राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन विभाग की ओर से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। निर्वाचन विभाग के नए प्रयोग से राज्य के कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के हजारों मतदाताओं को झटका लगा है। दरअसल, कई क्षेत्रों के लोगों का वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के बाद एक लाख से ज्यादा फर्जी मतदाताओं की पोल खुल गई है। निर्वाचन विभाग का मानना है कि अगर बाकी क्षेत्रों में वोटर आईडी को आधार से लिंक किया जाए तो फर्जी मतदाताओं ये आकड़ा बढ़ सकता है।
इन क्षेत्रों में सबसे अधिक फर्जी मतदाता
निर्वाचन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, नीमकाथाना और लक्ष्मणगढ़ में वोटर आईडी कार्ड के आधार से लिंक के बाद सामने आए आकड़े हैरान करने वाले हैं। इन दोनों क्षेत्रों में फर्जी मतदाताओं की गिनती सबसे ज्यादा है। वहीं सीकर इस मामले सबसे पीछे है। यहां अभी तक 87 फीसदी वोटर कार्ड का आधार से लिंक हुआ है।
आधार से लिंक अनिवार्य नहीं: कोर्ट
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्वाचन विभाग का आधार लिंक करवाने वाला काम उस समय धीमा हो गया, जब कोर्ट ने कहा कि वोटर कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य नहीं है। हालांकि कोर्ट का फैसला आने बावाजूद विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में 80 प्रतिशत वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करवाने का पूरा कर लिया।
आधार लिंक पीछे रहे शहरी क्षेत्र
निर्वाचन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के शहरी क्षेत्रों में आधार लिंक आभियान काफी धीमी गति से चल रहा है। विषेशज्ञ की माने तो अगर वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य हो जाए तो निश्चित है कि कई मतदाताओं का नाम लिस्ट से गायब हो जाएगा।