ईद उल अज़्हा की नमाज़ की नियत : अस्सलामु अलैकुम मेरे प्यारे भाइयो और बहनो आज में ऐसी इंफॉर्मेशन देने जा रहे है। ईद उल अज़्हा की नमाज़ का तरीका इस पोस्ट में सब कुछ क्लियर बताया गया है की घर पर ईद कि नमाज़ कैसे होगी या औरतो की ईद उल अज़्हा की नमाज़ का तरीका क्या है आइए जानते हैं।
ईद उल अज़्हा की नमाज़ का तरीका और ईद के दिन की सुन्नतें
ईदुल फ़ित्र और ईदुल अज़्हा की नमाज़ का तरीका एक जैसा ही है बस वक़्त बदल जाता है अब जानते है ईद उल अज़हा की नमाज़ पढ़ने का तरीका ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका सबसे पहले ईद उल अज़्हा की नमाज़ की नियत करेंगे नियत इस तरह से करेंगे
ईद उल अज़्हा की नमाज़ की नियत
नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ वाजिब ईदुल अज़्हा की मय ज़ाइद 6 तकबीरों के वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के, मुंह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ इतना कहकर दोनों हाथ कानों तक उठाए और फिर अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बाँध ले फिर सना पढ़ेंगे सना के अलफ़ाज़ इस तरह से होंगे
सना
“सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जद्दुका वला इलाहा गैरुका”
सना पढ़ने के बाद फिर कानो तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहता हुआ हाथ छोड दे फिर दूसरी बार कानों तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहकर हाथ छोड दे फिर तीसरी बार हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर बाँध लें और इमाम जो भी पढ़े उसे खामोशी के साथ बिना हिले डुले अच्छे से सुने
इमाम साहब अऊजु बिल्लाह, बिस्मिल्लाह और सूरए फातिहा और कोई सूरत पढे मुक्तदी खामोश रहे यानी इमाम साहब के पीछे पढ़ने वाले खामोश रहे फिर इमाम साहब के पीछे रुक्रू व सज्दे करे जब दूसरी रकअत के लिये खड़े हो तो इमाम बिस्मिल्लाह सूरए फातिहा और कोई सूरत पढे ( मुक्तदी यहाँ भी खामोश खडे रहे ) जब इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहे तो कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दे
एक बार फिर अल्लाहु अकबर कहे अल्लाहु अकबर कहे तो कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दे फिर से अल्लाहु अकबर कहे तो कानों तक हाथ ले जाकर छोड़ दे और जब चौथी बार फिर से अल्लाहु अकबर कहे तो बगैर हाथ उठाए अल्लाहु अकबर कहता हुआ रुकू में जाए और उसके बाद और नमाज़ के मुताबिक नमाज़ पूरी करे ।
Eid Ul Adha ki Namaz kaTarika_ईद उल अजहा की नमाज का तरीका
यानी की जैसी और नमाज़ होती है वैसे ही नमाज़ पढ़ना है बस पहली रकअत में नियत के बाद पहली तकबीर हाथ बांधकर सना पढ़ेंगे फिर सना पढ़ने के बाद तीन बार ( तीन तकबीर होगी ) दो बार अल्लाहु अक्बर कहते हुए हाथ उठाना है और छोड़ देना है और तीसरी बार में अल्लाहु अक्बर कहते हुए हाथ उठाना है और हाथ बांधना है
इसी तरह दूसरी रकअत में सूरह फातिहा और दूसरी सूरह के बाद तीन बार अल्लाहु अक्बर कहते हुए हाथ उठाना है और छोड़ देना है और चौथी बार में रुकू में जाना है और बाकी नमाज़ और नमाज़ो की तरह ही इमाम साहब के पीछे पूरी करेंगे, जब ईद की नमाज़ मुकम्मल हो जाए तो फिर इमाम साहब ख़ुत्बा पढ़ेंगे जिसे गौर से सुन्ना चाहिए
जुम्मा का खुत्बा वाजिब है जिसे सुन्ना जरुरी है बहरहाल किसी मज़बूरी के कारन ईद का खुत्बा नहीं भी सूना तो कोई बात नहीं लेकिन सुन्ना अफजल है
Aurton ki Eid Ul Adha ki Namaz kaTarika – औरतों की ईदुल अज़्हा की नमाज़ का तरीका
ईद की नमाज़ वाजिब नमाज़ है लिहाजा ईद की नमाज़ औरतों पर वाजिब नहीं है लिहाज़ा औरते घर पर ही रहकर नफ़्ल नमाज़ अदा करे जैसे शुक्राने की दो रकअत नफ़्ल या चास्त की नमाज़ याद रहे ईद की नमाज़ से पहले कोई भी नफ़्ल नमाज़ नहीं होगी
जब तक मर्दो की ईद की नमाज़ न हो जाए तब तक घर की औरते कोई भी नफ़्ल या चास्त की नमाज़ अद नहीं कर सकती ईद की नमाज़ मुसाफिर पर बीमार पर अपाहिज पर बहुत ज्यादा बूढ़े आदमी पर औरतो पर वाजिब नहीं होती है
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खुदा हाफिज
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