Nuh Violence : नूंह हिंसा से सात दिन पहले रची गई थी साजिश! ये 96 घंटे खोलेंगे अब हर राज

Nuh Violence : हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा से पहले की अब परतें खोली जा रही हैं। इस मामले पर काम कर रहीं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक दंगों से 48 घंटे से लेकर 120 घंटे पहले ही माहौल खराब करने की साजिश रची जा रही थी। सोशल मीडिया पर बाकायदा एक सप्ताह पहले ही डिजिटल वॉर शुरू हो गया था। बावजूद इसके जो सावधानियां बरती जानी चाहिए थीं, उसमें कई स्तरों पर लापरवाहियां सामने आई हैं। हरियाणा में फैली इस आग की पल-पल की जानकारी फिलहाल अब केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी जा रही है। हरियाणा पुलिस के मुताबिक इस पूरे मामले की जांच चल रही है। हरियाणा के पल-पल की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दी जा रही है। फिलहाल पता यही चल रहा है कि सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर ने सात दिन पहले जो वीडियो अपलोड किया, उसके बाद ही पूरे इलाके में माहौल खराब होने का अनुमान लगाया जाने लगा था।

सात दिन पहले से ही रची जा रही थी साजिश

हरियाणा के नूंह में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम से एक सप्ताह पहले ही माहौल गर्म होने लगा था। अब इस पूरे मामले में करीब से नजर रखने वाली जांच एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दो समुदायों के बीच शुरू हुई सोशल मीडिया वॉर अंततः बड़ी घटना के रूप में सामने आ गई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 31 जुलाई को शुरू होने वाले इस कार्यक्रम से तकरीबन सात दिन पहले ही जब एक समुदाय की ओर से यात्रा निकाले जाने का आह्वान किया गया, तो दूसरे समुदाय ने भी उस पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। इस पूरे मामले पर नजर रखने वाले महकमे से जुड़े एक जिम्मेदार अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि माहौल खराब करने में मोनू मानेसर का बड़ा योगदान सामने आ रहा है। लंबे समय तक मेवात इलाके के अलग अलग हिस्सों में काम कर चुके रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हरबीर सिंह कहते हैं कि नूंह में शुरू होने वाली इस यात्रा से एक सप्ताह पहले जब माहौल बिगड़ने की गुंजाइश बन रही थी, तो पुलिस और स्थानीय खुफिया एजेंसियों को इस मामले में सक्रियता के साथ निपटने की योजना बनानी चाहिए थी। हरबीर कहते हैं कि जब इस पूरे मामले में मोनू मानेसर का नाम सामने आ रहा था और उसके सोशल मीडिया पर आने के बाद परिस्थितियां बिगड़ने लगीं, तो जिम्मेदारों को तुरंत कार्रवाई करते हुए अगला एक्शन लेना चाहिए था।

ऐसे चल रहा था सोशल मीडिया पर अभियान

हरियाणा में चल रहे बवाल के पीछे जिस मोनू मानेसर का नाम सामने आ रहा है। उसके ऊपर पहले से ही पुलिस के कई मुकदमे दर्ज हैं। जानकारी के मुताबिक अमित यादव उर्फ मोनू मानेसर सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर भी है। फेसबुक पर तकरीबन अस्सी हजार से ज्यादा फॉलोवर हैं और यूट्यूब पर दो लाख के करीब सब्सक्राइबर हैं। फिलहाल अब इस मामले में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों मामले की पड़ताल करनी शुरू की, तो पता चला कि मोनू मानेसर में यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले ही एक वीडियो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया था, जिसमें उसने 31 जुलाई को होने वाले कार्यक्रम में खुद शरीक होने की घोषणा की थी। नूंह में हुई घटना को करीब से जानने वाले लोगों का मानना है कि जब सोशल मीडिया पर मोनू ने वीडियो डालकर इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की, तो उसके बाद से ही नूंह इलाके में माहौल खराब होने लगा। मोनू मानेसर अपील के बाद दूसरे समुदाय की ओर से की जाने वाली टिप्पणियों की क्रिया प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर लगातार देखी जा रही थी।

क्यों बुलाए गए करनाल और सोनीपत से लोग

नूंह में हुई घटना को लेकर अब केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को जो इनपुट मिल रहे हैं, उसमें यह पता चल रहा है कि हालात खराब करने के लिए सिर्फ मेवात के लोग ही मौके पर नहीं जुटे, बल्कि हरियाणा के अलग-अलग जिलों से भी लोग यहां पर पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि 31 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम में करनाल से 400 लोग और सोनीपत से भी तकरीबन इतने ही लोगों का जत्था आयोजन में शिरकत करने के लिए रवाना हुआ था। इसके अलावा मेवात इलाके से जुड़ने वाले राजस्थान के इलाकों के भी कुछ लोग मौके पर पहुंचे थे। फिलहाल जिम्मेदार महकमे से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि यात्रा पहले भी निकलती रही थी, इसलिए उन्हें यह भनक नहीं हो पाई कि माहौल इतना बिगड़ जाएगा। हालांकि हरियाणा पुलिस के रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी हरबीर सिंह कहते हैं हरियाणा में इतना बड़ा बवाल हो गया और जिम्मेदार अधिकारी यह कह दें कि उनको इसका अंदाजा नहीं था, यह सरासर झूठ ही माना जाएगा। वह कहते हैं कि इस मामले में अगर निष्पक्ष पड़ताल होगी तो पता चलेगा कि कहां-कहां पर चूक हुई और कौन-कौन से लोग इसमें दोषी हैं।

पुलिस जब नेतागिरी करेगी तो यही होगा

हरियाणा के नूंह में हुई घटना को लेकर वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ विक्रम सिंह हरियाणा पुलिस पर सबसे बड़ा सवालिया निशान लगाते हैं। वह कहते हैं कि इस पूरे मामले में सबसे बड़ी लापरवाही हरियाणा पुलिस की ओर से हुई है। डॉ विक्रम सिंह कहते हैं कि जब पुलिस का वांछित मोनू मानेसर सोशल मीडिया पर खुलेआम बयान देकर कार्यक्रम में शामिल होने की बात करता है, तो पुलिस अधिकारी उसे गिरफ्तार क्यों नहीं करते हैं। कहते हैं कि थाने में मौजूद रजिस्टरों में इस बात की जानकारी होती है कि कब कौन सा कार्यक्रम कहां पर होना है और उससे पहले सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम पुलिस को करने चाहिए थे। वह कहते हैं कि हरियाणा पुलिस ने ना तो ऐसा कुछ किया और इसके अलावा ना यात्रा निकालने वाले रूट की जांच की। रिटायर्ड आईपीएस विक्रम सिंह कहते हैं कि अगर इस पूरे मामले में पुलिस ने गंभीरता से सब कुछ किया होता, तो शायद इतनी बड़ी घटना ना होती उनका उनका कहना है कि पुलिस जब पॉलिटिकल लोगों की तरह बिहेव करती है, तो इसी तरीके की घटनाएं सामने आती हैं।

फिलहाल हरियाणा में हुई पूरी घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय अपनी निगाह लगाए हुए है। पुलिस महकमे के मुताबिक पल-पल की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय समेत जिम्मेदार अधिकारियों को दी जा रही है। फिलहाल पुलिस अब इस पूरे मामले में यह तहकीकात करने जुटी है कि 31 जुलाई के 7 दिन पहले से किस तरीके की घटनाएं सोशल मीडिया पर हो रही थीं। पुलिस घटना के 96 घंटे पहले एवं सोशल मीडिया फुटेज और वीडियो समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की एक्टिविटी को भी खंगाल रही है। पता अब यह भी किया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर कौन-कौन से लोगों ने क्रिया और प्रतिक्रिया देकर माहौल को भड़काने की कोशिश की है। जांच एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले में जिस स्तर पर भी लापरवाही हुई होगी, उनमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

अब जानते हैं कि नूंह में हिंसा कैसे भड़की

स्थानीय लोगो के मुताबिक :

    • दोपहर एक बजे यात्रा बड़कली चौक पर पहुंची तो विश्व हिंदू परिषद की अगुआई में हिंदू संगठन ब्रज मंडल यात्रा के लोगों ने नारेबाजी करते हुए पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा बढ़ती गई।
    • हरियाणा के नूह में बजरंग दल, VHP की धार्मिक शोभायात्रा के दौरान बवाल,इस यात्रा में जुनैद,नासिर,वारिस हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर के शामिल होने से नाराज़ थे स्थानीय निवासी,शोभायात्रा में शामिल युवकों के हाथों व कार में देखे जा सकते है अवैध हथियार व तलवार,स्थानीय निवासी को वीडियो में सुना जा सकता है जिसमे वह कह रहा है कि गाड़ियों में आग मेवातियों को बदनाम करने के लिए लगाई गई है।
    • ये समझ नहीं आ रहा है ये तलवार बन्दूक़ और हथियार ले कर कौनसी रैली कर रहे थे और प्रशासन ने इसकी परमिशन कैसे दे दी ?
    • पूरे शहर में उपद्रवियों ने 6 घंटे तक जमकर बवाल काटा। 150 से ज्यादा गाड़ियां फूंक दी गईं। होमगार्ड के 2 जवानों समेत 6 लोगों की मौत हो गई।

तशविरो से समझे स्थानीय लोगो के तथ्यो को 

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