा फोकस रखता है, यह अच्छी बात नहीं है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के योगदान को याद करते हुए कहा कि सोनिया गांधी की नेतृत्व और योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। गहलोत ने आज दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में दो बार यूपीए की सरकार बनी और एक दर्जन से ज्यादा जिलों में कांग्रेस पार्टी की सकारें बनी हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि 1998 में भी पार्टी के सामने इसी तरह की चुनौती ही थीं जैसी आज है, उस वक्त देश भर के लाखों कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी से पार्टी का नेतृत्व करने की प्रार्थना की थी और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना पर ही सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभालने का फैसला लिया था। उस वक्त उनके सामने भाषा की भी बड़ी चुनौती थी लेकिन बावजूद उन्होंने पार्टी को एकजुट रखा और 22 साल तक लगातार कांग्रेस अध्यक्ष रहीं। सीएम गहलोत ने कहा कि अगर सोनिया गांधी पार्टी को एकजुट रखकर पार्टी का नेतृत्व नहीं करती तो पार्टी बिखर जाती।
राहुल गांधी के फैसले का सम्मान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अंतिम क्षणों तक राष्ट्रीय अध्यक्ष पद संभालने की अपील की गई थी लेकिन राहुल गांधी ने साफ कर दिया था कि कोई गैर गांधी परिवार का व्यक्ति ही इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष होगा। इस लिहाज से मल्लिकार्जुन खरगे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें। पार्टी के सामने एक बड़ी चुनौती है लेकिन हम सभी देश भर के कार्यकर्ताओं, नेता ,एकजुट होकर ब्लॉक जिला और स्टेट लेवल और राष्ट्रीय लेवल पर पार्टी को मजबूत करेंगे और कार्यकर्ताओं में भी नई ऊर्जा का संचार करेंगे।
खरगे के अनुभव का मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे को राजनीति में लंबा अनुभव है। ऐसे में पार्टी को उनके अनुभव का लाभ मिलेगा। सभी कार्यकर्ता, नेता उनके नेतृत्व में पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे। गहलोत नेकहा कि मल्लिकार्जुन खरगे दलित वर्ग से आते हैं, दलित वर्ग से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का फायदा मिलेगा और सभी वर्गों के लोग कांग्रेस के पार्टी के साथ आएंगे।