झुंझुनूं-उदयपुरवाटी : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोहार्गल सूर्य मंदिर और रानी शक्ति मंदिर में की पूजा-अर्चना, सैनिक स्कूल में विद्यार्थियों से संवाद कर प्रेरित किया

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : बालकृष्ण

झुंझुनूं-उदयपुरवाटी : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि फेल होने का डर आपकी ताकत को कम करता है। इसलिए असफलता का भय नहीं रखे। आप जिस भी क्षेत्र में अभिरुचि रखते हैं, उसमें खुल कर आगे बढ़ें। उन्होंने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आते थे, ऎसे में उन्हें डर लगने लगा था कि यदि वे प्रथम नहीं आए, तो क्या होगा। आज सोचते हैं कि प्रथम नहीं आकर दूसरे, तीसरे या चौथे स्थान पर भी रहते, तो भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।

उन्होंने करीब 19 मिनट तक बच्चों से संवाद किया। उन्हांने कहा कि वे भी चितोड़ सैनिक स्कूल के स्टूडेंट रहे है। आपके बीच में आकर स्कूल के दिनों की शरारतों और अन्य पल याद आ गए है। उन्होंने स्कूल के स्टूडेंट्स से अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहा- मैं पढ़ने में होशियार था, लेकिन मेरी अंग्रेजी कमजोर थी।

सैनिक स्कूल में ही मेरा पुनर्जन्म हुआ है। आज में जो कुछ भी हो वह सैनिक स्कूल की देन है। संवाद के बाद उप राष्ट्रपति ने बच्चों के साथ चाय पी। उसके बाद अपनी पत्नी के साथ स्कूल में पौधारोपण भी किया। बता दे कि उपराष्ट्रपति झुंझुनूं के किठाना गांव के रहने वाले है। वह चितौडगढ़ की सैनिक के स्टूडेंट रहे है।

वे झुंझुनूं के दोरासर स्थित सैनिक स्कूल में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि वे झुंझुनूं सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के बैच को राज्यसभा की कार्यवाही को देखने के लिए बुलाएंगे। धनखड़ ने विद्यार्थियों को कहा कि आप देश का भविष्य हैं। सैनिक स्कूल से जो भी विद्यार्थी निकलता है, वो चाहे किसी भी क्षेत्र में जाए, अच्छा ही करता है।

इससे पहले सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल कर्नल अनुराग महाजन ने धनखड़ दंपति का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन अभिनंदन सिंह बारहठ ने किया। धनखड़ ने संबोधन के बाद सैनिक स्कूल के व्यायामशाला, खरीददारी केंद्र, आगंतुक अतिथि गृह, बालिका छात्रवास, एकीकृत खेल प्रांगण, बहुउद्देश्यीय हॉल आदि के भवन का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। झुंझुनूं के दौरासर में स्थित सैनिक स्कूल के बच्चों से संवाद कर अपनी पुरानी याद ताजा की। बच्चों से संवाद करते समय उपराष्ट्रपति भाव विभोर हो गए। उन्होंने इस दौरान पौधारोपण भी किया।

लोहार्गल धाम में पूजा अर्चना की

उपराष्ट्रपति अपनी पत्नी के साथ सुबह 8ः30 झुंझुनूं पहुंच गए थे। सबसे पहले नवलगढ़ के देवीपुरा में बनाए हैलीपेड़ पर उतरे थे। यहा पुलिस के जवानों गॉड ऑफ ऑनर दिया। उसके बाद नवलगढ़ विधायक राजकुमार शर्मा, जिला कलेक्टर खुशाल यादव, एसपी श्याम सिंह, जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरि ने गुलदस्ता भेंट स्वागत किया। यहा से सड़क मार्ग से सीधे लोहार्गल धाम में पहुंचकर भगवान सूर्यदेव के दर्शन किए। महंत अवधेशाचार्य के सानिध्य में विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना करवाई।

राणी सती मंदिर में दर्शन किए

लोहार्गल धाम से उपराष्ट्रपति 10 बजे के करीब झुंझुनूं पहुंचे। झुंझुनूं हवाई पट्टी पर उतरने पर परिवार के सदस्य हरेन्द्र धनखड़, महेन्द्र धनखड़, पूर्व सांसद संतोष अहलवात, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी समेत कई लोगों ने स्वागत किया। यहा से सबसे पहले उपराष्ट्रपति ने अपने पत्नी के साथ राणी सती मंदिर में दर्शन किए। उसके बाद दोरासर में स्थित सैनिक में पहुंचे।

इससे पहले धनखड़ ने लोहार्गल में सूर्य मंदिर में अपनी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ के साथ पूजा अर्चना की, जहां मंदिर के महंत अवेधेशाचार्य ने पूजा अर्चना करवाई। इस दौरान धनखड़ ने विश्व शांति और देश की प्रगति की मंगलकामना की। वहीं देवीपुरा स्थित हैलीपेड पर मुख्यमंत्री के सलाहकार और नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा, जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी, नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुंडा, जिला कलक्टर डॉ. खुशाल ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।

धनखड़ दंपति ने झुंझुनूं में रानी शक्ति मंदिर में पूजा-अर्चना की। झुंझुनूं हैलीपेड पर पूर्व विधानसभाध्यक्ष सुमित्रा सिंह और जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी ने उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

जब पहली बार सैनिक स्कूल में प्रवेश लिया था 
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आज झुंझुनूं सैनिक स्कूल में आने पर उन्हें वो दिन याद आ गया है जब वे पहली बार सैनिक स्कूल में बतौर विद्यार्थी गए थे। उन्होंने कहा कि वे एक गांव से निकलकर पहली बार शहर गए थे और सैनिक स्कूल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ने उनकी जीवन की नींव रखी। उन्होंने विद्यार्थियों को सैनिक स्कूल के विद्यार्थी होने की बधाई देते हुए कहा कि आप भाग्यशाली हैं।

“हर 6 महीने में स्कूल की प्रगति में नया आयाम मिलेगा”
धनखड़ ने कहा कि मैं वादा करता हूं कि झुंझनूं सैनिक स्कूल की प्रगति में हर 6 महीने में नया आयाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं जिले ने सैन्य बलों को बड़ा योगदान दिया है। धनखड़ ने चंद्रयान अभियान की सफलता और देश की वैश्विक स्तर पर प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक भारत विश्व का सिरमौर होगा।

जिला कलक्टर डॉ. खुशाल की तारीफ की
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने विद्यार्थियों को संबोधित करने के बाद सैनिक स्कूल के नवनिर्मित विभिन्न भवनों का उद्घाटन करने के दौरान जिला कलक्टर डॉ खुशाल की तारीफ करते हुए कहा कि ‘‘ही ईज एन एर्नर्जेटिक मैन ( वे एक ऊर्जावान व्यक्ति हैं)‘‘। उन्होंने सैनिक स्कूल के विकास के संबंध में भी जिला कलक्टर से चर्चा की।

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