लोकसभा चुनाव के दौरान इस्तेमाल की गईं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘भारत में ईवीएम एक “ब्लैक बॉक्स” है और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।’
दूसरी तरफ कांग्रेस ने सवाल करते हुए कहा, कि ‘आखिर NDA के कैंडिडेट के रिश्तेदार का मोबाइल EVM से क्यों जुड़ा था? जहां वोटों की गिनती हो रही थी, वहां मोबाइल फोन कैसे पहुंचा? सवाल कई हैं, जो संशय पैदा करते हैं। चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए।’
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र की वनराई पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि आरोपी मंगेश पंडिलकर, मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोटों से जीतने वाले शिवसेना उम्मीदवार रविंद्र वायकर का रिश्तेदार हैं। वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से जुड़ा फोन इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि इस मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईवीएम मशीन को अनलॉक करने वाले ओटीपी को जनरेट करने के लिए किया गया था, जिसका इस्तेमाल 4 जून को NESCO सेंटर के अंदर किया गया था।
वनराई पुलिस ने आरोपी मंगेश पंडिलकर और दिनेश गुरव को सीआरपीसी 41ए का नोटिस भी भेजा है, जो चुनाव आयोग (ईसी) के साथ एनकोर (पोल पोर्टल) ऑपरेटर थे। पुलिस ने अब मोबाइल फोन को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में भेज दिया है ताकि मोबाइल फोन के डेटा पता लगाया जा सके और फोन पर मौजूद फिंगरप्रिंट भी लिए जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना 4 जून को मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतगणना के दौरान नेस्को केंद्र पर हुई। मामला सामने आने के बाद कांग्रेस हमलवार हो गई है।