जयपुर : लड़कियों से 3 बार छेड़छाड़ तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी:कॉलेज गर्ल बनकर मनचलों को ढूंढ रही महिला पुलिस, पढ़िए- कौनसी हरकतें बिगाड़ेंगी कैरेक्टर सर्टिफिकेट

जयपुर : राजस्थान में अगर किसी मनचले ने तीन या उससे ज्यादा बार छेड़खानी की तो कैरेक्टर सर्टिफिकेट में बदनुमा दाग लग जाएगा। पुलिस ऐसे मनचलों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट में स्पेशल नोट डालेगी, जो आपका करियर बर्बाद कर सकता है। इतना ही नहीं हिस्ट्रीशीटर की तरह मनचलों का रिकॉर्ड और फोटो थानों में रखा जाएगा।

मनचलों पर लगाम कसने के लिए पुलिस की निर्भया स्क्वॉड ने काम भी शुरू कर दिया है। टीम की महिला पुलिसकर्मी कॉलेज गर्ल बनकर गर्ल्स कॉलेज के आस-पास घूम रही हैं। स्कूल जाने वाले रास्तों, सिटी बसों और ऑटो में सफर कर मनचलों पर शिकंजा कस रही हैं।

महज चार दिन में 160 मनचले जयपुर में पकड़े गए हैं। इनमें से 50 को गिरफ्तार किया है। इनमें से तीन बार ऐसी ही गलती करने वालों की पहचान की जा रही है। मनचलों को सरकारी नौकरी से वंचित रखने के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पुलिस के लिए एक्शन प्लान बनाना चुनौतीपूर्ण था। मनचलों को कैसे पकड़ा जाए? इनका कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनाने और डेटा मेंटेन कैसे किया जाएगा?

पढ़िए- इस स्पेशल स्टोरी में….

लड़कियों को अश्लील कमेंट करना भी छेड़खानी

किसी लड़की के साथ छेड़खानी की परिभाषा क्या रहेगी? यह सब पीड़ित लड़की की पुलिस को दी शिकायत पर निर्भर करेगा। इसमें राह चलती लड़की को कमेंट करना, फिजिकल टच करना, अश्लील इशारे करना, रास्ते में आते-जाते समय परेशान करना आदि शामिल है। यह सभी हरकतें छेड़खानी की श्रेणी में मानी जाएंगी।

तीन बार छेड़खानी करते पाए गए तो बिगड़ जाएगा कैरेक्टर सर्टिफिकेट

एडीजी (सिविल राइट) स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि लड़कियों-महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले मनचलों का रिकॉर्ड थानों में रखा जाएगा। छेड़खानी की हर शिकायत की लिस्ट बनाई जाएगी। अगर किसी शख्स के खिलाफ तीसरी बार भी शिकायत मिलती है, तो उसकी शिकायतों का रिकॉर्ड क्राइम ब्रांच को भेजा जाएगा। क्राइम ब्रांच उस शख्स की पूरी डिटेल अपडेट कर संबंधित थाने में भिजवाएगी, जहां उसके कैरेक्टर सर्टिफिकेट में छेड़खानी की शिकायतों का नोट डाला जाएगा।

महिलाओं-लड़कियों से छेड़खानी करने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
महिलाओं-लड़कियों से छेड़खानी करने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

थानों में हिस्ट्रीशीटर की तरह मनचलों का रिकॉर्ड रखा जाएगा

हर थाने में क्षेत्र के कुख्यात बदमाशों और हिस्ट्रीशीटर का पूरा रिकॉर्ड रखा जाता है। उनके फोटो थाने के नोटिस बोर्ड पर चस्पा होते हैं। ऐसे ही अब हर थाने में लड़कियों के साथ छेड़खानी करने वालों का अलग से रिकॉर्ड रखा जाएगा।

आरोपी की फोटो, उसने किस तरह की छेड़खानी की, उसने कितनी बार छेड़खानी की है, उसकी शिकायत मौखिक या एफआईआर जैसे रिकॉर्ड मेंटेन किए जाएंगे। इनमें अगर किसी ने तीन या उसे ज्यादा बार छेड़खानी की है तो उसके कैरेक्टर सर्टिफिकेट में यह नोट डाला जाएगा।

तीसरी बार छेड़खानी करने का रूल क्यों?

श्रीवास्तव ने बताया कि छेड़खानी के मामलों में कई बार कमेंट करना या बार-बार फोन करने जैसी शिकायतें भी आती हैं। कई बार तो नाबालिगों को पता ही नहीं होता है, वे नासमझी में अपराध कर रहे हैं। ऐसे मामलों में पहले समझाया जाता है फिर भी नहीं माने तो पाबंद करने की कार्रवाई की जाती है। अगर गंभीर मामला हो तो एफआईआर दर्ज की जाती है।

कई बार कोई गलतफहमी या झूठी शिकायत भी कोई कर सकता है। इसलिए हर किसी को दो मौके दिए जाते हैं ताकि नासमझी के चक्कर में करियर खराब नहीं हो। अगर कोई तीन बार छेड़खानी करता है तो मतलब वो आदतन अपराधी प्रवृत्ति का है, ऐसे में उसके खिलाफ कैरेक्टर सर्टिफिकेट में नोट डालने की कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस का मनचलों के खिलाफ कार्रवाई प्लान

जयपुर में 235 हॉट-स्पॉट चिन्हित, यहीं होती है सबसे ज्यादा छेड़छाड़

जयपुर पुलिस ने शहर में 235 हॉट-स्पॉट चिन्हित कर रखे हैं, जहां मनचले और उत्पाती युवकों को छेड़खानी की घटनाएं करने की संभावना रहती है। इनको रेड, येलो और ऑरेंज जोन में बांट रखा है। रेड हॉट-स्पॉट 52, यलो जोन में 104 और ऑरेंज जोन में 79 पॉइंट चिन्हित किए गए हैं। इन पॉइंट्स पर निर्भया टीम सबसे ज्यादा गश्त करती है। यह गर्ल्स स्कूल, कॉलेज, मॉल, पार्क जैसी जगह हैं, जहां युवतियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी करने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है।

महिला पुलिसकर्मी कॉलेज गर्ल्स बनकर पकड़ती हैं मनचलों को

मनचलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने निर्भया स्क्वॉड बना रखा है। इसमें 199 महिला पुलिसकर्मी हैं। निर्भया स्क्वॉड ने करीब दो साल पहले ‘सेफर स्ट्रीट-सेफर सिटी’ अभियान चलाया था। इसमें महिला पुलिसकर्मी खुद सादे कपड़े पहनकर कॉलेज गर्ल्स की तरह पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करती थी। इस दौरान कई मनचलों को छेड़खानी करने पर पकड़ा था।

पुलिस ने पिछले महीने दिशा नाम का अभियान चलाया था। यह अभियान पूरे महीने चलाया गया था। इसमें जागरूकता अभियान के साथ मनचलों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। इसके बाद 10 अगस्त से दिशा-2 अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान करीब 52 दिनों तक चलाया जाएगा। इसके अलावा गरिमा अभियान भी चलाया गया। यह अभियान 10 से 18 अगस्त तक चलाया जाएगा।

अभय कमांड सेंटर में फोन पर मिली शिकायतें दर्ज करती निर्भया स्क्वॉड की टीम।
अभय कमांड सेंटर में फोन पर मिली शिकायतें दर्ज करती निर्भया स्क्वॉड की टीम।

मनचलों के खिलाफ कार्रवाई की फोटो और वीडियोग्राफी होगी

पुलिस मनचलों के खिलाफ कार्रवाई की फोटो और वीडियोग्राफी भी करवा रही है। किसी भी पब्लिक प्लेस पर मनचलों के खिलाफ छेड़खानी मिलने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की फोटो और वीडियोग्राफी करवा रही है। ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई का पुलिस के पास रिकॉर्ड रहे। इससे बदमाश फिर से ऐसी हरकत नहीं करेंगे।

भजन संध्या और मंदिरों में भी जाकर अवेयर कर रहे हैं

पुलिस की टीम छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए बच्चों और उनके पेरेंट्स को अवेयर कर रही है। इसके लिए पब्लिक प्लेस पर जहां सबसे ज्यादा महिलाएं या बालिकाओं की भीड़ होती है, वहां हम अवेयरनेस प्रोग्राम रखते हैं।

इनमें मंदिरों में भजन संध्या में महिलाएं सबसे ज्यादा आती है। ऐसे ही सरकार के फ्री मोबाइल बांटने के लिए लगने वाले शिविर में लड़कियों को अवेयर करने के लिए हर जगह एक स्टॉल लगाई जा रही है। महिला पुलिसकर्मियों की टीम लड़कियों और उनके परिजनों को अवेयर करती है।

पहली बार गलती करने वाले मनचलों को समझाइश के साथ चेतावनी दी जा रही है। साथ ही थाने में रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है।
पहली बार गलती करने वाले मनचलों को समझाइश के साथ चेतावनी दी जा रही है। साथ ही थाने में रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है।

गर्लफ्रेंड नाबालिग है तो वो भी क्राइम

छेड़खानी की सूचना मिलते ही पुलिस की निर्भया टीम मौके पर पहुंचती है। अगर किसी नाबालिग के खिलाफ ऐसी शिकायत मिलती है तो पहले उसे समझाया जाता है। ज्यादातर केस में नाबालिग बच्चों को पता ही नहीं होता कि वो अपराध कर रहे हैं। कई बार महज दोस्तों के उकसाने पर बच्चे छेड़खानी कर देते हैं। ऐसे में उसे पहले समझाया जाता है। दूसरी बार शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ एक्शन लिया जाता है।

एडीजी स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि आज के युवाओं में लड़के और लड़कियों को लेकर अवेयरनेस लाना बहुत जरूरी है। इसके लिए हमारी टीम ‘सुरक्षा सखियां’, ‘आत्म रक्षा’, सीएलजी मेंबर के साथ मिलकर स्कूल, कॉलेज, सेमिनार में लड़कियों और उनके परिजनों को जागरूक कर रही हैं। अगर किसी लड़की के साथ स्कूल, कॉलेज आते-जाते समय कोई परेशान करता है तो हमें वॉट्सऐप पर मैसेज करके भी शिकायत कर सकते हैं।

नाबालिग बच्चियों के साथ रिश्तेदार या कोई पहचान वाला छेड़खानी ना करे ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है, गुड टच-बेड टच। इसी तरह युवाओं को भी जागरूक किया जा रह है। अगर किसी युवा की गर्लफ्रेंड नाबालिग है तो उसे समझाते हैं कि यह भी अपराध है। कई बार युवाओं को लगता है कि हम दोनों की सहमति है इसमें गलत कुछ नहीं है, लेकिन अगर गर्लफ्रेंड नाबालिग है तो वो अपराध कर रहे हैं।

4 दिन में ही पुलिस ने कार्रवाई कर 160 मनचलों को पकड़ा है।
4 दिन में ही पुलिस ने कार्रवाई कर 160 मनचलों को पकड़ा है।

महज 4 दिनों में 160 मनचलों को पकड़ा

पुलिस ने अभियान चलाकर महज 4 दिनों (15 अगस्त तक) में अलग-अलग जगहों से 160 मनचलों को पकड़ा। इनमें पुलिस ने 50 युवकों को गिरफ्तार किया है। अब इन युवकों की लिस्ट बनाकर रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। इनमें उन लोगों को चिन्हित किया जाएगा, जिनकी शिकायत तीन बार या उससे ज्यादा बार आ रखी है। कैरेक्टर सर्टिफिकेट के लिए ऐसे लोगों की लिस्ट क्राइम ब्रांच को भेजी जाएगी। क्राइम ब्रांच इनके खिलाफ आगे कार्रवाई करेगा।

वॉट्सऐप या कॉल पर शिकायत, घर बैठे कंम्पलेन दर्ज करा सकती है लड़कियां

एडिश्नल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि जयपुर पुलिस ने निर्भया हेल्पलाइन के पांच मोबाइल नंबर जारी किए हैं। कोई भी छेड़खानी की शिकायत इन नंबर पर कॉल करके, मैसेज या वॉट्सऐप मैसेज के जरिए कर सकते हैं। इन नंबर पर दिन के समय निर्भया टीम की महिला पुलिसकर्मी अटेंड करेगी और रात के समय गश्त करने वाली पुलिस टीम की चेतक टीम कार्रवाई करेगी।

कोई भी महिला या युवती अपनी शिकायत वॉट्सऐप के जरिए भेज सकती है। निर्भया टीम की महिला पुलिसकर्मी उसे संपर्क करेगी। पीड़िता घर बैठे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। उसे कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी। महिला पुलिसकर्मी पीड़िता के घर जाकर शिकायत दर्ज करेगी। पुलिस के घर जाने पर कई बार पड़ोसी संदेह करते हैं। ऐसे में महिला पुलिसकर्मी शिकायत लेने भी सादे कपड़ों में जाएगी ताकि पीड़िता और उसका परिवार असहज महसूस नहीं करे।

सीएम का सरकारी नौकरी से वंचित रखना मौखिक आदेश पुलिस के लिए बना गया था चुनौती

इसी 7 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चीफ सेक्रेटरी, डीजी पुलिस और अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था को लेकर बैठक ली थी। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मौखिक आदेश देते हुए कहा था कि ‘जो मनचले लोग हैं, जो लड़कियों से साथ बदतमीजी करते हैं, उनका इलाज करो। इनका नाम लिखो और आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजो। मनचले बहन-बेटियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं, हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।’

सीएम गहलोत ने साफ कहा कि महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों से छेड़छाड़ करने वालों को राजस्थान में अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। छेड़छाड़ करने वालों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट में इसका उल्लेख किया जाएगा। ये युवा भर्ती परीक्षा में शामिल ही नहीं हो सकेंगे। यदि ऐसा हो गया तो लड़कियों से छेड़छाड़ करने वालों को सरकारी नौकरी से वंचित करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन जाएगा। लेकिन सरकारी नौकरी से वंचित करने का प्लान बनाना अब पुलिस के लिए चुनौती बन गया।

कैरेक्टर सर्टिफिकेट और बोर्ड को जानकारी भेजेगी पुलिस

पुलिस तीन या उसे ज्यादा बार छेड़खानी की घटना करने वाले बदमाशों के कैरेक्टर सर्टिफिकेट में नोट डालेगी। इसकी जानकारी कर्मचारी चयन बोर्ड और आरपीएससी को भी भेजेगी, लेकिन ऐसे बदमाशों को सरकारी नौकरी से कैसे वंचित रखना है। इसका प्लान अभी नहीं बना है। किसी भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी के चयन होने के बाद पुलिस से कैरेक्टर सर्टिफिकेट मांगा जाता है।

कैरेक्टर सर्टिफिकेट में अगर कोई अभ्यर्थी पहले नकल के मामले में दोषी पाया जाए तो बोर्ड उस अभ्यर्थी को डी-बार कर देती है। ऐसे में उसका किसी भी भर्ती परीक्षा में चयन नहीं हो पाता है। इसी प्रकार कैरेक्टर सर्टिफिकेट में अगर कोई अभ्यर्थी किसी आपराधिक मामले में भी दोषी होता है तो उसे भी सरकारी नौकरी से वंचित होना पड़ता है, लेकिन अब कैरेक्टर सर्टिफिकेट में छेड़खानी की घटना का नोट डालने पर उसे सरकारी नौकरी से वंचित रखा जाए इसका प्लान बनाने की तैयारी की जा रही है।

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