कोटा : राजस्थान की शिक्षा नगरी कोटा पूरे देश में एक नई पहचान बनती नजर आ रही है। लेकिन जिसके सामने शहर के तमाम आला हुक्मरान भी बहुत परेशान और बेबस से नजर आ रहे है। वह समस्या है, मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे विद्यार्थी आत्महत्या कर रहे है, जिससे निजात एक पंखा दिलाएगा।
अब आप सोच रहे होंगे की एक पंखा और इस गंभीर समस्या का समाधान कैसे?
चलिए आपको बताते है, पिछले सप्ताह बिहार के छात्र की आत्महत्या के बाद मामला सीएम अशोक गहलोत के पास पहुंचा। प्रशासन को जयपुर से तल्ख अंदाज में टेलीफोन आया और फिर छात्रों की सुरक्षा का जिन्न एक बार फिर से बोतल से बाहर आया। अब सभी होस्टल संचालकों और कोचिंग संचालकों को आनन फानन में सभागार पहुंचने का आदेश दिया गया। और सिर्फ एक ही बात समझाई गई। किसी भी तरह से छात्रों की आत्महत्या का सिलसिला थमना चाहिए। मीटिंग में कोटा संभाग से तमाम आला अधिकारी और शहर के प्रबुद्ध जनों को भी बुलाया गया।
#WATCH | Spring-loaded fans installed in all hostels and paying guest (PG) accommodations of Kota to decrease suicide cases among students, (17.08) https://t.co/laxcU1LHeW pic.twitter.com/J16ccd4X0S
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) August 18, 2023
छात्र आत्महत्या के मामलों पर सरसरी नजर मारी जाए तो साल के शुरूआत से अब तक 22 छात्र अपनी जान गवां चुके है। हॉस्टल एसोसिएशन, प्रशासन और कोचिंग संचालक सभी प्रयास कर चुके है, लेकिन ये मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा। अब मीटिंग में किसी सज्जन ने पंखे का सुझाव दे दिया। बस फिर क्या था। इसलिए सारा अमला पंखे के पीछे हो लिया।
अब कोटा शहर भर के तमाम हॉस्टल्स में स्प्रिंग लोडेड पंखे लगवाए जा रहें। इन पंखों की खासियत यह है कि एक नियत वजन से ज्यादा लोड देने पर पंखा टूट कर नीचे फर्श पर आ गिरेगा। कोटा होस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि पिछले महीने बेंगलुरु की एक कंपनी ने डेमो भी दिया था, जिसे सभी ने सराहा भी। उपायुक्त महोदय द्वारा भी इसे कारगर बताया गया है।
कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि छात्रों में बढ़ते खुदकुशी के मामले और इसे रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कई कदमों उठाए गए हैं और उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कोटा के सभी हॉस्टल और पीजी में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाए जा रहे हैं, ताकि छात्र आत्महत्या ऐसी घटनाओं को अंजाम न दे सकें।
इसके साथ ही जिला प्रशासन ने कोचिंग सेंटर्स को ये निर्देश दिया है कि वो रविवार को कोई टेस्ट या परीक्षा नहीं लेंगे। उस दिन छात्र पूरी तरह से फ्री रहेंगे। साथ ही प्रशासन ने कोचिंग सेंटर को हफ्ते में एक दिन बच्चों के लिए स्पेशल, मोटिवेशनल क्लास रखने के लिए भी कहा है। ताकि छात्रों को मानसिक रूप से मजबूत किया जा सके।