जयपुर : चुनावी साल में कांग्रेस सरकार के ट्रबल शूटर रहे मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा अब ट्रबल मेकर के रोल में आ गए हैं। विधानसभा में ‘लाल डायरी’ लहराकर गुढ़ा ने यूथ वोटर्स को खुश करने के साथ समाज के कई तबकों को साधने का प्रयास किया है। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने भास्कर से बातचीत में कहा कि -अजमेर सेक्स स्कैंडल के विलेन गहलोत सरकार में है, इनका नारको टेस्ट करवाया जाए।
पायलट को लेकर गुढ़ा ने कहा – पायलट साहब पांच साल बीजेपी से लड़ते रहे और कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस ने भी उनको विपक्ष मान लिया। अब एक आदमी की कैपेसिटी है, वह कितने साल लड़े। 10 साल से तो लड़ रहा है। मैं कभी उम्मीद भी नहीं करता कि वह मेरी मदद करेंगे या मेरे लिए बोलेंगे। गुढ़ा ने खुद पर चल रहे मुकदमे में एफआर लगाने या गिरफ्तार करने की मांग करते हुए कहा- मेरे खिलाफ मुकदमा लगाया था। मैं तो कहता हूं या तो उस मुकदमे में एफआर लगाओ, नहीं लगाते हो तो मुझे अरेस्ट करके जेल भेजो।
आगे पढ़िए सुखजिंदर सिंह रंधावा का मीडिया के साथ पूरा इंटरव्यू…
लाल डायरी पर इतना बवाल हुआ, आखिर ऐसा क्या है इस लाल डायरी में ?
गुढ़ा : यह लाल डायरी उस समय लाए थे जब सीएम के नजदीकी धर्मेंद्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा था। उस दिन मुख्यमंत्री ने जो शब्द कहे थे, वह मैं कह नहीं सकता। गहलोत उस समय इतने भावुक हो गए थे, उन्होंने कहा कि कैसे भी करके वह लाल डायरी लाइए। छापे के दौरान कम से कम डेढ़ सौ सीआरपीएफ के जवान थे, उस हालत में हम अपार्टमेंट से डायरी लेकर आए थे। विधानसभा में लाठीचार्ज भी हुआ, 9वीं मंजिल पर हम थे और उस डायरी को हमने निकाला। उसका कुछ हिस्सा जल गया, कुछ बच गया और कुछ विधानसभा में मंत्री-विधायकों ने छीन लिया। गुढ़ा ने कहा कि अब मैं फील्ड पर उतरकर रात-दिन मेहनत करूंगा। तभी सफलता मिलेगी। कहा- लाल डायरी में एक-एक लेन-देन का हिसाब है।
शांति धारीवाल कह रहे हैं कि बीजेपी के साथ मिलकर आपने पूरा षड्यंत्र किया है, 150-200 जवानों के बीच कोई कैसे डायरी लेकर आ सकता है?
गुढ़ा : जिस दिन छापा पड़ा था, उस दिन न्यूज भी चली थी। मेरे साथ में धीरज गुर्जर और रामलाल जाट भी थे। वहां लाठीचार्ज हुआ था, वो बात कोई किसी से छिपी हुई है क्या? धारीवालजी तो पता नहीं कौनसा आटा खाते हैं? प्रदेश में जब 10-10, पांच-पाच साल की बच्चियों से रेप होते हैं तो वो कहते हैं कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है, इसलिए हो रहा है। वो तो ऐसे मर्द आदमी हैं। 10 साल की बच्ची को, महिलाओं को अपनी मर्दानगी दिखाते हैं, ऐसे आदमी के बारे में क्या कहा जाए?
आप सीएम गहलोत के साथ थे, आप कह रहे डायरी लाकर ट्रबल शूटर का काम किया,फिर आप गहलोत के लिए ट्रबल-मेकर क्यों बन गए?
गुढ़ा : मैंने गहलोत का साथ देने में कमी नहीं रखी, लेकिन बदले में मेरे साथ क्या हुआ। मुझ पर अपहरण का झूठा मुकदमा तक करवाया। एक गरीब महिला मुझसे मदद मांगने आई, एक आदमी उसका पैसा नहीं दे रहा था, उसकी बच्चियों की शादी के 10 दिन बचे थे। वह महिला सुसाइड करने वाली थी, मैंने अपनी जेब से उसे 3 लाख 84 हजार रुपए देकर बच्चियों की शादी करवाई थी। उसमें गहलोत साहब ने अपहरण और मारपीट का मुकदमा लगवाया। क्यों लगाया? मैं उनके लिए काम नहीं कर रहा था। जो भी चीजें आ रही थीं, मुकदमे का, जेल का डर दिखाकर, दूसरी चीजें दिखाकर जो भी कर सकते थे, कर रहे थे। अब लास्ट में उन्होंने बर्खास्त कर दिया। ऐसा मैंने क्या कर दिया?
आपका अगला सियासी कदम क्या होगा,नई पार्टी बनाएंगे या खोजेंगे?
गुढ़ा : जिन लोगों की वजह से मैं राजनीति में हूं, जिन लोगों ने मुझे यहां तक पहुंचाया है, उनके बीच में जाऊंगा और उनसे ही पूछूंगा कि आगे क्या करना है? लोग जो कहेंगे वो करूंगा। मैं जिससे भी मिल लेता हूं लोग अटकलें लगाना शुरू कर देते हैं। पिछले दिनों ओवैसी साहब से मिला था, तो लोगों ने चर्चाएं चला दीं। ओवैसी साहब पढ़े लिखे नेता हैं, अच्छे सांसद हैं।
आप लाल डायरी का खुलासा करने वाले थे, लेकिन किया नहीं या कर नहीं पाए। इसका अब भी जवाब नहीं मिला है। आपने ऑरिजनल डायरी भी हमें खोलकर नहीं दिखाई है। लोग जानने चाहते हैं देखना चाहते है कि डायरी वाकई है या केवल फोटो कॉपी पन्नों पर लाल जिल्द चढ़ाई हुई है?
गुढ़ा : तथ्य के साथ थीं सारी बातें, मैं सदन में रख रहा था। आपके सामने भी रख रहा था। मुझे अगर विधानसभा में डायरी टेबल करने का मौका मिलता तो बताता किस-किस नेता को क्या-क्या मिला? किसके जरिए मिला। कोई एक नंबर में चेक से थोड़े ही पैसे दिए थे। सारी चीजें थीं, एक एक बात, लेनदेन का ब्योरा था। जब उन्हें लगा कि सारी चीजें बाहर आ रही हैं तभी तो उन्होंने डायरी को छीन लिया। जिनके बारे में उन्होंने (धर्मेंद्र राठौड़) ने लिखा था। चोर को कभी भी लाइट अच्छी नहीं लगती है। चोर को अंधेरा अच्छा लगता है। राजस्थान आज महिलाओं से दुष्कर्म में नंबर वन पर आ गया। मैं दावे के साथ कहता हूं, हमारा नारको टेस्ट करवाइए आप। दुष्कर्म के मामलों में जेल में बंद लोग तो कुछ भी नहीं हैं, हमारे मंत्रिपरिषद के साथियों का पता लग जाएगा। हमारे मंत्रियों का नारको टेस्ट करवा लीजिए, दुष्कर्म के मामले में जो जेल में बंद हैं, वे छोटे पड़ जाएंगे। दुष्कर्म के मामले में अगर कोई डिग्री मिलती हो तो पीएचडी होल्डर होंगे यहां, नाम आएंगे नंबर वन टू, थ्री। दुष्कर्म में सेंचुरी बना चुके लोग मंत्री बने बैठे हैं, हमें शर्म आती है।
यह तो बहुत गंभीर आरोप है। आपके पास क्या सबूत हैं? आपको ये बात अब पता चली है या पहले से पता थी?
गुढ़ा : सबसे बड़े दुष्कर्मी तो मंत्रिपरिषद के अंदर बैठे हैं। अजमेर वाले मामले में फिल्म बन रही है, मुख्यमंत्री जी क्यों गए थे? अजमेर के अंदर केंद्र के मंत्री रहते हुए अपने प्रोटोकॉल को तोड़कर गहलोत एसपी से मिलने क्यों गए थे? उस फिल्म के विलेन तो हमारे साथ बैठे हैं। सबके नाम हैं। फिल्म रिलीज हो गई, वह सारी फिल्म किस पर है, हमारे नेताओं पर ही तो है। महिलाओं के साथ क्या किया, कॉलेज से बच्चियों को ले जाकर क्या क्या नहीं करते थे ये? सबसे बड़े दुष्कर्मी तो मंत्रिपरिषद के अंदर हैं। अगर मेरी बात झूठी हो जाए तो मैं जिंदगी भर के लिए राजनीति छोड़ दूंगा। चौंकाने वाले तथ्य आएंगे कि भ्रष्टाचार, दुष्कर्म सब का पता लग जाएगा।
विधानसभा से जब गुढ़ा को बाहर निकाला गया तो उन्होंने बाहर आकर मीडिया को ये लाल डायरी दिखाई।
सियासी हलकों में इस बात की भी चर्चा है कि आपके समर्थन में अब तक सचिन पायलट ने कोई बयान नहीं दिया?
गुढ़ा : पायलट हो, गहलोत हो, दिल्ली हो, राजेंद्र गुढ़ा शुरू से ही अपने दम से राजनीति करता है। मैं तो इसके लिए 100 पर्सेंट तैयार हूं। दो दिन पहले मंत्री था, अब वह पद नहीं रहा फिर भी आपके सामने बैठा हूं न। मेरे खिलाफ मुकदमा लगाया था। मैं तो कहता हूं या तो उस मुकदमे में एफआर लगाओ, नहीं लगाते हो तो मुझे अरेस्ट करके जेल भेजो।
सचिन पायलट की चुप्पी पर क्या कहेंगे?
गुढ़ा : पायलट साहब पांच साल बीजेपी से लड़ते रहे और कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस ने भी उनको विपक्ष मान लिया। तो उनसे लड़ते रहे। अब एक आदमी की कैपेसिटी है वह कितने साल लड़े। 10 साल से तो लड़ रहा है। पहले वे वसुंधरा सरकार से लड़े। अभी वाली सरकार से लड़े। इस मामले के अंदर मैं कभी उम्मीद भी नहीं करता कि वे मेरी मदद करेंगे या मेरे लिए बोलेंगे। किसी और से भी उम्मीद नहीं करता सिर्फ इसलिए नहीं करता कि मुझे इसकी जरूरत नहीं है।
मैं राजनीति मेरे लोगों के द्वारा करता हूं। मेरे लिए तो मेरी जनता है, मेरी जिन बहन बेटियों ने मुझे विधानसभा के अंदर भेजा, मैं उनके विश्वास पर खरा उतरूंगा। मैं ज्यादा बड़ा नेता भी नहीं हूं और ज्यादा बड़ी आकांक्षा भी नहीं है। कोई दिल्ली की बात करूं, यहां की करूं, राहुल जी की बात करूं। ये लोग पहले रसगुल्ले अपने हाथ से मुंह में देते थे, आज बाहर कर दिया। राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार देकर बाहर कर दिया, उस पर पूरे देश में चर्चा हुई, कांग्रेस ने विरोध किया। मेरे साथ तो राहुल गांधी से बहुत ज्यादा खराब बर्ताव हुआ है, जैसा बर्ताव इन्होंने मेरे साथ किया वैसा तो नहीं हुआ।
अजमेर ब्लैकमेलिंग कांड की आड़ में कांग्रेस नेताओं पर हमला
गुढ़ा ने विधानसभा के बाहर कहा कि कांग्रेस के मंत्री विधायक दुष्कर्मी हैं। इनके ऊपर फिल्में बन रही हैं। अजमेर 1992 इनके ऊपर ही है। इसमें कांग्रेस के नेताओं की भूमिका है।