धर्मेंद्र राठौड़ : राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (RTDC) अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने लाल डायरी के मुद्दे पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मैं लाल डायरी नहीं, गांधी डायरी में दिनचर्या लिखता हूं। आईटी के लोग मेरे घर से तीन डायरियां लेकर गए थे, जिनमें गांधी डायरियां थीं। उन्होंने कहा, राजेंद्र गुढ़ा से मेरे लंबे समय से पारिवारिक संबंध रहे हैं। मैं समझ नहीं पाया अंदर ही अंदर क्या षड़यंत्र चल रहा है, ये किन-किन कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं?
धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा, भाजपा राजस्थान सरकार पर झूठे आरोप लगाकर मणिपुर के मुद्दे की गंभीरता को कम करने का षड़यंत्र कर रही है। उसी षड़यंत्र के अंतर्गत राजेंद्र गुढ़ा को मोहरा बनाकर ये हाई वोल्टेज ड्रामा रचा गया है। धर्मेंद्र राठौड़ ने प्रेस विज्ञप्ति ने कहा, मेरे राजेंद्र गुढ़ा से लंबे समय से पारिवारिक संबंध रहे हैं। हमारे संबंधों की प्रगाढ़ता इतनी रही कि लगभग 10 साल पहले वे मेरे घर में रहे। उस समय इनके विधानसभा क्षेत्र के कई लोग आकर मुझसे इनकी आलोचना कर कहते थे, कि इनको अपने घर में नहीं रखना चाहिए। क्योंकि ये बेहद अविश्वसनीय व्यक्ति हैं। लेकिन मेरे व्यक्तिगत संबंधों के कारण मैंने उन बातों पर ध्यान नहीं दिया। एक कांग्रेस कार्यकर्ता होने के नाते मैंने हमेशा इनकी मदद की। साल 2009 और 2019 में अन्य बसपा विधायकों के साथ इन्होंने कांग्रेस ज्वॉइन की, ये तब भी मेरे संपर्क में रहे और इनका बैकग्राउंड जानते हुए भी पार्टी हित में मैंने इनका साथ दिया।
पिछले लगभग साल भर से गुढ़ा पार्टी लाइन से हटकर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ही बयानबाजी कर रहे थे। मैंने इनको समझाने का प्रयास किया कि ऐसा न करें, परंतु मैं तब समझ नहीं पाया कि ये अंदर ही अंदर क्या षड़यंत्र चल रहा है और ये किन-किन कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं? आज आश्चर्यजनक रूप से राजेंद्र गुढ़ा की प्रशंसा कर रहे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कुछ दिन पहले गुढ़ा को जब बिन पैंदे का लोटा कहा था, तब भी मैंने इनका बचाव किया था। यह सर्वविदित है कि BJP ने मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी सरकार गिराने का प्रयास किया। इसी षड़यंत्र का हिस्सा केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कांग्रेस नेताओं, तमाम प्रतिष्ठानों और मुख्यमंत्री के भाई तक के घर पर छापा डाला।
धर्मेंद्र राठौड़ ने कहा, मुझे याद है कि उस घटनाक्रम के दौरान गुढ़ा मेरे घर आए थे, लेकिन इस घटनाक्रम से लेकर कभी भी मेरे से इन्होंने किसी लाल डायरी की चर्चा नहीं की। मैं संभवत: हमेशा गांधी डायरी का उपयोग करता हूं और अपनी दिनचर्या इसमें लिखता हूं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लोग मेरे घर से तीन डायरियां लेकर गए थे, जिनमें ऐसी गांधी डायरियां थीं। ये उनके रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां मणिपुर में हो रहीं हिंसा, महिलाओं से बलात्कार और हत्याओं के मामले पर संसद में चर्चा करना चाहती है। पूरे देश-दुनिया की नजर इस पर है, पर संसद नहीं चल पा रही है। दिल्ली से लेकर जयपुर तक भाजपा राजस्थान सरकार पर झूठे आरोप लगाकर मणिपुर के मुद्दे की गंभीरता को कम करने का षड़यंत्र कर रही है। उसी षड़यंत्र के अंतर्गत राजेंद्र गुढ़ा को मोहरा बनाकर ये हाई वोल्टेज ड्रामा रचा गया है। प्रधानमंत्री के राजस्थान दौरे से महज तीन दिन पहले गुढ़ा और बीजेपी के नेताओं के जो बयान विधानसभा के अंदर और बाहर आए हैं, वो इसी षड़यंत्र का हिस्सा हैं। हालांकि, वो इसमें सफल नहीं हुए।