उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां नाथ समुदाय के 3 साधुओं को पब्लिक ने फर्जी और संदिग्ध बताकर पकड़ा और डंडों से डराते हुए धमकाया। इसके बाद पब्लिक तीनों साधुओं को लेकर पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने साधुओं के ID चेक किए। पूछताछ के आधार पर जांच पड़ताल की तो सारे आरोप गलत निकले। तीनों ही साधु हरियाणा राज्य के यमुनानगर के रहने वाले निकले हैं। उन्हें पुलिस ने छोड़ दिया है।
लोगों का कहना है कि एक साधु ने अपना नाम सोहन बताया। तलाशी लेने पर उसके पास से आधार कार्ड की कॉपी मिली। इसमें उसका नाम शमीम दर्शाया गया। दूसरी की तलाशी में आधार कार्ड पर गौरव नाम दर्शाया गया मगर आधार कार्ड पर फोटो 15 साल के बच्चे की लगी हुई थी।
मामले में क्या बोली पुलिस ?
मामले में जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर लिसाड़ी गेट जितेंद्र सिंह ने बताया कि तीनों साधुओं को स्थानीय लोग और स्थानीय पार्षद अभिनव अरोड़ा लेकर आए थे। लोगों ने साधुओं को फर्जी बताया। लेकिन जांच में तीनों साधु नाथ समुदाय के मिले हैं। तीनों के नाम गौरव, गोपी और सुनील है। तीनों ही साधु हरियाणा के यमुनानगर के दरवामाजिरी गांव थाना सदर निवासी हैं। गांव के प्रधान और स्थानीय पुलिस ने इनकी पहचान की सही पुष्टि भी की है। तीनों ही साधु घूमकर अपना जीवन यापन करते हैं। तीनों की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री भी नहीं है।