झुंझुनूं : व्यक्तिगत रुचि, व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानकर फैलाए “गुड टच-बैड टच की अवेयरनेस

झुंझुनूं : बच्चों में बढ़ती हुई दुराचार की घटनाओ पर अंकुश लगाने और उनमें जागरूकता पैदा करने के लिये शिक्षा शासन सचिव नवीन जैन के स्पर्श कार्यक्रम एवं उनके मार्गदर्शन में शिक्षा विभाग की अभिनव पहल “सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान” के अन्तर्गत “गुड टच-बैड टच” पर जिले के समस्त राजकीय विद्यालयो के शिक्षकों की कार्यशाला का आयोजन सामुदायिक भवन इंद्रा नगर झुन्झुनू में हुआ ।

कार्यशाला के प्रभारी प्रमेन्द्र कुल्हार ने बताया की “गुड टच-बैड टच” सवेदनशीलता और मानवता का विषय है, इसे हम सब को व्यक्तिगत मुहिम और व्यक्तिगत रुचि, व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानकर राजकीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को गुड टच-बैड टच की समझ विकसित करते हुए इस मुहिम को एक राजकीय दायित्व नही मानते हुए स्वयं की व्यक्तिगत रुचि, व्यक्तिगत पहल मान कर व्यापक अभियान के रूप में आगे बढ़ना है, ताकि बच्चों में होने वाली इस प्रकार की घटनाओं को प्रथम स्टेज पर ही रोका जा सके ।

एपीसी राजबाला खीचड़ ने ने बताया कि इस प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचने के लिये नो गो टेल थ्योरी के बारे में विस्तार से बताया ।इसके तहत ऐसी स्थिति आने पर बच्चों को चिल्लाते हुए “नो” बोलकर उस स्थान या व्यक्ति से सावधानी से दूर भाग जाने (गो) और इसके बारे में बिना किसी घबराहट के अपने माँ-पिता या बड़े भाई बहन या भरोसे मंद को बताने (टेल) के लिये सजग बनाने की जानकारी दी।

कार्यक्रम अधिकारी मनोज झाझडिया ने बताया कि दो-दो घण्टे के 4 सेशन में जिले 1487 विद्यालयो के 1550 शिक्षकों को गुड टच-बैड टच के बारे में आज की कार्यशाला में एक्सपर्ट के द्वारा समझाया गया। साथ ही बताया की 26 अगस्त शनिवार को “नो बैग डे” कार्यक्रम अन्तर्गत एक साथ पूरे जिले के समस्त 1487 राजकीय विद्यालयों में…शिक्षको और…बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में अवेयर किया जायेगा ताकि वो बच्चे आये दिन घटित होने वाली अवांछित घटनाओ से बच सके । कार्यशाला में उपस्थित एसआरजी राजबाला यादव, राकेश कुलहरि, चंद्रभान, गुलाबचन्द, मुकेश मधु मीणा, बबिता ने एक्सपर्ट के रूप में बच्चों को पढ़ाने के आसन और व्यवहारिक तरीके बातए।

वर्तमान समय मे ऐसी कार्यशालाओं की विद्यालयों में महती आवश्यकता है । शिक्षक ही अपने विद्यालयो में पढ़ने वाले बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे समझाएंगे ताकि बच्चा विधालय, घर, परिवार, समाज मे खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।
कमला कालेर, एडीपीसी समसा झुन्झुनू

इस कार्यशाला के लिये प्रत्येक विद्यालय से प्राथमिकता से महिला शिक्षक को बुलाया है। शिक्षा विभाग की इस अभिनव पहल से विद्यालयो में अध्ययनरत बच्चों में स्वयं के लिये जागरूकता बढ़ेगी, साथ ही बच्चे भयमुक्त वातावरण में पढ़ेंगे, अपनी बात खुल कर अपने शिक्षको, माता – पिता, दादा-दादी के सामने रख सकेंगे ।
अनुसुईया सिंह, सयुक्त निदेशक चूरू, सीडीईओ झुंझुनूं

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