खेतड़ी : खेतड़ी नरेश राजा अजीत सिंह की 161वीं जयंती:राजपूत समाज ने आयोजन कर दी श्रद्धांजलि, बोले- सिंह की मदद से स्वामी विवेकानंद ने दिलाई थी विश्व में भारत को पहचान

खेतड़ी : राजोता स्थित विवेकानंद संस्थान परिसर में रविवार को राजा अजीत सिंह की 161 वी जयंती मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अशोक सिंह शेखावत, विशिष्ट अतिथि मोहन सिंह निर्वाण, सुरेंद्र सिंह फौजी, सुमित सिंह थे, जबकि अध्यक्षता नरेन्द्र सिंह नंगली ने की। कार्यक्रम में सर्वप्रथम अतिथियों ने राजा अजीत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर पुष्पांजलि दी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अशोक सिंह शेखावत ने कहा कि खेतड़ी नरेश अजीत सिंह का भी नाम जब भी आता है तो स्वामी विवेकानंद का नाम अवश्य आता है। वह दोनों अजीज मित्र और गुरु-शिष्य थे। स्वामी विवेकानंद को नरेंद्रनाथ दत्त से स्वामी विवेकानंद खेतड़ी नरेश ने ही बनाया था। उन्होंने बताया कि राजा अजीत सिंह ने आगे की सोचते हुए तत्कालीन समय में शिक्षा और चिकित्सा का विस्तार किया, उनकी सोच काफी दूरदर्शी थी।

राजा अजीत सिंह और स्वामी विवेकानंद का गहरा नाता था। स्वामी विवेकानंद खेतड़ी नरेश के आग्रह पर तीन बार खेतड़ी आए थे। उन दोनों महान विभूतियों की यादों में केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से अजीत विवेक संग्रहालय बनाया गया है, जिसमें अनेक सैलानी आने लगे हैं। अब खेतड़ी पर्यटक नगरी के रूप में विकसित होगी।

स्वामी विवेकानंद को शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में भेजने का पूरा खर्च राजा अजीत सिंह ने ही उठाया था और स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि जो भी मैं भारत के कल्याण के लिए थोड़ा बहुत कर पाया हूं वह नहीं कर पाता, यदि मेरी भेंट खेतड़ी नरेश राजा अजीत सिंह से नहीं हुई होती। राजा अजीत सिंह खेतड़ी राज्य के संस्थापक भोपाल सिंह के बड़े भाई पहाड़ सिंह के वंशजों में अलसीसर के सरदार के वंशज थे। राजा अजीत सिंह का जन्म 1861 ईसवी में 16 अक्टूबर को अलसीसर में हुआ था।

इस दौरान राजपूत समाज की बैठक का आयोजन भी किया गया, जिसमें समाज में आवश्यक सुधार व समाज की एकता को बनाए रखने पर चर्चा की गई। इस मौके पर कैप्टन धर्मपाल सिंह, कुंदन सिंह, ओमवीर सिंह, विजय सिंह, रविंद्र सिंह, उमेद सिंह, अजीत सिंह, राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, गिरवर सिंह, जितेंद्र सिंह, इंद्र सिंह, कैप्टन सुरेंद्र सिंह शेखावत सहित अनेक लोग मौजूद थे ।

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