झुंझुनूं (गोठड़ा) : शहीद धर्मपाल सैनी की दसवीं शहादत दिवस कल, भामाशाह मनोज धुमरिया वीरांगना सहित पूरे परिवार का करेंगे सम्मान

झुंझुनूं (गोठड़ा) : शहीद धर्मपाल सैनी की दसवीं शहादत दिवस कल, भामाशाह मनोज धुमरिया वीरांगना सहित पूरे परिवार का करेंगे सम्मान धुमरिया ने कहा – सरहद पर सेनिक जान की परवाह किए बिना हर समय तैनात रहते हैं तो हम घर में सुरक्षित रहते हैं । कांगो शांति सेना में शहीद हुए गोठड़ा के शहीद नायक धर्मपाल सैनी का बुधवार को दसवां शहादत दिवस मनाया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भामाशाह मनोज घुमरिया होंगे। इस दौरान वीरांगना संतरा देवी सहित पूरे परिवार का भामाशाह मनोज धुमरिया की और सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।

सीआरपीएफ के रिटायर्ड हवलदार शहीद के बड़े भाई राधेष्याम सैनी ने बताया कि उनके भाई धर्मपाल सैनी का जन्म 5 मई 1979 को गोठड़ा पंचायत की ढाणी जैसा वाली में हुआ था। वह शुरू से ही काफी होनहार व मेधावी छात्र था स्कूली शिक्षा के बाद 6 जून 2000 को भारतीय सेना की फर्स्ट गार्ड में भर्ती हुआ था। शहीद नायक धर्मपाल सैनी ने सेना में रहते हुए कई ऑपरेषन में भाग लिया जहां अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया जिस पर भारतीय सेना की और से साउथ अफ्रीका के कांगो में भेजी गई शांति सेना में उन्हें शामिल किया गया जब वह शांति सेना में कोगो में तैनात थे तो 15 अक्टूबर 2012 को देष के लिए वीरगति को प्राप्त हो गए थें। शाहीद के परिवार में माँ कमला देवी, वीरांगना संतरा देवी, बड़ी बेटी किरण व छोटी बेटी नीतू है। बडी बेटी किरण एमएमसी कर रही है जबकि छोटी बेटी नीतू एसएमएस अस्पताल जयपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है।

इनके पिता ताराचंद का काफी समय पूर्व देहांत हो चुका है। शहीद धर्मपाल सैनी की प्रतिमा सिंघाना जयपुर स्टेट हाईवे पर लगी हुई है जिसका 13 अप्रैल 2013 को प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने अनावरण किया था। शाहीद धर्मपाल के शहादत दिवस पर पूरा परिवार एकत्रित हुआ है।

मुख्य अतिथि होंगे समाजसेवी पर्यावरण प्रेमी मनोज कुमार घुमरिया

भामाशाह, पर्यावरण प्रेमी मनोज घुमरिया के द्वारा पूरा परिवार का सम्मान किया जाएगा व शहीद का शहादत दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति व परिजन सहित प्रतिमा पर पुष्प् अर्पित करेंगे। भामाषाह मनोज घुमरिया ने बताया कि देश के नाम प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद कभी मरते नहीं है।

उनकी शहादत के किस्से झुंझुनू के चप्पे-चप्पे पर अमर गाथा कहते हैं। देश की सीमा पर हम सब की रक्षा करते हैं। सरहद पर हमारे जवान जान की परवाह किए बिना हर समय तैनात रहते हैं तो हम घर में सुरक्षित रहते हैं।

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