नई दिल्ली : दिल्ली में हथियारों के इंटरनेशनल गैंग का पर्दाफाश: मूसेवाला की हत्या से भी जुड़ा है कनेक्शन

Arms Smuggling Module (Rahul Prakash): दिल्ली पुलिस की साउथ वेस्ट रेंज स्पेशल सेल ने सीमा पार हथियारों की तस्करी में शामिल एक बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। यह मॉड्यूल दुबई, पाकिस्तान, नेपाल और भारत से ऑपरेट हो रहा था। पकड़े गये आरोपी मोहम्मद ओवैस उर्फ ​​शमशाद, मोहम्मद अफरोज, मोहम्मद अदनान हुसैन को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से जिगाना, बेरेटा सहित 12 सेमी-ऑटोमैटिक हाई क्वालिटी वाली पिस्तौलें बरामद की गई हैं।

वहीं, नेपाल से तस्करी कर स्लोवाकियाई पिस्तौल भी की गई। नेपाली पैसा और नेपाल का सिम कार्ड, बंदूकों की तस्करी के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक स्पेशल लोहे का बक्सा, एक आई-20 कार, एक होंडा एक्टिवा और पांच मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।

स्पेशल सेल का ऑपरेशन और ऐसे हुई अरेस्टिंग

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के मुताबिक पिछले कुछ समय में देखा गया है कि राजधानी दिल्ली और एनसीआर में हीनियस क्राइम रिपोर्ट हुए हैं। जिसमें सोफिस्टिकेटेड वेपंस का इस्तेमाल क्रिमिनल और गैंगस्टर कर रहे हैं। ऐसे ही मामलों को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल का काम कर रही थी और जांच में साफ हुआ हथियार सीमा पार से दिल्ली में आ रहे हैं।

मामलों को देखते हुए स्पेशल सेल के डीसीपी इंगित प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक टीम को तैयार किया गया, जिसमें इंस्पेक्टर मनेंदर सिंह, इंस्पेक्टर सुनील शर्मा, इंस्पेक्टर सोमिल शर्मा और इंस्पेक्टर नीरज को टास्क की जिम्मेदारी दी गई। और जब टीम ने जांच आगे बढ़ाई तो टेक्निकल सर्विलांस, इंटेलिजेंस और लोकल इनपुट की मदद से 25 जुलाई को एक इनपुट मिला की हथियार तस्कर ओवैस उर्फ ​​शमशाद दिल्ली में अपने सहयोगियों को हथियारों की एक बड़ी खेप देने के लिए शांति वन के सामने, घाटा मस्जिद के पास आएगा।

घेरकर पकड़ा गया आरोपी

एसीपी संजय दत्त, सुनील और इंस्पेक्टर मनेंदर सिंह, नीरज कुमार, एसआई वसीक अहमद, एसआई राकेश तोमर, एसआई सुरेंद्र पाल, एएसआई रेशम, एएसआई विजय प्रताप, एएसआई उदय राम, एचसी सिकंदर, सीटी प्रशांत ने शांति वन के सामने घाटा मस्जिद के पास ट्रैप लगाया। दोपहर करीब 2:45 बजे मो. ओवैस उर्फ ​​शमसाद जब वहां पहुंचा तो उसे घेरकर कार में पकड़ लिया गया। मौके से जिगाना और स्लोवाकियाई पिस्तौल सहित 10 सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल बरामद किए। उसकी निशानदेही पर इसके बाकी साथियों को मो. अफरोज और अदनान हुसैन अंसारी को भी हजरत निजामुद्दीन इलाके से गिरफ्तार किया गया।

लॉरेंस गैंग ने भी खरीदा हथियार

पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ में बताया वे अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी नेटवर्क के एक्टिव मेंबर्स थे, जिसका नेतृत्व पहले शाहबाज अंसारी, निवासी खुर्जा, बुलंदशहर कर रहा था। इस नेटवर्क का इस्तेमाल लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल हथियार खरीदने के लिए किया था

इस तरह गैंग देता था तस्करी अंजाम

शाहबाज अंसारी की गिरफ्तारी के बाद मो. ओवैस ने मॉड्यूल का काम संभाला और सीमा पार हथियारों की तस्करी शुरू कर दी और आरोपी मो. अदनान दुबई में अपने साथियों से संपर्क करेगा और हथियारों का ऑर्डर देगा, जो बदले में पाकिस्तान स्थित मॉड्यूल के अन्य सदस्यों को मांग बताएगा।

इस मॉड्यूल के पाकिस्तान में मौजूद मेंबर्स, ऑर्डर लेने के बाद, स्पेशली डिजाइन किये गए छिपे हुए लोहे के बक्से में नेपाल को एयर कार्गो द्वारा हथियारों की स्प्लाई करेंगे। एक बार जब खेप नेपाल पहुंच जाती है, तो इस मॉड्यूल के सदस्य द्वारा इसे आसानी से निकाल लिया जाएगा, क्योंकि नेपाल के कस्टम अधिकारी इस मॉड्यूल से समझौता कर लेते हैं। इसके बाद मो. ओवैस और मो. हथियारों को भारत तक पहुंचाने के लिए अफ़रोज़ भारत-नेपाल सीमा का फायदा उठाते हुए सड़क के रास्ते आता था

इनसे पूछताछ में साफ् हुआ वे एक ड्राई रन सहित चार खेप लाए थे। एक विदेशी पिस्तौल की कीमत लगभग 2-3 लाख होती है, और वे इसे दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अपराधियों और गैंगस्टरों को लगभग 7-8 लाख में बेचते थे।

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