दिल्ली की अदालत ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग करने वाली सीबीआई की याचिका पर आज शनिवार को सुनाई की। सुनाई के दौरान सीबीआई ने दिल्ली के CM केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजने के लिए एप्लिकेशन दी, जिसमें केजरीवाल पर जांच एजेंसी ने पूछताछ में सहयोग ना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल ने जानबूझकर शराब घोटाले से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दिया है। केजरीवाल ने नई शराब नीति में प्रॉफिट मार्जिन 5 परसेंट से 12 परसेंट किए जाने की वजह पर भी सही जवाब नहीं दिया।
नई शराब नीति लागू करने की क्या थी जल्दबाजी
आगे कोर्ट में सीबीआई ने कहा कि देश में जिस वक्त कोरोना की दूसरी वेव चल रही थी, उस वक्त कैबिनेट में शराब पॉलिसी में बदलाव करना क्या जरूरी थी? इतनी जल्दबाजी क्यों थी? साउथ लॉबी से जुड़े केस के आरोपी दिल्ली में ठहरे हुए थे। केजरीवाल के करीबी विजय नायर के सम्पर्क में थे। सरकार को नई शराब नीति लागू करने की क्या जल्दबाजी थी? अरविंद केजरीवाल शराब कारोबारियों से उनके करीबी विजय नायर की कई मीटिंग, करोड़ो रुपये की रिश्वत मांगने, गोवा चुनाव में रिश्वत में आए लगभग साढ़े 44 करोड़ रुपये के इस्तेमाल, मगुंटा श्रीनिवासल्लु रेड्डी, अर्जुन पांडेय और मूथा गौतम से मीटिंग की वजह जैसे तमाम सवालों का जवाब देने से बचते रहे।
ऐसे में सीबीआई ने कहा कि इसीलिए उन्हें अरविंद केजरीवाल की रिमांड की जरूरत नहीं है। केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाए।