अजमेर : SOG की निलंबित ASP दिव्या मित्तल की जमानत निरस्त करने को लेकर दायर अर्जी पर अब सुनवाई 11 जुलाई को होगी। एनडीपीएस कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन यह टाल दी गई। इस दौरान सुनवाई में पहुंची दिव्या मित्तल ने मीडिया से कहा- मेरे ऊपर लगाए आरोप षड्यंत्र का हिस्सा है। 2 करोड़ की रिश्वत मामले में दिव्या जमानत पर रिहा हैं।
मैंने एक भी रुपए की डिमांड नहीं की
मैं बिल्कुल निर्दोष हूं। इसकी किसी भी स्तर पर जांच कराई जा सकती है। एसीबी ने जिस मामले में गिरफ्तार किया था, उसमें एक ही रिकार्डिंग है। उसकी दो बार सीडी बनाई। मुझे जो सीडी प्राप्त हुई है, उसमें जो शब्द है। वह अलग है। इसके अलावा जो परिवादी ने शब्द बोले हैं, उसे भी मेरा बताया है। दो करोड़ से लेकर एक रुपए तक की डिमांड मैंने नहीं की है।
फरार साथी कॉन्स्टेबल सुमित के सवाल पर बोली- एक चीज क्लियर कर दूं कि वह बर्खास्त नहीं हैं। उसने राज्य सेवा से त्याग पत्र दिया है। दूसरी बात शराब माफिया के रूप में मीडिया में हाईलाइट किया गया है, जबकि एक भी मामला दर्ज नहीं है। न ही उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है।
जमानत निरस्त करने की अर्जी दायर की थी
दिव्या मित्तल की जमानत निरस्त करने की मांग को लेकर एसओजी ने एनडीपीएस अदालत में अर्जी दायर की थी। बताया था कि आरोपी ने अदालत के सामने गलत तथ्य देकर जमानत पाई है। इस कारण आरोपी को पुनः गिरफ्तार किए जाने की मांग की गई है।
एनडीपीएस कोर्ट ने दी थी जमानत
10 अप्रैल को दिव्या मित्तल को जमानत दी गई थी। एसओजी ने एनडीपीएस के मामले में जांच सही से नहीं करने के चलते मित्तल को गिरफ्तार किया था। एनडीपीएस कोर्ट के जज ने दिव्या को रिहा करने का आदेश देते हुए टिप्पणी की थी। कहा था एसओजी ने कोई लिखित शिकायत और राज्य सरकार से पूर्व अनुमति पेश नहीं की। ऐसे में जमानत पर रिहा किया जाता है।
6 जून को आय से अधिक संपत्ति का दर्ज हुआ था मुकदमा
एसीबी की ओर से 6 जून को दिव्या और बर्खास्त कॉन्स्टेबल सुमित के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया गया था। 9 जून को अजमेर और उदयपुर एसीबी ने दोनों के ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया था।
एसीबी ने जांच में पाया था कि दिव्या के पास आय से 123.53 प्रतिशत अधिक संपत्ति है। वहीं, सुमित के पास 523.34 प्रतिशत अधिक संपत्ति मिली।
4 जनवरी को मिली थी शिकायत
4 जनवरी को शिकायतकर्ता ACB के पास आया था। उसने बताया था कि हरिद्वार में दवा बनाने की एक कंपनी है। उससे दलाल के जरिए 2 करोड़ की रिश्वत की डिमांड की गई थी। एसीबी ने इस संबंध में अपनी यूनिट को तैयार कर लिया। 12 जनवरी को एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत ट्रैप की कार्रवाई करने के लिए जयपुर से रवाना हुए थे। आरोपियों को 25 लाख काम से पहले और 25 लाख काम के बाद देने की बात तय हुई थी। आरोपी दलाल ने उस दौरान पैसा नहीं लिया।
2 करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में जयपुर ACB टीम ने अजमेर में 16 जनवरी को दिव्या मित्तल को पकड़ा था। दिव्या मित्तल को एसीबी की टीम अजमेर से जयपुर लाई थी। इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल दिव्या हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर है।