दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण में सहायक भूमिका निभाने के लिए सिविल डिफेंस वॉलियंटर की पुनः भर्ती हेतू उपराज्यपाल द्वारा 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मार्शलों की भर्ती की अनुमति देने के बावजूद दिल्ली सरकार द्वारा 1 नवम्बर तक कोई कार्यवाही नही करना आतिशी सरकार की मार्शलों की भर्ती के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। मार्शलों की भर्ती पर राजनीति की भेट चढ़ा दो दिवसीय विधानसभा सत्र में साझा सहमति के बावजूद भाजपा और आम आदमी पार्टी इसको राजनीतिक रुप से भुनाना चाहती हैं।
चुनाव नजदीक आने के इंतजार में मुख्यमंत्री आतिशी उपराज्यपाल के आदेश की उपेक्षा कर मार्शलों की नियुक्ति को चुनावों में भुनाने की रणनीति के तहत भर्ती करना चाहती है। निवर्तमान मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के एक ही आदेश ने नौकरी से निकाले गए 10 हजार से अधिक मार्शलों की पुनः नियुक्ति के लिए आतिशी सरकार इन्हें भर्ती करने पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। जेल से बाहर आने केजरीवाल ने दावा किया था कि मैं मार्शलां की भर्ती करवाउॅंगा, लेकिन आतिशी भर्ती करने में संवेदनशील दिखाई नही देती।
उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल निवास पर मार्शलों की भर्ती को लेकर मंत्री सौरभ भारद्वाज का नाटक सभी ने देखा था और विधानसभा में विपक्ष की भूमिका में भाजपा विधायकों का मार्शलों की भर्ती पर आवंछनीय राजनीति को पूरी दिल्ली ने देखा है। आज पुनः उपराज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री आतिशी को सिविल डिफेंस वालियंटरों की भर्ती के तुरंत कार्यवाही करने के संबध में पुनः पत्र लिखना, दिल्ली सरकार की नाकामी को उजागर करता है। उपराज्यपाल ने प्रदूषण की रोकथाम में सहायक बनाने के लिए पत्र में इन मार्शलों की नियुक्ति के लिए विधिपूर्वक संबधित अधिकारियों से प्रस्ताव प्रस्तुत करने का आदेश दिल्ली सरकार को देने को कहा था।
दिल्ली कांग्रेस सकारात्मक राजनीति में विश्वास रखती है जबकि आम आदमी पार्टी और भाजपा ने सिविल डिफेंस वालियंटरों की भर्ती को राजनीतिक विवाद में फंसाकर गरीब युवा मार्शलां के रोजगार को औछी राजनीति करके रुकवाने का काम कर रहे है। दिल्ली कांग्रेस चाहती है दोनो दल आपसी विरोध खत्म करके मार्शलों की तुरंत भर्ती करने का रास्ता साफ करें। राजधानी में गंभीर रुप ले रहे प्रदूषण के नियंत्रण के प्रति असंवेदनशील आतिशी सरकार नहीं चाहती कि लोगों को जहरीली हवा से राहत मिल सके। शायद इसलिए ही मार्शलों की पुनः नियुक्ति पर कोई कदम नही उठाया। दिल्ली में वायु और जल प्रदूषण का विकराल रुप लोगों के स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक साबित हो रहा है। दिल्ली सरकार सड़कां पर धूल कण तथा वाहन प्रदूषण और यमुना में अमोनिया युक्त जहरीले जल प्रदूषण के नियंत्रण में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है कि लाखों श्रद्धालु अलग छठ घाट बनाकर ताजे, साफ पानी में पूजा करें।