शाकम्भरी देवी को देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। उन्हें वनस्पतियों की देवी के रूप में पूजा जाता है। शाकम्भरी महोत्सव वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह एक समय है जब लोग देवी शाकम्भरी से आशीर्वाद मांगते हैं। यह बात धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को अभनपुर के खारपा में आयोजित शाकम्भरी महोत्सव को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ कोसरिया मरार पटेल समाज द्वारा किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि वनस्पति फल और जड़ी बूटियों की देवी शाकम्भरी हमें शक्ति और स्वस्थ जीवन देती है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि, अयोध्या में राम लला आ गए हैं। अब राम राज्य आने से कोई नहीं रोक सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों, महिलाओं, युवाओं, किसानों सभी का ख्याल रखते हैं। उन्होंने गरीबों को आवास योजना के तहत मकान, नल से जल, मुफ्त गैस कनेक्शन, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना के तहत 1000 रुपए प्रति माह, किसानों के लिए 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी और युवाओं के लिए स्किल इंडिया के माध्यम से रोजगार के नए अवसर प्रदान किए है।
अग्रवाल ने कहा कि आज से पुनः एक बार राजिम में कुंभ कल्प का आयोजन शुरू हो गया। जिसमें देशभर से साधु संत, महामंडलेश्वर शामिल हो रहे है। उन्होंने लोगों को राजिम कुंभ कल्प में आने का निमंत्रण दिया और संतों का आशीर्वाद लेने की बात कही। श्री अग्रवाल ने समाज के भवन के लिए जमीन और 10 लाख रुपए देने की घोषणा की। इस अवसर पर निःशुल्क सब्ज़ी वितरण भी किया गया। साथ ही समाज के प्रतिभाशाली युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
पौराणिक मान्यता- पौराणिक मान्यता के अनुसार आज ही के दिन भगवान शंकर ने माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी, आज ही मां शाकम्भरी जयंती है। मां दुर्गा ने पृथ्वी पर अकाल और गंभीर खाद्य संकट से निजात दिलाने के लिए शाकम्भरी का अवतार लिया था। इसलिए इन्हें सब्जियों और फलों की देवी के रूप में भी पूजा जाता है।
Report By : Sameer Dubey