झुंझुनूं-बुहाना(पचेरी) : दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग लड़की का मेडिकल करने से डॉक्टरों ने मना कर दिया। एक डॉक्टर ने तो मना कर अपना फोन ही स्विच ऑफ कर लिया। राजकार्य में लापरवाही मानते हुए CMHO ने दो महिला डॉक्टर को एपीओ कर जयपुर मुख्यालय के लिए रिलीव कर दिया।
दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग का मेडिकल कराने के लिए पचेरी पुलिस व पीड़िता के परिजनों को करीब छह घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार करना पड़ा। दो अस्पतालों के डॉक्टरों ने तो मेडिकल करने से साफ ही मना कर दिया।
दोनों डॉक्टर को किया एपीओ
सीएमएचओ ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए दोनों डॉक्टरों को एपीओ कर दिया है। पचेरी थाना इलाके के गांव की एक नाबालिग को तीन दिन पहले एक युवक बहला फुसलाकर भगा ले गया था। पुलिस ने सोमवार देर शाम नाबालिग को दस्तयाब कर उसका मेडिकल कराने के लिए पचेरी अस्पताल लेकर गई। वहां की प्रभारी डॉक्टर वृतिका अस्पताल में नहीं मिली।
फोन करने पर मेडिकल करने से मना कर दिया और मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। इसके बाद पुलिस ने बीसीएमओ डॉ. जगवीर भगासरा को सूचना दी। तब बीसीएमओ ने बुहाना सीएचसी ले जाकर मेडिकल कराने को कहा। पुलिस बुहाना सीएचसी पहुंची।
पहले फोन बंद, फिर साफ मना किया
डॉक्टर संतोष भगसरा ने साफ-साफ मेडिकल करने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने सीएमएचओ डॉ राजकुमार डांगी को जानकारी दी, उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों महिला डॉक्टर को राज कार्य में लापरवाही मानते हुए एपीओ कर दिया।
जयपुर के लिए आदेश कर दिए। बीसीएमएचओ डॉ राजकुमार डांगी ने एक टीम का गठन किया इस टीम में भैसावता PHC की डॉ निकिता और कुहाडवास PHC की डॉक्टर सरिता जांगिड़ को शामिल किया।
डॉ. निकिता तो बुहाना सीएचसी पहुंच गई, लेकिन कुहाड़वास की डॉक्टर सरिता रात 10 बजे तक भी बुहाना नहीं पहुंची। तब तक पीड़िता व उसके परिजनों तथा पुलिस को इंतजार करना पड़ा। करीब सवा दस बजे बुहाना पहुंची तब मेडिकल किया जा सका।
सीएमएचओ बोले- यह अनुशासनहीनता
सीएमएचओ डॉ. डांगी ने बताया कि पचेरी कला पीएचसी की डॉ. वृतिका व बुहाना सीएचसी की डॉ. सन्तोष भगासरा को पीड़िता का मेडिकल करने के निर्देश दिए थे। दोनों ने राजकार्य नहीं करने से मना कर दिया।
यह आदेशों की अवहेलना व अनुशासनहीनता है। इसलिए दोनों को निदेशालय जयपुर के लिए एपीओ किया गया है। सीएमएचओ ने कहा कि इस तरह की लापरवाही, अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।