जीरो प्रोजेक्ट इंडिया कॉन्फ्रेंस 2024 का समापन गुरुग्राम के लीला होटल में हुआ, जो दिव्यांगों के समावेशन और सशक्तिकरण के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि साबित हुआ। इस महत्वपूर्ण आयोजन का उद्घाटन मुख्य अतिथि राजेश अग्रवाल, IAS, सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। इस मौके पर जीरो प्रोजेक्ट/Essl फाउंडेशन के फाउंडर और चेयरमैन मार्टिन Essl, यूथ4जॉब्स की CEO मीरा शेनॉय, और द हंस फाउंडेशन के CEO संदीप कपूर भी उपस्थित थे।
कांफ्रेंस ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सार्थक बदलाव लाने और उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से गहन चर्चाओं और सहयोगों के लिए मंच तैयार किया। इस कार्यक्रम में भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प, UNODC के मार्को टेक्सेरा, गोवा सरकार के दिव्यांग व्यक्तियों के लिए राज्य आयुक्त गुरुप्रसाद पावस्कर, और UN विमेन पर्सपेक्टिव की कांता सिंह जैसी अन्य प्रमुख हस्तियों ने भी भाग लिया।
ICMR के NFHS-5 सर्वे (2019-21) के अनुसार, भारत में लगभग 63.28 मिलियन लोग, यानी भारतीय आबादी का 4.52% हिस्सा विकलांग है। यह आंकड़ा विकलांग व्यक्तियों की स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, 1.7 करोड़ विकलांग व्यक्ति काम नहीं कर रहे थे, जिसमें से 46% पुरुष और 54% महिलाएँ थीं। हालिया वर्कफोर्स डेटा के मुताबिक, निफ्टी 50 कंपनियों में से केवल पाँच कंपनियाँ 1% से ज्यादा विकलांग लोगों को रोजगार देती हैं।
इस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसरों की आवश्यकता को रेखांकित करना और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रभावी समाधान ढूंढना था। यूथ4जॉब्स फाउंडेशन की CEO मीरा शेनॉय ने कहा, “नीतियों में प्रगति के बावजूद, समावेशन के प्रभावी कार्यान्वयन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ज्यादा केंद्रित प्रयासों की आवश्यकता है।” इस कार्यक्रम पर बोलते हुए एक्सिस बैंक फाउंडेशन की कार्यकारी ट्रस्टी और CEO ध्रुवी शाह ने कहा, “जीरो प्रोजेक्ट कॉन्फ्रेंस संगठनों के सामूहिक प्रभाव को बढ़ाने का एक शक्तिशाली मंच है जो समावेशिता को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं।”
जीरो प्रोजेक्ट के CEO माइकल फ़ेमबेक ने कहा, “हमारे पास वैश्विक विशेषज्ञों और भारत में हो रहे नवाचारों के बीच तालमेल स्थापित करने का यह एक अनूठा अवसर है।” दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने भी दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। Essl फाउंडेशन के संस्थापक मार्टिन Essl ने इस आयोजन के समापन में कहा, “जीरो प्रोजेक्ट इंडिया कॉन्फ्रेंस 2024 सिर्फ़ एक इवेंट नहीं बल्कि बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है।”
जीरो प्रोजेक्ट इंडिया कॉन्फ्रेंस 2024 ने समावेशिता और सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया है। इस सम्मेलन से निकलने वाली चर्चाओं और विचारों का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के जीवन में वास्तविक बदलाव लाना और एक समावेशी भविष्य की दिशा में ठोस प्रयास करना है। इस आयोजन को हंस फाउंडेशन और एक्सिस बैंक फाउंडेशन का महत्वपूर्ण समर्थन मिला, जिन्होंने दिव्यांगता समावेशन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है।
इस सम्मेलन के जरिए यह संदेश स्पष्ट हो गया है कि विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि कोई भी पीछे न छूटे। यह केवल एक शुरुआत है, और आगे के प्रयास इन चर्चाओं और समाधानों को जमीनी स्तर पर लागू करने की दिशा में होंगे।