झुंझुनूं : बच्चों व वयस्कों को नशीली दवाइयों से दूर रखने के लिए जिले के सभी मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी लगाए जाने थे। इस संबंध में डेढ महीने पहले जिला कलेक्टर ने आदेश भी जारी किए थे। लेकिन आज तक भी 99 प्रतिशत मेडिकल दुकान पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए है।
इस मामले को लेकर जिला कलेक्टर भले ही गंभीर दिख रहा हो, लेकिन अधिकारी लापरवाह नजर आ रहे है।
बीते डेढ़़ महीने में कलेक्टर के आदेश की पालना नहीं हो पाई। आदेश की पालना नहीं होने पर जिला कलक्टर ने बैठक में ड्रग इंस्पेक्टर सरिता मीणा को जमकर लताड़ लगाई थी। नाराजगी जाहिर करते हुए सीएमएचओ को केमिस्ट एसोसिएशन की बैठक बुलाकर जल्द से जल्द सीसीटीवी कैमरा निर्देश दिए थे।
फटकार पड़ी तो दौडे़ अधिकारी
जिला कलेक्टर की लताड़ के बाद सीएमएचओं ने मामले को गंभीरता लेते मेडिकल स्टोर संचालकों की बुलाई बैठक थी। उन्हें सात दिवस में जिले के सभी मेडिकल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के दिए निर्देश दिए। पालना नहीं करने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।
जिले में करीब दो हजार मेडिकल स्टोर
जिले में इस समय करीब दो हजार के आस-पास मेडिकल स्टोर हैं। नशीली दवाओं की बिक्री को लेकर पूर्व में गाइडलाइन भी जारी की गई थी। इसमें कहा गया था कि चिकित्सक की पर्ची के बिना किसी को नींद तथा अन्य नशीली दवाइयों का बिक्री नहीं करें। इस पर और सख्ती से अमल के लिए डेढ़ महीने पहले जिला कलेक्टर ने मेडिकल स्टोर पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया था।
यह फायदे होंगे
जिले के अनेक मेडिकल स्टोर पर प्रतिबंधित नशे की गोलियां बेची जा रही है। विभाग ने कई प्रतिष्ठानों पर ऐसी गोलियां भी जब्त की थी। कैमरा लगाने के बाद दुकानदार बच्चों को ऐसी गोलियां नहीं बेच सकेंगे। इसके अलावा अभी अनेक दुकानदार बिना डॉक्टर की पर्ची के दवा दे देते हैं, उस भी अंकुश लगेगा।
पालना नहीं करने पर होगी कार्रवाई
जिला कलेक्टर के आदेशानुसार औषधि नियंत्रक प्राधिकरण, सीडब्ल्यूपीओ द्वारा समय समय पर मेडिकल का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। यदि कोई मेडिकल या फार्मेसी की दुकानों के मालिक आदेश की पालना करते हुए नहीं पाए गए तो उनके खिलाफ 133 के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।