एक तरफ जहां राजधानी दिल्ली में जलभराव के कारण बड़े हादसे देखने को मिल रहे है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली को वेनिस बनाने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली को वेनिस बनाकर शराब घोटाले मामले में इस कदर फंसे हुए है की जेल से बाहर ही नहीं आ पा रहे है। कभी हाई कोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट जब भी आम आदमी पार्टी के नेताओं को लगता है की अब हुकुम बाहर आ जायेंगे के तभी उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है। वैसे दिल्ली सरकार ने भी कुछ कम पानी नहीं फेरा दिल्ली कि जनता की उम्मीदों पर वो केजरीवाल जो अन्ना आंदोलन में लोकपाल बिल की मांग करते थे और दिल्ली की बदहाली पर आंसू बहाते थे आज जब इतने सालों से दिल्ली की कमान उनके हाथ में है तो उन्होंने भी दिल्ली की जनता से बड़े बड़े वादे कर उनको दिल्ली की बदहाली पर रोने के लिए छोड़ दिया।
लेकिन जब भी उनके नेताओं से दिल्ली के विकास पर सवाल पूछा जाता है तो उनसे दिल्ली में सब चंगा सी वाला जवाब आता है। पहले केजरीवाल सरकार कहती थी की एमसीडी उनके पास नहीं है। इसलिए दिल्ली में गंदगी, सड़क और जलभराव की समस्या है। बाकि बची कुछ केंद्र सरकार उन्हें काम नहीं करने देती है। लेकिन साहब अब तो दिल्ली में आपके पास भी डबल इंजन है तो फिर क्यों ये समस्या ख़तम होने का नाम नहीं ले रहीं है ? क्यों दिल्ली में जलसंकट आया ? क्यों अभी तक दिल्ली की सड़कें गद्दा मुक्त नहीं हुईं ? क्यों आज भी थोड़ी सी बारिश में दिल्ली इतनी डूब जाती है की लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है ?
आज दिल्ली की जनता पूछ रही है क्या ये यही वेनिस है जो मुख्यमंत्री सहाब ने दिल्ली की जनता को सौंपने को बोला था ? राजधानी के राजेंद्र नगर में जो हुआ उसको पूरी दुनिया ने देखा की कैसे मासूमों ने अपनी जान सरकार की नाकामी की वजह से गँवाई। वो मासूम जो आगे चलकर आईपीएस/आईएएस बनकर देश की तरक्की में अपना योगदान देते लेकिन सरकार की ये नाकामी उन्हें ले डूबी। लेकिन हमारे देश की ये खासियत है की सरकार कोई भी हो जब कोई बड़ा हादसा होता है सभी सरकार अपनी कुंभकर्णी नींद से जगाता है।
दिल्ली सरकार को भी तभी होश आया ये हादसा हुआ और बेकसूरों ने अपनी प्राण की आहुति दी मामले में कर्यवाही करते हुए एमसीडी ने जेई और एई को ससपेंड कर दिया साथ ही अब राजेंद्र नगर में बुलडोज़र एक्शन भी हो रहा है। लेकिन ये सब देखने वालों के ज़ेहन में सिर्फ एक ही सवाल हे की इस सिस्टम की खामियों को पहले क्यों नहीं दूर किया गया? क्या इतने बड़े हादसे का इंतज़ार किया जा रहा था ? खैर जिन परिवारों के दिल पर ये जख्म हुआ है उनके दिल के इन जख्मों को अब कोई भी एक्शन नहीं भर सकता है अब चाहे दिल्ली सरकार या एमसीडी कुछ भी कर ले वो उन मंसूमों को वापस नहीं ला सकते और वापसी की बात करें तो केजरीवाल साहब भी वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाएं पड़ें है लेकिन उनकी वापसी पर हर बार पानी फिर जाता है आज फिर केजरीवाल दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी वापसी की आस लगाए पहुंचेंगे फिर आप पार्टी के नेता अपने हुकुम के लिए दुआ करेंगे लेकिन वापसी होगी या नहीं इसका फैसला दिल्ली हाई कोर्ट करेगी।
आपको बता दें की दिल्ली हाईकोर्ट अरविंद केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और अंतरिम जमानत की याचिका दोनों पर आज फैसला सुनाएगा। 17 जुलाई को कोर्ट ने दोनों पर फैसला सुरक्षित रखा था। इधर, CBI ने भी केजरीवाल के खिलाफ स्पेशल CBI कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इससे पहले दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार केस में 25 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी थी। वहीं ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में भी केजरीवाल 31 जुलाई तक जेल में ही हैं। ED ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में भेज दिया था। CBI ने केजरीवाल को 26 जून को अरेस्ट किया था। कोर्ट ने केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया, BRS नेता के कविता समेत बाकी आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी 31 जुलाई तक बढ़ाई है। अब देखना दिलचस्प होगा की मुख्यमंत्री साहब इन चुनौतियों से कैसे निपटेंगे ?