उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में जब एक लूट की वारदात से पर्दा उठा तो हर कोई चौक गया क्योंकि इस लूट की वारदात में एक सब इंस्पेक्टर शामिल थे। इस लूट की वारदात में वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के इस दारोगा और उसके 2 साथियों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन अभी तीन आरोपी फरार बताए जा रहा हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
दरअसल, कैंट थाने की नदेसर पुलिस चौकी पर तैनात आरोपी सब इंस्पेक्टर और उसके साथियों ने नकली क्राइम ब्रांच टीम का अधिकारी बन व्यापारी से 42 लाख रुपए लूटे थे। लूट की इस घटना में लिप्त सब इंस्पेक्टर के साथी अजय गुप्ता और विकास मिश्रा के पास से पुलिस ने 8 लाख रुपए के साथ ही 2 पिस्टल बरामद की है। मामले में गिरफ्तार दारोगा सूर्य प्रकाश पांडेय और उसके 2 साथियों को 24 बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
इस मामले में जानकारी देते हुए डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल ने बताया कि पुलिस की वर्दी में लूट हमारे लिए चुनौती थी। रामनगर में 13 जुलाई को केस दर्ज हुआ तो एसओजी को लगाया गया।
वहीं दूसरी तरफ सर्राफा कारोबारी का कहना था कि चंदौली क्राइम ब्रांच बताकर लूट करने वाले काली क्रेटा कार से आए थे। जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि क्रेटा कार से चलने वालों में सूर्य प्रकाश का भी नाम सामने आया। सर्विलांस जांच में सूर्य प्रकाश के मोबाइल का लोकेशन रामनगर में मिला। सीसीटीवी कैमरे में भी गतिविधियां संदिग्ध दिखीं, तो पुलिस समझ गई कि दारोगा ही गिरोह का सरगना है।