झुंझुनूं : झुंझुनूं में आई फ्लू जमकर कहर बरपा रहा है। छोटे से लेकर बच्चे इस वायरल की चपेट में आ रहे है। जिला अस्पताल के नेत्र विभाग की ओपीडी 400 से अधिक पहुंच गई है। हर रोज बड़ी संख्या में आई फ्लू पीड़ित मरीज बीडीके अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे है। यह आंकड़ा तो जिले अस्पताल का है। अगर निजी अस्पतालों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हर रोज 2 से 3 हजार के करीब मरीज चिकित्सकों के पास पहुंच रहे है। नेत्र विभाग में पहुंचने वाले मरीजों में 80 प्रतिशत आई फ्लू चपेट से पीड़ित होकर आ रहे है।
घर घर आंखे लाल
एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से लोग अधिक संक्रमित हो रहे हैं। एक व्यक्ति से शुरुआत होकर कुछ ही दिनों में पूरे परिवार की आंखे लाल हो जाती है। जिला अस्पताल में बच्चों के साथ उनके माता-पिता समेत पूरा परिवार उपचार परामर्श के लिए पहुंच रहा है। जिला अस्पताल में बुधवार को 4 सौ से अधिक मरीजों को उपचार परामर्श दिया गया। चिकित्सकों के अनुसार यह संख्या पिछले करीब 13 वर्षो में सबसे अधिक है।
बच्चों की पढ़ाई प्रभावित
बच्चे और बुजुर्ग आई फ्लू की चपेट में अधिक आ रहे हैं। स्कूलों में छोटे बच्चों की बैठक व्यवस्था पास-पास होने तथा बार-बार आंखों को छूने से बच्चे अधिक संक्रमित हो रहे हैं। बच्चों से घरों में माता-पिता संक्रमित हो रहे हैं और दो-तीन दिन में परिवार के अधिकांश सदस्य बीमार हो रहे हैं। पीड़ित बच्चों को स्कूलों से घर पहुंचाया जा रहा है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
सावधानी बरते
आई स्पेस्लिस्ट शीशराम् गोठवाल ने बताया कि
संक्रमित आंख को अंगुली से छूने से अंगुली भी वायरस से संक्रमित हो जाती है। उसके बाद स्वस्थ आंखों या आंखों के आस-पास की जगह को छूने से आई फ्लू हो जाता है। इससे बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है। स्वच्छता बनाए रखें। बार बार हाथ धोएं। हाथों से आंखों को ना छूए। आंखों को नहीं मलते रहे और आंखों को ठंडे पानी से धोना चाहिए। आई फ्लू पीड़ित के संपर्क से दूर रहें।
13 वर्षों में पहली बार
राजकीय बीडीके अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शीशराम गोठवाल ने बताया कि यह वायरल इंफेक्शन है। उमस भरे मौसम में रहने से लोगों को इंफेक्शन हो जाता है और आई फ्लू की चपेट में आ जाते हैं। समय के साथ इसमें आंखों में सूजन, लालपन, दर्द चुभन और पानी आने लगता है। आई फ्लू से पूरी तरह स्वस्थ होने में करीब एक सप्ताह तक का समय लग जाता है। बार बार अनावश्यक आंखों को छूने से बचे। दूरी बनाकर रहे। एम्यूनिटी कमजोर होती है तो फिर सुपर इंफेक्शन हो जाता है। विभिन्न तरह के बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं तो सेहत ओर अधिक प्रभावित होती है। 13 वर्षो में पहली बार इतनी संख्या में मरीज आ रहे है।