समाजवादी पार्टी ने सेंगोल को राजशाही का प्रतीक बताते हुए उसे हटाकर उसकी जगह संविधान स्थापित करने की मांग की है। जिसके लिए सपा के सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष को लेटर लिखा। लेटर के लिखे जाने के बाद से ही राजनीति के चर्चा का बाजार गर्म है। इसी क्रम में कांग्रेस से निकाले गए और गाजियाबाद निवासी धर्मगुरु प्रमोद कृष्णम ने इस मामले पर विपक्ष पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष को सेंगोल से नहीं सनातन से परेशानी है। क्योंकि सेंगोल सनातन का हिस्सा है। इसलिए यह उसको हटाना चाहते हैं। विपक्ष तो सनातन को हटाना चाहता है।
प्रमोद कृष्णम का कहना है कि निशान तो वह सनातन को बनाते है सेंगोल तो एक बहाना है। असल निशाना सनातन है। प्रमोद कृष्णम के अनुसार, डीएमके ने कहा था की सनातन मलेरिया है डेंगू है कुष्ठ रोग है। यह लोग सनातन को गाली देते हैं। प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सवाल इस बात का है की विपक्ष इस बात का फैसला करें कि उनकी प्रॉब्लम सेंगोल है या सनातन।