उत्तर प्रदेश के महोबा में प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही के चलते 2 वर्ष पूर्व सरकारी दस्तावेजों में मृत हो चुकी बुजुर्ग विधवा महिला राज्य मंत्री के सामने जिंदा हो गयी है। मंत्री को शिकायती पत्र देने पहुंची बुजुर्ग महिला के शिकायती पत्र को देख मंत्री हैरान हो गए है । बुजुर्ग महिला के शिकायती पत्र को लेकर मंत्री तत्काल पेंशन बहाल करने के निर्देश दिए है।
महोबा शहर के बड़ी हाट मुहल्ले में रहने वाली बुजुर्ग महिला लंबे समय से खुद के जिंदा होने का सबूत देते हुए अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है। सदर तहसील में तैनात लेखपाल ने महिला कोरोना काल मे मृत होने की मन माफिक रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को भेज महिला को मृत घोषित कर दिया है । बीते दो बर्षों से पेंशन बंद हो गई है । अब बुजुर्ग महिला खुद को जिंदा साबित करने के लिए विभाग के चक्कर काट रही है। बुजुर्ग महिला ने राज्य मंत्री को शिकायती पत्र देकर जांच करा पेंशन बहाल कराने की मांग उठाई है।
जिले में आए पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण के राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप के सामने गुरुवार को एक अजीबो गरीब मामले का तत्काल संज्ञान लिया है। बड़ी हाट निवासी करीब 80 वर्षीय कमला विश्वकर्मा पुत्र धर्मेंद्र के साथ पहुंचकर शिकायत की है । बुजुर्ग महिला ने राज्य मंत्री को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उसे समाज कल्याण विभाग से पेंशन मिलती थी जो कोरोना काल के बाद से एकाएक बंद हो गई है। काफी समय तक जब खाता में पेंशन न पहुंची तो कई बार बैंक के चक्कर काटे बाद में समाज कल्याण विभाग में जानकारी की तो पता चला कि लेखपाल ने मृत होने की रिपोर्ट भेजी है। जिसके बाद विभाग ने पेंशन बंद कर दी है।
बुजुर्ग महिला का कहना है कि अधिकारियों से कई बार प्रार्थना पत्र दिया बाद में समाधान दिवस में अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया ,मगर अब तक कोई कार्रवाई न हो सकी। महिला खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रही है। राज्य मंत्री ने अधिकारियों से बात कर समस्या का निस्तारण कराने का आश्वासन दिया है।