Nuh Violence: आखिर हरियाणा के गृह मंत्री ने मोनू मानेसर को घटना होते ही क्यों दे दी क्लीन चिट! क्या है वजह?

Nuh Violence : हरियाणा के नूंह से शुरू हुए बवाल में जिस मोनू मानेसर का नाम सबसे पहले आया आखिर उसको हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बगैर किसी जांच के क्लीनचिट क्यों दे दी। हरियाणा में हुए दंगों के दौरान अब यह सबसे बड़ा हरियाणा सरकार के गृह मंत्री अनिल विज से पूछा जा रहा है। हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के नेता कुलदीप शर्मा से लेकर पलवल के पूर्व विधायक और मंत्री रहे करण दलाल तमाम नेताओं ने यह सवाल उठाए हैं कि आखिर अनिल विज को इस पूरे मामले में इतनी जल्दी क्या रही कि उन्होंने हत्या में वांछित आरोपी को क्लीन चिट दे दी।

हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के विधायक रहे कुलदीप शर्मा कहते हैं कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि हरियाणा के गृह मंत्री को बगैर किसी जांच के एक अपराधी और हत्या के मामले में वांछित मोनू मानेसर को क्लीन चिट देनी पड़ गई। कुलदीप शर्मा कहते हैं कि पुलिस लेकर खुफिया एजेंसी और सरकार के पास सबूत है कि इस पूरे मामले में किस स्तर की लापरवाही हुई है बावजूद इसके उसको रोकने की बजाय सरकार आरोपियों को ही क्लीन चिट दे रही है। उनका आरोप है कि हरियाणा में जिस तरीके से घटना हुई है वह एक सोची समझी साजिश है। मोनू मानेसर तो महज एक मोहरा है। उनका आरोप है कि चुनावी दौर में भाजपा सरकार ने राज्य का माहौल बिगाड़ने की साजिश रची है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा कहते हैं कि जब एक सप्ताह से समूचे हरियाणा में माहौल बिगड़ने की सूचनाएं लोगों के पास पहुंच रही थीं, तो ऐसे में इस बात से कैसे इंकार किया जा सकता है कि सरकार के पास इसकी सूचना नहीं थी। वह कहते हैं कि सरकार के पास सूचना भी थी और पुलिस के पास निर्देश भी थे। तभी तो समूचे हरियाणा को एक बार फिर से आग की भट्टी में झोंकने के लिए मनोहरलाल खट्टर सरकार ने इतनी बड़ी साजिश रच डाली।

नूंह में फैली आग पलवल तक भी पहुंची है। हरियाणा के पलवल से पूर्व विधायक और मंत्री रहे करण दलाल कहते हैं कि भाजपा ने चुनावी साल में इस तरीके की साजिशें रचनी शुरू की हैं, ताकि शांतिप्रिय हरियाणा में माहौल खराब होना शुरू हो। दलाल कहते हैं कि भाजपा ने इसकी शुरुआत नूंह से कर दी है। उनका आरोप है कि तीन साल पहले शुरू हुई जिस यात्रा में माहौल खराब होने की आशंका थी, आखिर हरियाणा सरकार और जिम्मेदार अधिकारियों ने उस पर वक्त रहते कुछ क्यों नहीं किया। पूर्व मंत्री करण दलाल कहते हैं दरअसल इसके पीछे सरकार की मंशा साजिश के तहत हरियाणा को आग में झोंकने की थी। सवाल करण दलाल भी वही उठाते हैं कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को एक हत्या में वांछित अपराधी का बचाव करना पड़ा और सरकार की मंशा को जाहिर करना पड़ा कि वह बगैर किसी जांच के एक आरोपी को क्लीन चिट दे रहे हैं। हरियाणा के पूर्व मंत्री आरोप लगाते हैं कि जो भी घटनाएं हो रही हैं वह पुलिस के साए में लगातार हरियाणा को आग में झुलसा रही हैं।

हरियाणा में हुए दंगों पर फिलहाल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वह शांति यात्रा और पीस कमेटी के माध्यम से फिलहाल इस आग को यहीं पर रोकने के लिए आगे आने की गुजारिश भी कर रही है और कांग्रेस पार्टी इसके लिए अभियान भी चला रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कुलदीप शर्मा कहते हैं कि उन्होंने हरियाणा की ऐसी अलग-अलग पीस कमेटी और उससे जुड़े लोगों से संपर्क कर सरकार की ओर से रची गई साजिश को खत्म करने की गुजारिश की है। उनका आरोप है जिस तरीके से हरियाणा को जलाया जा रहा है, दरअसल वह एक पूरी तरीके से ऑर्गेनाइज क्राइम है। क्योंकि जिस तरीके से मोनू मानेसर के अलावा और भी कई आरोपियों का नाम इसमें आ रहा है सरकार उसे बचाने की पूरी तैयारी भी कर रही है। वह कहते हैं कि चुनाव से पहले मुद्दों से भटकाने के लिए सरकार ने इस तरीके की साजिश रची है।

खट्टर सरकार पर उठे कानून व्यवस्था की बदहाली के सवाल

कांग्रेस नेताओं ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर तमाम तरह के सवालिया निशान लगाए हैं। हरियाणा के पूर्व मंत्री करण दलाल कहते हैं कि यह पहला मौका नहीं है जब खट्टर सरकार की लापरवाही के चलते हरियाणा आग की भट्टी में झोंका गया है। इससे पहले खट्टर सरकार में ही रामपाल मामले में हरियाणा जला था। फिर जाट आरक्षण के चलते हरियाणा को आग के हवाले कर दिया गया और खट्टर सरकार कुछ नहीं कर सकी। ठीक इसी तरह मनोहर लाल खट्टर सरकार राम रहीम के मामले में न सिर्फ पूरी तरह फेल हुई, बल्कि उस दौर में भी हरियाणा को आग में झोंक दिया गया था। अब फिर हरियाणा को सांप्रदायिक दंगों की आग में झोंका जा रहा है। वह आरोप लगाते हैं कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार चलाने में न सिर्फ पूरी तरह विफल हुए हैं, बल्कि उनकी लापरवाही के चलते हरियाणा में न सिर्फ अशांति बनी है, बल्कि लोगों की जाने जा रही हैं। हरियाणा के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी कहा कि नूंह में जो घटना घटी है, वह बड़ी प्रशासनिक विफलता है। अगर सरकार समय पर सतर्कता बरतती, तो यह घटना टाली जा सकती थी।

फिलहाल नूंह में जलाभिषेक यात्रा के दौरान भड़की हिंसा की आग हरियाणा के कई शहरों में पहुंच गई है। हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत हो गई है। नूंह में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। आरोपियों की धरपकड़ व शांति के लिए अर्धसैनिक बलों की 20 व पुलिस बल की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं। नूंह में कर्फ्यू जारी है। आसपास के शहरों में धारा 144 लगाई गई है। हरियाणा के पलवल, सोहाना, मानेसर और पटौदी में इंटरनेट बंद है। विश्व हिंदू परिषद ने हिंसा के विरोध में आज देशव्यापी प्रदर्शन भी बुलाया है। हरियाणा में हिंसा को देखते हुए यूपी के भी 11 जिलों में अलर्ट किया गया है। मामले में डेढ़ हजार से अधिक लोगों के खिलाफ तीस एफआईआर दर्ज की हैं।

अब जानते हैं कि नूंह में हिंसा कैसे भड़की

स्थानीय लोगो के मुताबिक :

    • दोपहर एक बजे यात्रा बड़कली चौक पर पहुंची तो विश्व हिंदू परिषद की अगुआई में हिंदू संगठन ब्रज मंडल यात्रा के लोगों ने नारेबाजी करते हुए पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा बढ़ती गई।
    • हरियाणा के नूह में बजरंग दल, VHP की धार्मिक शोभायात्रा के दौरान बवाल,इस यात्रा में जुनैद,नासिर,वारिस हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर के शामिल होने से नाराज़ थे स्थानीय निवासी,शोभायात्रा में शामिल युवकों के हाथों व कार में देखे जा सकते है अवैध हथियार व तलवार,स्थानीय निवासी को वीडियो में सुना जा सकता है जिसमे वह कह रहा है कि गाड़ियों में आग मेवातियों को बदनाम करने के लिए लगाई गई है।
    • ये समझ नहीं आ रहा है ये तलवार बन्दूक़ और हथियार ले कर कौनसी रैली कर रहे थे और प्रशासन ने इसकी परमिशन कैसे दे दी ?
    • पूरे शहर में उपद्रवियों ने 6 घंटे तक जमकर बवाल काटा। 150 से ज्यादा गाड़ियां फूंक दी गईं। होमगार्ड के 2 जवानों समेत 6 लोगों की मौत हो गई।

तशविरो से समझे स्थानीय लोगो के तथ्यो को 

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