उत्तर प्रदेश : उन्नाव बस हादसे का महोबा से कनेक्शन, सिंडिकेट बनाकर बिना फिटनेस, परमिट चलाई जा रहीं थी दर्जनों बसें

यूपी के उन्नाव में हुए दर्दनाक बस हादसे में 18 यात्रियों की मौत के मामले का महोबा जिले से बड़ा कनेक्शन सामने आया है। अवैध रूप से संचालित 39 बसों में से 35 बसें बिना फिटनेस,परमिट और बीमा के सड़कों पर फर्राटा भर कर यात्रियों की जान जोखिम में डाल रही हैं। वर्ष 2018 में तैनात एआरटीओ महेन्द प्रताप सिंह ने जिले के एक शातिर युवक पुष्पेंद्र अग्निहोत्री के साथ मिलकर सभी बसें महोबा स्थित उसके पते पर दर्ज करा रखीं थी।

 

इस मामले का मास्टरमाइंड करमचंद जैन निवासी जोधपुर राजस्थान का रहने वाला है। जिसने विभागीय अधिकारी से सांठ-गांठ कर केयर ऑफ अपना नाम दर्ज कराकर इन जानलेवा बसों को संचालित कर रहा था। हादसे की गम्भीरता को लेकर हाल ही में स्थानांतरित महोबा पहुंचे एआरटीओ ने विभागीय जांच शुरू कर बड़ी कार्यवाही के संकेत दिए है।

 

उन्नाव बस हादसे के बाद राजस्थान का रहने वाला ट्रेवल एजेंसी का मालिक करन चंद जैन एवं पुष्पेंद्र अग्निहोत्री दोनो रहस्मय ढंग से लापता हो गए हैं। बुन्देलखण्ड से दिल्ली बिहार राजस्थान तक बस माफिया टूरिस्ट के नाम पर बसों का संचालन कर बड़ा सिंडीकेट संचालित कर रहे थे। उन्नाव में दुर्घटना का शिकार हुई बस महोबा जिले के विकासखंड कबरई में रहने वाले पुष्पेंद्र अग्निहोत्री के अस्थाई पते पर दर्ज पाई गई है। विभागीय अधिकारी दयाशंकर ने बताया कि एक ही व्यक्ति के नाम पर 39 बसें दर्ज है जिनका केयर ऑफ एक ही व्यक्ति है। जिनमें 35 बसों का फिटनेस परमिट और बीमा समाप्त हो चुका है।

 

पुष्पेंद्र अग्निहोत्री के नाम पर दर्ज 39 बसों का डाटा एआरटीओ दयाशंकर खगालने में जुट गए हैं। 35 बसों का फिटनेस और परमिट न पाए जाने पर सभी का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया है। साथ ही मामले की गहनता से जाँच होने गोरखधंधे में शामिल अन्य लोगों के नाम का पर्दाफाश होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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