‘जीतेगा भारत हारेगा टीबी…’ सरकारी-प्राइवेट साझेदारी से टीबी मुक्त गुजरात बनाने के प्रयासों को आई तेजी

ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) को खत्म करने और फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के भारत के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए फूजीफिल्म इंडिया अपने इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन (ATNF) के माध्यम से 25 सितंबर, 2024 को गांधीनगर के द लीला होटल में आयोजित वर्ल्ड लंग डे कॉन्फ्रेंस 2024 के लिए गुजरात सरकार के साथ काम कर रहा है। यह कॉन्फ्रेंस इंडिया फाइट्स टीबी अभियान के तहत आयोजित हुआ | यह एक प्रमुख पहल है, जो 2025 तक टीबी को खत्म करने के लिए राज्य और देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के अंतर्गत टीबी को 2030 में समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन इंडिया फाइट्स टीबी अभियान 5 साल पहले ही यह लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है।

 

भारत में अभी भी टीबी की बीमारी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। ऐसा अनुमान है कि टीबी के कारण 2022 में लगभग 3.31 लाख लोगों की मृत्यु हुई। अनुमान के मुताबिक 40% से ज्यादा आबादी में टीबी बैक्टीरिया है, हालाँकि केवल 10% में ही यह सक्रिय बीमारी विकसित हो सकती है, सरकार के राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम का उद्देश्य इस खतरे को व्यापक रूप से ख़त्म करना है। यह कॉन्फ्रेंस टीबी के खिलाफ लड़ाई में नई पद्धतियों, तेज़ डायग्नोसिस और जागरूकता को बढ़ावा देने के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है। इस कॉन्फ्रेंस में दूरदराज के क्षेत्रों में इनोवेटिव मेडिकल सोल्यूशंस की पहुँच बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

 

इस टीबी कॉन्फ्रेंस में हेल्थकेयर सेक्टर और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, गुजरात सरकार के प्रतिष्ठित व्यक्ति एकत्रित हुए। इस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता गुजरात के माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री रुषिकेश पटेल और राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर रहे थे। कॉन्फ्रेंस में स्टॉप टीबी पार्टनरशिप के प्रतिनिधियों और प्रमुख हेल्थकेयर प्रोफेसनल्स सहित प्रमुख टीबी एक्सपर्ट्स के साथ-साथ फूजीफिल्म इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर कोजी वाडा भी शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस का एक प्रमुख आकर्षण फूजीफिल्म के FDR X- Air मोबाइल एक्स-रे डिवाइस का डेमोन्सट्रेशन था, जो यूनीक मोबाइल टीबी स्क्रीनिंग और डायग्नोस्टिक वैन में लगा हुआ था। वर्तमान में बनासकांठा, वलसाड और कच्छ जैसे जिलों में इससे जांच हो रही है और अब तक 24,609 से ज्यादा लोगों की जांच की जा चुकी है, जिससे टीबी के 350 से ज्यादा मामलों का डायग्नोसिस हुआ है।

 

इस साझेदारी वाली पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए गुजरात के माननीय स्वास्थ्य मंत्री रुषिकेश पटेल ने कहा, “आज गांधीनगर में आयोजित वर्ल्ड लंग डे इवेंट (विश्व फेफड़ा दिवस कार्यक्रम) में भाग लेना खुशी की बात है। जैसा कि आप सभी जानते हैं, टीबी की समस्या पर माननीय प्रधानमंत्री और गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री ने बहुत ध्यान दिया है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए विकसित भारत को टीबी मुक्त भारत बनाने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य और विशेष रूप से फेफड़ों का स्वास्थ्य हम सभी के लिए आज के समय में बहुत ही जरूरी है। गुजरात सरकार टीबी को खत्म करने और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें बहुत खुशी है कि प्राइवेट सेक्टर के संगठन PPP और CSR पहलों के माध्यम से सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम सभी जल्द ही टीबी मुक्त होने के लक्ष्य तक पहुँचें। मैं आप सभी को बधाई देता हूँ और एक बार फिर आपको फेफड़े दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँ। साथ मिलकर हम एक टीबी मुक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।”

 

प्रोजेक्ट और टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर फूजीफिल्म इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर कोजी वाडा ने कहा कि कंपनी इनोवेशन के माध्यम से हेल्थकेयर को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “फूजीफिल्म इंडिया में हमने अलग-अलग विचारों, अलग-अलग क्षमताओं और असाधारण लोगों को साथ लाकर इनोवेशन से वैल्यू (मूल्य) का निर्माण करते हैं। वे अपनी आकांक्षाओं को प्राप्त करते हैं और दुनिया को एक साथ मुस्कान देते हैं। यह कार्य Fujifilm Group के मोटो ‘हमारी दुनिया को और ज्यादा मुस्कराहट देना’ से मेल खाता है। इसी के तहत फूजीफिल्म इंडिया की इस कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी गतिविधि का उद्देश्य हमारे अल्ट्रा-पोर्टेबल एक्स-रे डिवाइस, “FDR X-Air” की हेल्थकेयर तकनीक के एक शक्तिशाली प्रदर्शन के साथ-साथ देश के कोने-कोने में व्यक्तियों की मदद करना है। हम टीबी के खिलाफ उनकी लड़ाई में गुजरात के लोगों का समर्थन करना जारी रखेंगे।”

 

 

इस कॉन्फ्रेंस में दूरदराज के क्षेत्रों में हेल्थकेयर को पहुंचाने में टेलीमेडिसिन की बढ़ती भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन की चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ. आयशा नाज़नीन ने टीबी केयर में इस तकनीक के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “टेलीमेडिसिन सबसे दुर्गम क्षेत्रों में भी मरीजों को वास्तविक समय पर मेडिकल कंसल्टेशन और डायग्नोसिस करने में एक गेम चेंजर साबित हुआ है। गुजरात में फूजीफिल्म इंडिया के साथ हमारी साझेदारी इस बात को दर्शाती है कि कैसे डिजिटल इनोवेशन और मोबाइल हेल्थकेयर सॉल्यूशन हमें भारत के टीबी उन्मूलन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर रहे हैं। टेलीहेल्थ प्लेटफ़ॉर्म का लाभ उठाकर हम समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित कर सकते हैं, मरीज के परिणामों में सुधार कर सकते हैं और विशेष रूप से ग्रामीण और कम सेवा वाले क्षेत्रों में टीबी के बोझ को काफी कम कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण न केवल टीबी की जल्दी पहचान की सुविधा प्रदान करता है बल्कि निरंतर निगरानी और फॉलोअप केयर भी सुनिश्चित करता है, ये दोनों चीजें टीबी जैसी बीमारी के इलाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है।”

 

World Lung Day 2024 कॉन्फ्रेंस ने टीबी से निपटने में मल्टी-सेक्टरल दृष्टिकोण के महत्व को दर्शाया। इस कॉन्फ्रेंस में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे इनोवेशन, नियम और सहयोग मिलकर देश को अपने टीबी उन्मूलन लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब ला सकते हैं। कॉन्फ्रेंस के एजेंडे के तहत उपस्थित लोगों ने मोबाइल टीबी स्क्रीनिंग यूनिट का डेमोन्सट्रेशन अपनी आँखों के सामने देखा। इस स्क्रीनिंग यूनिट से टीबी का जल्दी पता लगाया जा सकता है और इलाज में प्रगति की जा सकती है।

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