जयपुर : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) भी राजस्थान लोक सेवा आयोग की तर्ज पर भर्ती परीक्षाओं में सवाल का जवाब नहीं देने पर पर नेगेटिव मार्किंग करने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर बोर्ड द्वारा रिव्यू किया जाएगा। उसके बाद ही फाइनल फैसला होगा। यह कहना है कर्मचारी चयन बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष आलोक राज का। जिन्होंने राजस्थान में लंबित भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट के साथ ही नई भर्ती परीक्षाओं की विज्ञप्ति को लेकर मीडिया से खास बातचीत की। पढ़िए- राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज से मीडिया की खास बातचीत…
सवाल- कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लंबित चल रही भर्ती प्रक्रिया को लेकर आपका क्या रोड मैप रहेगा?
जवाब – कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा जो रोड मैप फिलहाल चल रहा है, वह बेहतर है, मैं उसे ही सही तरीके से आगे बढ़ाने की कोशिश करूंगा। अभी मुझे अध्यक्ष बने 1 दिन का ही वक्त हुआ है। ऐसे में सबसे पहले मैं बोर्ड की कार्यशैली को समझने की कोशिश कर रहा हूं। ताकि जो भर्ती परीक्षाएं प्रक्रियाधीन हैं, और जिनकी विज्ञप्ति जारी होनी है, उसे निर्धारित वक्त तक ही पूरा कर दिया जाए। अगर इसमें कोई अड़चन आएगी तो उसे भी दूर किया जाएगा।
सवाल – कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा लंबित चल रही भर्ती परीक्षाओं का रिजल्ट कब तक जारी होगा। क्या परीक्षाएं आचार संहिता के फेर में अटक जाएगी?
जवाब – मेरी पहली कोशिश जल्द से जल्द और एरर फ्री (बिना गलती के) तरीके से रिजल्ट जारी करने की रहेगी। क्योंकि फाइनल रिजल्ट जारी करने से पहले रि-चेकिंग की प्रक्रिया भी की जाती है, जिसकी वजह से रिजल्ट में थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है।
ऐसे में भले ही हमें अतिरिक्त संसाधन और मैन पावर ही क्यों न लगाना पड़े। अब से निर्धारित वक्त पर ही अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी किया जाएगा। इसके साथ ही जिन भर्ती परीक्षाओं का रिजल्ट अब तक जारी नहीं हुआ है, उसे आचार संहिता लगने से पहले ही जारी कर दिया जाएगा।
सवाल – आप भारतीय सेना में अधिकारी रहे हैं। ऐसे में क्या कर्मचारी चयन बोर्ड में भी क्या सेना की किसी पॉलिसी (नियम) को अपनाया जाएगा?
जवाब – भारतीय सेना में सभी काम पंक्चुअलिटी और डिसिप्लिन के साथ पूरे होते हैं। ऐसे में अगर मूड में कहीं कोई लापरवाही बढ़ती जा रही है तो मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि कर्मचारी चयन बोर्ड में भी डिसिप्लिन और पंक्चुअलिटी पर सभी काम पूरे हों।
जिस तरह से सेना में कार्यशैली है, उसे आधार मानकर मैं यहां पर भी काम करूंगा। ताकि बोर्ड के सभी टास्क जैसे विज्ञप्ति जारी करना, आवेदन मांगना, एग्जाम का आयोजन करवाना और उनका रिजल्ट जारी करने जैसे काम निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ सही वक्त पर पूरे हों।
मेरी पहली प्राथमिकता राजस्थान के युवाओं के मन में कर्मचारी चयन बोर्ड को लेकर विश्वास कायम करने की रहेगी। अगले कुछ दिनों में उन्हें बोर्ड की कार्यशैली देख लगने लगेगा। अगर उन्होंने मेहनत की है, अच्छे से एग्जाम दिया है तो उनका सिलेक्शन जरूर से होगा।
सवाल – राजस्थान में पेपरलीक और भर्ती परीक्षाओं में नकल की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। इस समस्या का समाधान कैसे करेंगे?
जवाब – राजस्थान में पेपरलीक और नकल को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जा चुका है। ऐसे में मुझे लगता है कि अगर सही तरीके से उसे इम्प्लीमेन्ट किया जाएगा तो नकल और पेपरलीक जैसी घटनाएं रुक जाएगी। इसके बाद भी अगर उसमें कुछ कमी रह गई होगी तो हम उसमें भी सुधार करेंगे। ताकि राजस्थान में पेपर लीक और नकल जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
वैसे भी पेपरलीक होना कोई रॉकेट साइंस जैसा इशू नहीं है। मुझे लगता है, जहां पर भी पेपरलीक होने की संभावना होती है। अगर उन्हें सही वक्त पर आइडेंटिफाई कर लिया जाए, जैसे पेपरलीक कहां से कब और कैसे हो सकता है। पेपरलीक होने का प्रोसेस क्या है? अगर इस प्रक्रिया पर सही ढंग से कम कर लिया जाएगा तो ऐसी घटनाओं पर विराम लग जाएगा।
सवाल – क्या कर्मचारी चयन बोर्ड भी RPSC की तर्ज पर आंसर नहीं देने पर नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान लागू करेगा?
जवाब – राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा लागू होने वाली इस पॉलिसी कि मुझे फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं है। यह पहल राजस्थान के युवाओं के भविष्य के लिए फायदेमंद होगी तो कर्मचारी चयन बोर्ड भी इसे जरूर से लागू करेगा। ताकि भर्ती परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ी को रोका जा सके।
सवाल – भारतीय सेना से कर्मचारी चयन बोर्ड तक का सफर कैसे पूरा किया। आपको बोर्ड अध्यक्ष बनाया जा रहा है। इसकी जानकारी आपको कब मिली?
जवाब – बुधवार की रात 10 बजे मुझे मुख्यमंत्री जी का फोन आया था। उन्होंने मुझे इसकी जानकारी दी। इसके बाद गुरुवार सुबह आधिकारिक लेटर जारी हो गया। मेरा इससे पहले का सफर भी काफी रोचक रहा है। मैंने राजस्थान से ही अपनी शुरुआती पढ़ाई की है। साल 1981 में मैंने जयपुर के महाराजा कॉलेज से ही बीएससी की थी। उसके पहले भी मैं राजस्थान के भरतपुर सीकर जयपुर और चौमूं के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा चुका हूं।
साल 1982 में मैंने आर्मी जॉइन कर ली थी। ट्रेनिंग पीरियड के साथ मैंने 40 साल भारतीय सेवा में अपनी सेवाएं दी हैं। इस दौरान न सिर्फ भारत के अलग-अलग राज्य बल्कि मुझे विदेश में भी भारतीय सेवा का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। इस दौरान मैंने अलग-अलग पद और जगह पर काम किया।
इसकी वजह से मुझे रिक्रूटमेंट से लेकर प्रमोशन तक की प्रक्रिया अच्छे से पता है। मुझे उम्मीद है कि जो जानकारी अब तक मुझे मिली है, उसे मैं कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष पद पर रहते हुए अच्छे से इंप्लीमेंट कर बोर्ड की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने की पूरी कोशिश करूंगा।