जयपुर : राजस्थान की गहलोत सरकार द्वारा शुरू किया गया मां-बाड़ी केन्द्र आज प्रदेश के सभी जनजातीय क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा संग पोषण और स्वास्थ्य का सौगात दे रहा है। राज्य सरकार की इस योजना का लाभ अब तक प्रदेश के 82 हजार से अधिक बच्चों को मिल रहा है। ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि गहलोत सरकार की मां-बाड़ी केन्द्र योजना राज्य के गरीब तबके को लोगों के वरदान साबित हो रहा है। दरअसल, इस योजना के तहत राज्य के जनजातीय और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब, मजदूर और किसान परिवारों के बच्चों को सरकार की तरफ से अच्छी शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य व्यावस्था मिल रही है। जिससे अब इन बच्चों के माता-पिता निश्चित होकर अपना रोजगार कमा रहा है।
घर के पास ही शिक्षित हो रहे बच्चे
मालूम हो कि मां-बाड़ी केन्द्रों का संचालन राज्य सरकार द्वारा शुरू किये गये ‘स्वच्छता, जल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य स्थानीय परियोजना’ के तहत किया जा रहा है। जहां पहले जनजातीय इलाकों के बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए अपने घर और इलाकों से दूर स्कूलों में जाना पड़ता था। अब उन्हें ये शिक्षा मां-बाड़ी केन्द्र में प्राथमिक स्तर मिल रही है।
राज्य में कुल कितने मां -बाड़ी केन्द्र
राज्य सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस समय राज्य में कुल 2 हजार 838 मां -बाड़ी केन्द्र संचालित हो रहे हैं। जिसमें 82 हजार से अधिक बच्चें राज्य सरकार की तरफ से बेहतर शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य प्राप्त कर रहे हैं।
मां बाड़ी केन्द्रों में नर्सरी से लेकर कक्षा चार तक के बच्चों को अच्छी शिक्षा की सुविधा के साथ पोषण से भरपूर भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही बच्चों को पाठ्य की किताबें, स्लेट, पेन्सिल, रबर, स्कूल-बैग आदि नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाती है। इसके अलावा बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म, जूते, मोजे, टाई, बेल्ट और सर्दियों के लिए स्वेटर भी नि:शुल्क उपलब्ध कराये जाते हैं।